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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जनवादी कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षणों का सच

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  इन दिनों उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण पर पूरी दुनिया में मीडिया ने शोर मचा रखा है तो क्या इसी मीडिया के मुताबिक क्या उत्तर कोरिया किसी युद्ध की तैयारी कर रहा है?  तो इसका जवाब है  नहीं! उत्तर कोरिया सिर्फ जायज तरीके से अपने बचाव के लिए ऐसा कर रहा है.  लोगों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि अमेरिका ने 9 सितम्बर 1945 से ही कोरिया के दक्षिणी हिस्से (दक्षिण कोरिया) पर कब्जा कर रखा है और वहाँ अपने सैनिक अड्डे बना रखे हैं. इसके अलावा जापान के ओकिनावा द्वीप, गुआम और फिलीपींस में भी अमेरिकी सैनिक अड्डे मौजूद हैं. अमेरिकी परमाणु हथियारों का बड़ा जखीरा दक्षिण कोरिया में मौजूद है. ये दावा किया जाता है कि अमेरिका ने वहाँ से  अपने परमाणु हथियार हटा लिए हैं पर इसकी कभी स्वतंत्र रूप से जांच नहीं की गई है. इसके अलावा अमेरिका ने उत्तर कोरिया से 3425 किमी दूर अपने कब्जाए हुए गुआम द्वीप में अपनी परमाणु पनडुब्बी यूएसएस नेवादा (USS Nevada) और परमाणु हथियारों से लैस युद्धक विमानों को तैनात कर रखा है. उत्तर कोरिया को अमेरिका की फासिस्ट कठपुतली दक्षिण कोरिया से भी खतरा है. अमेरिकी सहयोग से दक्षिण कोरिया

बच्चों की मुस्कान के लिए

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  इन दिनों समाजवादी देश उत्तर कोरिया में नए साल के नए शैक्षणिक सत्र के शुरू होने से पहले  देश के सभी छात्रों को हर साल की भांति इस बार भी मुफ्त में काॅपी, किताब, स्टेशनरी का सामान, बैग और स्कूल ड्रेस देने के लिए संबंधित कारखानों में जोर शोर से उत्पादन कार्य हो रहा है.   पार्टी सेक्रेटरी किम जंग उन के निर्देश पर 2016 में आधुनिकतम मशीनों और तकनीक से लैस नोटबुक फैक्ट्री लगाई गई जिसमें छात्रों के लिए बढ़िया किस्म के नोटबुक तैयार किए जाते हैं. फैक्ट्री के मजदूरों ने इस शैक्षणिक सत्र के लिए जरूरी नोटबुक का उत्पादन कार्य पूरा कर लिया है. उधर देश की दो प्रमुख स्टेशनरी फैक्ट्रियों में स्कूली छात्रों के लिए बढ़िया किस्म की स्टेशनरी ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तैयार की जा रहीं हैं. छात्रों के लिए पेंसिल समेत स्टेशनरी सामानों का निर्माण उत्तर कोरिया की आजादी के बाद से ही पार्टी और सरकार की पहली प्राथमिकता रही है. स्टेशनरी फैक्ट्रियों में और भी बेहतर  किस्म के सामान बनाने के लिए अनुसंधान कार्य भी जोर शोर से चलता रहता है यही चीज स्कूल की किताबें छापने वाली प्रेस में भी हो रही है. उधर देश के सिनउइजू

