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मई, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और पाठ्यक्रमों में भारत की छवि

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यह पोस्ट मुझ जैसे मामूली कोरियाई मामलों के जानकार के नितांत निजी अनुभव और पढ़ाई पर आधारित है. मुझे एक सीधी बात समझ में आती है कि ताली एक हाथ से नहीं बजती खासकर दो देशों के संबंधों में हलांकि अमेरिका ने इस चीज को तार तार कर दिया है. इसका मतलब यह नहीं कि गैर बराबरी को ही परम् सत्य मान लिया जाए. भारत के ज्यादातर लोगों में दक्षिण कोरिया के बारे में बहुत ही अच्छी छवि बनी हुई है. दक्षिण कोरिया में भी ऐसे व्यक्ति या समूह हैं जो भारत के बारे में सकारात्मक समझ रखते हैं और मेरा यह मानना है कि यह उनका भारत को जानने का व्यक्तिगत या सामूहिक प्रयास होगा. क्योंकि नीचे के दो उदाहरणों से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि  दक्षिण कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भारत के बारे में बुनियादी समझ ही नहीं है या फिर वे जानबूझकर भारत की सही छवि पेश ही नहीं करना चाहते. तो आम जनता के बीच अच्छी छवि कैसे बनेगी. इस वीडियो को देखकर तो यही समझ में आता है कि दक्षिण कोरिया का मीडिया भारत के शहरों और राज्यों को नक्शे में सही रुप से नहीं दर्शा सकता और ये कोई मामूली चैनल नहीं दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा  शिक्षा चैनल EBS (Educ

जनवादी कोरिया के ड्राइवर दंपत्ति और उनका आलीशान आशियाना

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 एक आलीशान घर के मालिक ड्राइवर दंपत्ति जनवादी कोरिया की समाजवादी व्यवस्था में अभूतपूर्व योगदान देने वाले आम मजदूरों और किसानों के लिए जनवादी कोरिया की  वर्कर्स पार्टी की जनवरी 2021 में पार्टी की आठवीं कांग्रेस में राजधानी फ्यंगयांग के बोथोंग  नदी के किनारे एक आलीशान आवासीय क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया गया जिसके तहत  कुल 800 आलीशान घरों वाला एक शानदार टाउनशिप एक साल के भीतर बनकर तैयार हो गया और 13 अप्रैल 2022 को इसका उद्घाटन कर लोगों का गृहप्रवेश कराया गया. ऐसे घरों के मालिक सरकारी उच्चाधिकारी, मंत्री, सासंद, विधायक या बड़े धनपशु नहीं बल्कि साधारण मजदूर हैं.   चीन में रहने वाले जनवादी कोरिया के नागरिक द्वारा चीन के लोगों जनवादी कोरिया की असल सच्चाई बताने वाले इस यूट्यूब वीडियो चैनल ( यूट्यूब का कोई भरोसा नहीं कि कब इस चैनल को बंद कर दे क्योंकि यूट्यूब आखिर जनवादी कोरिया के खिलाफ अमेरिकी साम्राज्यवाद के सूचना युद्ध (Information War) का ही अंग है और यूट्यूब  पहले भी जनवादी कोरिया की असल हकीकत बयान  करने वाले चैनलों को बंद कर चुका है. इसलिए इस वीडियो को डाउनलोड कर लिया गया है) में एक ड्राइ

महामारी से सफलतापूर्वक लड़ाई-1

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शैतान दक्षिण कोरियाई और पश्चिमी मीडिया के बकवास खबरों के विपरीत जनवादी कोरिया कोविड से सफलतापूर्वक अपने दम और संसाधनों से लड़ रहा है.  देश के राजकीय आपातकालीन महामारी रोकथाम मुख्यालय (State Emergency Epidemic Prevention Headquarters) के प्रमुख ने महामारी से संबंधित आंकड़े (18 मई  2022 ) पेश करते हुए महामारी रोकथाम में एक एक पल के अहमियत पर जोर दिया, साथ ही सच्चे कम्युनिस्ट की तरह  शुरुआती दौर में अपने महकमे की गैर जिम्मेदाराना और ढीले ढाले रवैये को भी स्वीकार किया . कम्युनिस्ट अपनी कमी खुलकर स्वीकार करते हैं और जनता से कुछ नहीं छुपाते.  राजधानी फ्यंगयांग समेत देश के अन्य शहर वनसान, सिनउईजू  हामहुंग  में  महामारी के रोकथाम के लिए सारे जरूरी जांच ( PCR) की जा रही है साथ ही एक त्वरित दस्ते का गठन किया गया है जिसमें महामारी विशेषज्ञ, जीवाणु और रोगाणु विशेषज्ञ, पृथकवास (Quarantine) विशेषज्ञ कीटाणुशोधन (Disinfection) विशेषज्ञ  शामिल हैं और वे घर घर जाकर जांच कर रहे हैं और बुखार के लक्षण वाले मरीजों को तुरंत अलग रखा जा रहा है. सारे दवाई दुकानों पर जनता की राय जानने के लिए बक्से रखे गए हैं ता

