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जून, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

यू ट्यूब का निंदनीय कृत्य

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हाल में यू ट्यूब ने अपने प्लेटफार्म से जनवादी कोरिया के तीन व्लागरों के चैनल को हटा दिया है जिसमें Yumi और New DPRK प्रमुख हैं.यह एकाधिकारवादी तकनीकी दिग्गजों (  Monopoly Tech Giants) द्वारा सेंसरशिप और अधिनायकवादी कदम है. यूट्यूब अपने इस निंदनीय कृत्य से लोगों को जनवादी कोरिया की सच्चाई जानने से रोक रहा है. जनवादी कोरिया के इन चैनलों को हटाने का समय एक संयोग मात्र नहीं है. तथाकथित मुख्यधारा का मीडिया अपने जनवादी कोरिया विरोधी प्रचार अभियान को तेज कर रहा है, समाचार नेटवर्क में वहाँ के तथाकथित'अकाल' और 'भुखमरी' की झूठी रिपोर्ट भर रहा है. ये चैनल्स  यह साबित कर रहे थे कि यह सच नहीं है. इन चैनलों को हटाकर यूट्यूब जनवादी कोरिया के बारे में सच्चाई को दबा रहा है ताकि मुख्यधारा मीडिया के झूठ से लोगों का और भी ज्यादा ब्रेनवाश हो जाए.  जाहिर है यूट्यूब दक्षिण कोरियाई कठपुतली फासीवादी शासन के ही पक्ष में रहेगा. दक्षिण कोरिया ने हाल में जनवादी  कोरिया से संबंधित 3 चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसमें CIA समर्थित NK News ने इन चैनलों को हटाने में प्रमुख भूमिका निभाई. NK News ने पह

जनवादी कोरिया में कृषि कार्य

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  जनवादी कोरिया में इन दिनों धान की रोपनी समेत अन्य कृषि कार्य जोर शोर से चल रहे हैं और अपने अंतिम चरण में है. पर बीबीसी समेत पूरा पश्चिमी काॅरपोरेट मीडिया बिना किसी ठोस सबूत के पूरी दुनिया में  बिलकुल झूठी और भ्रामक खबर फैलाने में लगा है कि जनवादी कोरिया में भुखमरी वाले हालात हैं और वहाँ लोग मर रहे हैं. परंतु बीबीसी के इस बेशर्म झूठ के विपरीत जनवादी कोरिया के विभिन्न प्रान्तों में खेती बाड़ी से जुड़े काम बदस्तूर जारी हैं.  दक्षिणी फ्यंगआन प्रांत के विभिन्न सहकारी कृषि फार्मों में वैज्ञानिक तरीके से धान के बिचड़े बोने से लेकर क्यारी प्रबंधन के लिए उन्नत प्रशिक्षण दिए जाने के साथ साथ समाजवादी प्रतियोगिता को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसी के तहत प्रांत की राजधानी फ्यंगसंग में स्थानीय स्तर पर विकसित उन्नत किस्म के कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी लगाई गई और बेहतर प्रदर्शन करने वाले सहकारी फार्मों को पुरस्कृत भी किया गया. इसके अलावा धान के बिचड़ो की स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन जैसे अत्याधुनिक उपकरणों की मदद ली जा रही है. अनाज के अलावा फलों की खेती पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. देश के सहकारी

बीबीसी का झूठ!!

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 दुनिया की सबसे बड़ी फेक न्यूज़ की फैक्ट्री में से एक ब्रिटिश ब्रेनवाशिंग कारपोरेशन (BBC) ,जिसे गलती से स्वतंत्र और निष्पक्ष खबरों का पर्याय और गोदी पत्रकारिता के बहुत बड़े शिकार भारतीय लोगों द्वारा सच्चाई के लिए लड़ने वाला योद्धा समझने की नासमझी की जाती है, उस बीबीसी ने हाल में जनवादी कोरिया मे तथाकथित 'अकाल' और 'भुखमरी' के उपर पूरी तरह से फेक न्यूज़ पर आधारित डाक्यूमेंट्री का प्रसारण किया है. बीबीसी अगर अपनी इसी बात पर सही रहती तो अभीतक जनवादी कोरिया में सभी लोगों को भूख से एक बार नहीं बल्कि कई बार मर जाना चाहिए था क्योंकि बीबीसी कई बार वहाँ के तथाकथित अकाल और भुखमरी के उपर अपनी खबरें (?) दिखा चुका है. यह कार्यक्रम न केवल पूरी तरह से गलत, झूठा और भ्रामक है बल्कि अत्यधिक और अविश्वसनीय पूर्वाग्रह भी प्रदर्शित करता है. इस कार्यक्रम में जनवादी कोरिया को अपना पक्ष पेश करने का अवसर नहीं दिया गया था, और वहाँ की सरकार के किसी अधिकारी या राजनयिक का साक्षात्कार नहीं लिया गया था,जबकि जनवादी कोरिया के ब्रिटेन के साथ राजनयिक संबंध हैं और लंदन में जनवादी कोरिया का दूतावास भी मौजू

दंगा और हिंसक प्रदर्शन मुक्त समाज

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  आए दिन आप तथाकथित आदर्श "लिबरल डेमोक्रेसी" वाले देशों अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस इत्यादि देशों में हिंसक प्रदर्शन, दंगे तोड़ फोड़ की खबरें सुनते ही रहते हैं. इन सबकी मुख्य वजह बेरोजगारी, मंहगाई, गरीबी, गैर बराबरी, भेदभाव, प्रशासन द्वारा शोषण इत्यादि होते हैं.  जनवादी कोरिया में ऐसी अराजकता अकल्पनीय है. जनवादी कोरिया में सभी को मुफ्त में आवास प्रदान किया जाता है, शिक्षा मुफ्त है, 100% रोजगार की गारंटी है, और 1974 से जनता को किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता है. ऐसे में वहाँ की जनता किस आधार पर विरोध करेगी?  इन सबसे ऊपर, जनवादी कोरिया की जनता मजबूती से अपने नेता और पार्टी के इर्द-गिर्द एकजुट हैं और दुनिया के किसी भी देश में ऐसा नहीं है. जनवादी कोरिया एक ऐसा देश है जिसमें सब कुछ स्थिर है, जिसकी तुलना तथाकथित "विकसित" पूंजीवादी देशों से नहीं की जा सकती. जनवादी कोरिया के युवा दंगा नहीं करते हैं.वे समाजवाद के निर्माण और देश की रक्षा के लिए प्रभारी और अगुआ इकाइयों के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हैं जब भी अमेरिकी साम्राज्यवादियों और उनके दलालों द्वारा उन