जनवादी कोरिया में फ्रांसीसी संगीत और भारतीय फ़िल्म

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ये कैसे संभव है हमें तो दावे के साथ मीडिया और विशेषज्ञों द्वारा ये बताया जाता है कि उत्तर कोरिया में विदेशी संगीत और फिल्मों पर प्रतिबंध है और उसका उल्लंघन करने पर मौत की सजा तक का प्रावधान है तो फिर कैसे उत्तर कोरिया में फ्रांसीसी संगीत बजाया जा रहा है और भारतीय फिल्म खुल्लमखुल्ला दिखाई जा रही है?  वीडियो में उत्तर कोरिया का सामजीयन बैंड फ्रांस का शास्त्रीय संगीत Carmen Overture बड़े उत्साह से बजा रहा है.  इसके अलावा उत्तर कोरिया  घूमने गए पर्यटकों ने इस बात की तस्दीक भी की है कि वहाँ की सबसे बड़ी पब्लिक लाइब्रेरी के म्यूजिक सेक्शन में बीटल्स (The  Beatles) जैसे पश्चिमी संगीतकारों के अलावा दुनिया भर का संगीत एल्बम मौजूद है जिसका लुत्फ़  कोई भी आम उत्तर कोरियाई नागरिक उठा सकता है. सिंगापुर के पत्रकार आरम पान (Aram Pan) का कोरोना के पहले अक्सर उत्तर कोरिया जाना होता था.  फ्यंगयांग शहर के एक इलाके में घूमते हुए एक इमारत जो सिनेमा थिएटर थी उसकी तस्वीर लेते समय उन्हें पता चला कि वहाँ एक भारतीय हिन्दी फिल्म भी दिखाई जा रही है. उनके मुताबिक फिल्म का कोई पोस्टर नहीं लगा रहने से पर्यटकों को इस

वर्कर्स पार्टी की पोलिट ब्यूरो की हालिया बैठक का निर्णय

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 19 जनवरी 2022 को उत्तर कोरिया की वर्कर्स पार्टी की पोलिट ब्यूरो की बैठक हुई जिसमें कोरियाई प्रायद्वीप की ताजा स्थिति और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर चर्चा की गई. इस बैठक में खासकर अमेरिका की शत्रुतापूर्ण नीतियों से कोरियाई प्रायद्वीप में बिगड़ते हालातों का विश्लेषण किया गया.  हाल के महीनों में अमेरिका द्वारा उत्तर कोरिया पर लगभग 20 बार प्रतिबंध लगाए गए,  यहाँ तक कि बच्चों के लिए कार्टून फिल्में बनाने वाले एक स्टूडियो को भी नहीं बख्शा गया(अब कार्टून स्टूडियो का परमाणु हथियारों से क्या संबंध हो  सकता है ये कोई समझा दे. ये अमेरिकी जंगखोर  अब और ज्यादा पागल ही हो चुके हैं और खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली हरकतें कर रहे हैं).    अमेरिका ने हाल के वर्षों में अपने सबसे वफादार गुलाम दक्षिण कोरिया के साथ उत्तर कोरिया के खिलाफ कई दफे साझा सैनिक अभ्यास किए और अब वो दक्षिण कोरिया में खतरनाक हथियारों का जखीरा  जमा करने के साथ साथ कोरिया प्रायद्वीप के आस पास परमाणु पनडुब्बियों को भी तैनात कर रहा है. साफ है कि अमेरिका ने उत्तर कोरिया के प्रति अपने शत्रुतापूर्ण इरादे को नहीं छोड़ा है. अमेरिका की मंशा हमेशा

जनवादी कोरिया में आम माफी

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 उत्तर कोरिया की संसद की स्थायी समिति ने देश  के अपराधियों को आम माफी देने का एलान किया है. ये  आम माफी देश के नेताओं किम इल संग और किम जंग इल की 110 वीं और 80 वीं जयंती के अवसर पर दी गई.  उत्तर कोरिया में पिछले 10 सालों में चौथी बार देश और जनता के अपराधियों को माफी दी गई है .  वहीं उत्तर कोरिया को मानवाधिकार का नरक कहने वाले अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में इस तरह से कभी आम माफी नहीं दी जाती है. उत्तर कोरिया में अपराध के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाता है जिसमें अपराधियों को सख्त सजा देने के बजाय उनकी शिक्षा दीक्षा और पुनर्वास पर जोर दिया जाता है. साम्राज्यवादी और उसके पिछलग्गू तथाकथित मानवाधिकारवादी लिबरल हमेशा चिल्लाते रहते हैं कि उत्तर कोरिया में लाखों लोग जेल कैंपों में बंद हैं पर जब वहाँ अपराधियों को इस तरह से आम माफी दी जा रही है तो फिर जेल कैंपों में इतनी बड़ी तादाद में लोग कैसे बंद रह सकते हैं? 