जनवादी कोरिया में कोविड संबंधित झूठ का पर्दाफाश

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  कोविड के जनवादी कोरिया में प्रसार से संबंधित बदमाश दक्षिण कोरिया और पश्चिम के तमाम झूठों का पर्दाफाश करो! जनवादी कोरिया में  हाल ही में फैली कोविड महामारी के बारे में 17 मई 2022 को ब्रिटेन के "तथाकथित प्रगतिशील" माने जाने वालेअखबार द गार्जियन(The Guardian) में एक खबर आई है और एक "तथाकथित स्वास्थ्य विशेषज्ञ"  डाॅक्टर जाॅन कैम्पबेल (Dr. John Campbell) ने यूट्यूब पर एक वीडियो डाला है और  ये खबर और वीडियो दोनों ही जनवादी कोरिया के बारे में गंभीर रूप से गलत, अतिरंजित (Exaggerated) और विकृत (Distorted) तस्वीर पेश करते हैं. द गार्जियन की ये खबर भी साम्राज्यवादी फ्रांस(फ्रांस भी एक साम्राज्यवादी मुल्क है और अफ्रीका के कई देशों में इसकी सेना भी तैनात है)के AFP(Agence France Presse) समाचार एजेंसी के हवाले से दी गई है. AFP का एशिया प्रशांत क्षेत्र का संपादक कोई और नहीं बल्कि ओलिवर हाॅथम (Oliver Hotham) है, हाॅथम इसके पहले जनवादी कोरिया से संबंधित कुख्यात  CIA की गलत खबरों और दुष्प्रचार की वेबसाइट NK News का मुख्य संपादक भी रह चुका है. और गार्जियन की इस खबर के पीछे भी हाॅ

सूखे से बचाव और धान की रोपनी

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इन दिनों जनवादी कोरिया के कई भाग सूखे का सामना कर रहे हैं तो सूखे से फसलों को क्षति से बचाने के लिए कमर कस ली गई है. और धान की रोपनी भी शुरू हो गई है. जनवादी कोरिया के अनाज के कटोरे के रूप में जाने वाले उत्तरी ह्वांगहे, दक्षिणी ह्वांगहे और दक्षिणी फ्यंगआन प्रांत के शहरों और काउंटियों के सहकारी फार्म में  कोविड गाइडलाइन का सख्त पालन करते हुए गेहूँ , जौ और धान की फसलों को सूखे से बचाने के लिए पार्टी स्तर पर पानी के नियमित अंतराल पर छिड़काव के लिए पानी के चलंत(Mobile) पंपों और निकटतम जल स्त्रोतों से पानी ढोने के लिए टैंकरों को लामबंद कर पानी के छिड़काव को योजनानुसार अंजाम दिया जा रहा है. साथ ही  एक हफ्ते के अंतराल पर फसलों पर सूखे के असर को कम करने के लिए कई पोषक तत्वों का छिड़काव भी जारी है. वहीं इन प्रांतों के कुछ सहकारी फार्मों में धान की रोपनी भी योजनानुसार शुरू हो चुकी है. धान रोपने की मशीन भी सहकारी फार्मों द्वारा ही विकसित की गई हैं और ये कोशिश है कि खेती में मशीनों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो. दक्षिण कोरिया के जनवादी कोरिया संबंधित झूठ को परोसने वाले BBC और CNN कुछ महीने पहले

