दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और पाठ्यक्रमों में भारत की छवि
यह पोस्ट मुझ जैसे मामूली कोरियाई मामलों के जानकार के नितांत निजी अनुभव और पढ़ाई पर आधारित है. मुझे एक सीधी बात समझ में आती है कि ताली एक हाथ से नहीं बजती खासकर दो देशों के संबंधों में हलांकि अमेरिका ने इस चीज को तार तार कर दिया है. इसका मतलब यह नहीं कि गैर बराबरी को ही परम् सत्य मान लिया जाए. भारत के ज्यादातर लोगों में दक्षिण कोरिया के बारे में बहुत ही अच्छी छवि बनी हुई है. दक्षिण कोरिया में भी ऐसे व्यक्ति या समूह हैं जो भारत के बारे में सकारात्मक समझ रखते हैं और मेरा यह मानना है कि यह उनका भारत को जानने का व्यक्तिगत या सामूहिक प्रयास होगा. क्योंकि नीचे के दो उदाहरणों से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भारत के बारे में बुनियादी समझ ही नहीं है या फिर वे जानबूझकर भारत की सही छवि पेश ही नहीं करना चाहते. तो आम जनता के बीच अच्छी छवि कैसे बनेगी. इस वीडियो को देखकर तो यही समझ में आता है कि दक्षिण कोरिया का मीडिया भारत के शहरों और राज्यों को नक्शे में सही रुप से नहीं दर्शा सकता और ये कोई मामूली चैनल नहीं दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा शिक्षा चैनल EBS (Educ