एक आम अमेरिकी मध्यमवर्गीय महिला की नजर में जनवादी कोरिया के लोगों का जीवन स्तर

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  उत्तर कोरिया के निवासियों के जैसे रहने के लिए अमेरिका के निवासियों को कितना खर्च करना पड़ेगा?  कर दी ना बेतुकी बात! अब भला दुनिया के "गरीबतम" मुल्कों में गिने जाने वाले उत्तर कोरिया के लोगों का जीवन स्तर की तुलना दुनिया के "सबसे अमीर" मुल्क अमेरिका के लोगों के जीवन स्तर से  की जा सकती है भला! एक बार दोनों देशों की GDP तो देख लेते!  कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली! फिर भी दोनों देशों के लोगों की जीवन स्तर की तुलना कर के देखने में क्या हर्ज है अमेरिका के लास ऐंजेलेस (Los Angeles) शहर में रहने वाली दक्षिण कोरिया मूल की अमेरिकी नागरिक वी छान मी ने कई दफे उत्तर कोरिया की यात्रा की और सितम्बर 2017 में  तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिकी नागरिकों के उत्तर कोरिया जाने पर पूर्ण प्रतिबंध (जो  अभी भी जारी है) लगाने से पहले 2016 में आखिरी बार उत्तर कोरिया की यात्रा की और उन्होंने उत्तर कोरिया की राजधानी फ्यंगयांग और अपने शहर लास ऐंजेलेस के लोगों के जीवन स्तर की तुलना करते हुए एक लेख लिखा जो अमेरिका में दक्षिण कोरियाई प्रवासियों के प्रगतिशील संगठन Korea A

खमदक खदान शहर

  नए साल 2022 की पूर्व संध्या पर 30 और 31 दिसंबर 2021 को समाजवादी देश उत्तर कोरिया की सरकार ने उत्तर हामग्यंग प्रांत में पहाड़ी घाटी में अवस्थित खमदक खदान क्षेत्र के निवासियों को नए घरों की सौगात दी. खमदक देश का प्रमुख जस्ता(Zinc) उत्पादन क्षेत्र है. यहाँ खदान मजदूरों की बस्ती हुआ करती थी पर अगस्त सितम्बर 2020 में चक्रवाती तूफान माईसाक के कहर से बस्ती पूरी तरह तबाह हो गई. वर्कर्स पार्टी के महासचिव किम जंग उन ने प्रभावित इलाकों का तुरंत दौरा किया और खदान मजदूरों की बस्ती को नए रुप से बसाने के निर्देश दिए और सालभर के अंदर ही इस पहाड़ी घाटी में हजारों परिवारों के लिए विभिन्न प्रकार के आधुनिक फ्लैट तैयार हो गए और एक नया समाजवादी शहर ही बसा दिया गया. एक समारोह में लाभुकों को आवासीय परमिट बांटे गए और लाभुकों ने आवासीय परमिट को हवा में लहराते हुए *वर्कर्स पार्टी जिंदाबाद! " कहते हुए अपनी खुशी का इजहार किया और इसमें से कुछ भावुक भी हो गए. खमदक शहर को बनाने में कोरिया की जन सेना की प्रमुख भूमिका रही और एक जवान ने कहा कि हमनें पास हुए डिजाइन का कड़ाई से पालन करते हुए और  गुणवत्ता का ख्याल र

जनवादी कोरिया में साल 2022 का आगाज

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सभी को नए साल की शुभकामनाएं.  उत्तर कोरिया की राजधानी फ्यंगयांग में हर साल की भांति नए साल का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. वहाँ नए साल के मौके पर शहर के आदर्श मजदूर, किसान, बुद्धिजीवी, छात्र और किशोर वर्ग द्वारा राष्ट्रीय झंडा फहराने जाने की परंपरा है. झंडा फहराने के बाद रंगारंग आतिशबाजी का आयोजन किया गया. इस समारोह से उत्तर कोरिया के बारे में एक और वाहियात किस्म का मिथक ध्वस्त होता है कि वहाँ का कैलेंडर 15 अप्रैल 1912 से शुरू होता है.  इसकी उम्मीद तो बिल्कुल नहीं है फिर भी नए साल में उत्तर कोरिया को लेकर अमेरिकी साम्राज्यवादी और उसके पिट्ठू दलाल दक्षिण कोरिया  और उनके पैसे पर पलने वाले तथाकथित  "विशेषज्ञों" और "बुद्धिजीवियोंं"  के झूठ और जहरीले प्रोपेगेंडा के कारोबार के ध्वस्त होने की कामना जरूर है.