जनवादी कोरिया में कोविड

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2 साल 4 महीने बाद जनवादी कोरिया में मिला कोविड का मामला. इस खबर के आते ही तथाकथित मुख्यधारा की कारपोरेटी टुकड़खोर मीडिया पूरी दुनिया में हुंआ हुंआ करने लगी है.  12 मई 2022 को जनवादी कोरिया की कोरियन सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी की खबर के मुताबिक वर्कर्स पाटी की 8 वीं सेंट्रल कमिटी की 8 वीं पोलित  ब्यूरो की बैठक हुई जिसमें कहा गया  देश में  एक सबसे गंभीर आपातकालीन मामला  आया है . हमारी आपातकालीन महामारी रोकथाम मोर्चे पर एक ब्रेक लगा है जिसने फरवरी, 2020 से दो साल तीन महीने तक(हमारा महामारी से) मजबूती से बचाव किया . राज्य आपातकालीन महामारी रोकथाम कमान और संबंधित इकाइयों ने 8 मई को राजधानी फ्यंगयांग में एक संगठन से संबंधित बुखार के लक्षण वाले व्यक्तियों के नमूनों के गहन जीनोम विश्लेषण के  पश्चात  यह निष्कर्ष निकाला कि ये नमूना  ओमिक्रोन बीए.2 वेरिएंट के साथ मेल खाता है जो कि हाल ही में दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है' .  जनवादी कोरिया ने कोविड 19 के  वायरस को और फैलने से रोकने के लिए  अधिकतम आपातकालीन महामारी रोकथाम प्रणाली का आदेश दिया है जिसमें एक लॉकडाउन और कठोर कीटाणुशोधन(Disinfecti

कोरियाई आश्चर्य

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तथाकथित मुख्यधारा की मीडिया और अकादमिक जगत में "कोरियाई आश्चर्य" (Korean Miracle) शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. चूंकि कोरिया अभी दो अलग अलग देशों में विभाजित है तो इस शब्द का इस्तेमाल किस कोरिया के लिए किया जाता है? बेशक दक्षिण कोरिया के लिए कोरियाई आश्चर्य शब्द इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि ज्यादातर कोरिया के तथाकथित  विशेषज्ञों (भारत या अन्य) की रोजी रोटी और प्रचंड झूठ की दुकान भी तो चलनी है.अब उनके पेट पर लात मारने वाली बात जो है. पर क्या करें सच्चाई कड़वी जो है और इस तथाकथित अकादमिक जगत (खासकर दक्षिण कोरिया या उससे सहायता प्राप्त) को या तो सच्चाई से डर लगता है  या फिर वो पापी पेट के लिए तमाम झूठ फैलाने पर मजबूर हैं . या फिर कुछ और वजहों से. तो पहेलियाँ न बुझाते हुए सीधा मुद्दे पर आते हैंं कोरियाई आश्चर्य नामक शब्द का अकादमिक जगत में  सबसे पहली बार इस्तेमाल 1964 में ब्रिटिश अर्थशास्त्री जोआन वायलेट राबिंस (Joan Violet Robinson) द्वारा जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) के लिए किया गया था और जिस दक्षिण कोरिया की आर्थिक चमत्कार की पुरजोर मिसाल दी जाती है  1964 में उसकी औकात

टैक्स प्रथा का उन्मूलन

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  जहाँ दुनिया के तथाकथित " सबसे बड़े लोकतंत्र " में जनता से जमकर टैक्स वसूली होने के बावजूद  अधिकांश लोग जीवन की बुनियादी जरूरतों तक से महरूम है. वहीं तथाकथित मुख्यधारा की मीडिया द्वारा दिन रात धरती के नरक के रूप में  दुष्प्रचारित जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) दरअसल  दुनिया का पहला ऐसा देश  है जहाँ जनता से किसी प्रकार की टैक्स वसूली नहीं होती और उन्हें सभ्य और सुसंस्कृत जीवन के लिए सरकार की तरफ से ढेरों लाभ भी मिलते हैं.जनवादी कोरिया ने दशकों पहले अपनी मजबूत समाजवादी और स्वतंत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के बल पर ऐसी सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियां पैदा कर दी कि वहाँ पुराने पूंजीवादी समाज के एक अवशेष के रूप में जनता से टैक्स वसूली की जरूरत ही खत्म हो गई और वहाँ की संसद ने 21 मार्च 1974 को देश में सभी तरह के टैक्स को खत्म करने का कानून बना दिया. इससे संबंधित जनवादी कोरिया के महान नेता और राष्ट्रपति काॅमरेड किम इल संग की रचना " टैक्स प्रणाली के उन्मूलन के संबंध में "( On Abolishing the Tax System) पढ़ी जानी जरूरी है कि जनवादी कोरिया में कैसी परिस्थितियां बनाई गईं कि दुनिया