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चूर चूर हुआ अमेरिका के "महाशक्ति" होने का मिथक

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आज से ठीक 71 साल पहले 27 जुलाई 1953 को अमेरिका अपनी हार से समाप्त हुए कोरियाई युद्ध (1950-1953 ) को "विजयी युद्ध" और "भूली हुई जीत" के रूप में वर्णित करता है. हालाँकि, जिस तरह सच को झूठ में नहीं बदला जा सकता, उसी तरह इतिहास में अंकित अमेरिका की हार को पलटा नहीं जा सकता. इसका प्रमाण अमेरिकी फौज के दुखद अंत से मिलता है. जब इसने अपने पिट्ठू दक्षिण कोरिया को जनवादी कोरिया  के खिलाफ युद्ध शुरू करने के लिए उकसाया, तो अमेरिका ने घोषणा की कि 72 घंटों में जनवादी कोरिया पर विजय प्राप्त की जाएगी. लेकिन युद्ध की शुरुआत से ही उसे एक के बाद एक झटके लगे और उसे अपनी कई बड़े डिवीजन कोरियाई मोर्चे पर भेजने पड़े. यहाँ तक कि वे भी युद्ध का रुख नहीं मोड़ सके. डीन, जो तथाकथित अमेरिका के "अजेय डिवीजन"  24वें डिवीजन का कमांडर था  और उसने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूरोप और फिलीपींस में कई मोर्चे पर अपने नेतृत्व में जीत हासिल की थी , वैसा अजेय कमांडर कोरियाई मोर्चे पर अपने डिवीजन को नष्ट होने से बचाने में विफल रहा, और वह खुद एक  सादी वर्दी में अपनी जान बचाने के लिए भागते स

आदर्श दवाखाना

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जनवादी कोरिया का एक आदर्श दवाखाना जनवादी कोरिया की सरकार द्वारा देश भर में आदर्श हाईटेक दवाखाने खोले जा रहे हैं, उसी के तहत राजधानी फ्यंगयांग के मोरानबोंग इलाके में यह दवाखाना खोला गया है.  24 घंटे खुले रहने वाले इस दो मंजिल हाईटेक दवाखाने में पहली मंजिल पर दवाईयों की बिक्री (समाजवादी कोरिया में दवाईयों की कीमत हमारे यहाँ के माचिस की कीमत के बराबर ही है) , मुफ्त जांच की सुविधाएं और मुफ्त डाॅक्टरी सलाह दी जाती है. यहाँ  आने वाले लोगों को  दवाईयों और सुविधाओं की विस्तृत जानकारी देने के लिए रोबोट भी है. वहीं दूसरी मंजिल पर दवाईयां बनाई और रखी जाती हैं साथ ही उनका विश्लेषण भी किया जाता है. यहाँ ज्यादातर देशी चिकित्सा पद्धति की दवाईयां दी जाती हैं जिन्हें स्थानीय जड़ी बूटियों से बनाया जाता है.   यहाँ यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि जनवादी कोरिया में परंपरागत देशी और विदेशी दोनों तरह की चिकित्सा पद्धति समानांतर रूप से चलती हैं. मरीजों के फायदे के लिए दोनों तरह की चिकित्सा पद्धति अपनाई जाती है. जनवादी कोरिया से संबंधित फेक न्यूज की सबसे बड़ी फैक्ट्री दक्षिण कोरिया के मुताबिक जनवादी कोरिया में  1

एक गाने से डरा तथाकथित "उदारवादी और विकसित" दक्षिण कोरिया!

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 इन दिनों जनवादी कोरिया यानि उत्तर कोरिया का एक गाना "दोस्ताना पिता"  (친근한 어버이) सोशल मीडिया प्लेटफार्म टिकटाॅक पर बहुत बड़ा हिट हुआ और दूसरे सोशलमीडिया प्लेटफार्मों पर भी बड़ी तेजी से वायरल हुआ. इस गाने में जनवादी कोरिया के नेता काॅमरेड किम जंग उन के इर्दगिर्द जनता की अटूट एकता और समाजवादी व्यवस्था में उनके बेहतर जीवन की बात कही गई है. सोशलमीडिया के उपयोगकर्ताओं ने इस गाने की धुन की तारीफ की और यहाँ तक कह डाला कि इस गाने को ग्रैमी अवार्ड मिलना चाहिए. लेकिन अमेरिकी कठपुतली दक्षिण कोरिया में इसपर प्रतिबंध लगा दिया गया और सारी दुनिया को छोड़कर सिर्फ दक्षिण कोरिया में टिकटाॅक और यूट्यूब समेत सभी सोशलमीडिया प्लेटफार्म पर इस म्यूजिक वीडियो को नहीं देखा जा सकेगा. इससे यह साबित होता है कि दक्षिण कोरिया का समाज कितना कमजोर ,डरपोक और कायर है. बहुतेरे देशों के लोग इस गाने का मजा ले रहे हैं पर इस घटना से पूरी दुनिया को पता चला कि दक्षिण कोरिया जनवादी कोरिया के एक  गाने से ही डरकर बुरी तरह से हिल  जाता है. लगभग 70 सालों से जनवादी कोरिया के खिलाफ अनवरत दुष्प्रचार कर अपनी जनता का पूरी तरह स