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क्या पढ़ते हैं जनवादी कोरिया के स्कूली बच्चे भारत के बारे में

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उत्तर कोरिया के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में चलने वाली विश्व इतिहास की किताब में सिंधु घाटी सभ्यता और भारत की जाति व्यवस्था से संबंधित अध्याय का हिंदी अनुवाद पृष्ठ 7 भारत का  दास राज्य  1. सिंधु सभ्यता  प्राचीन भारत दक्षिणी एशिया में स्थित था। मानव संस्कृति प्राचीन भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में  सिंधु नदी नदी घाटी में नील नदी (मिस्र) या दक्षिण पश्चिम एशिया की तुलना में थोड़ी बाद में विकसित हुई, जिसे सिंधु सभ्यता या हड़प्पा सभ्यता कहा जाता है। ये भारत की सबसे पुरानी सभ्यता थी जो 30 वीं शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 16 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास की है। सिंधु नदी घाटी में, सिंचाई की खेती जल्दी शुरू हुई, पहला दास राज्य बना और शहरी संस्कृति विकसित हुई। सिंधु सभ्यता के मुख्य अवशेष  मोहनजोदड़ो (मृतकों का टीला) और हड़प्पा के खंडहर हैं, जो 1920 के दशक में  खुदाई में मिले. (वर्तमान में ये जगह भारत से अलग हुए पाकिस्तान में है)  पृष्ठ 8 ये खंडहर बताते हैं कि सुदूर अतीत में इस जगह पर एक बड़े शहर का निर्माण और विकास हुआ था। सिंधु नदी के तट पर स्थित मोहनजोदड़ो के अवशेष सभी दिशाओं में 1.6 किमी के क्षेत्र

दक्षिण कोरिया: सबसे सफल अमेरिकी नव उपनिवेश

वीडियो में दिखाया गया है कि पिछले दिनों दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में अमेरिकी सेना के एक कर्मी ने एक 50 वर्षीय दक्षिण कोरियाई पार्किंग कर्मी को पीट दिया. उसकी वजह उस कर्मी का अंग्रेजी नहीं बोल पाना थी. दक्षिण कोरिया की पुलिस  उस अमेरिकी पर कोई कारवाई किए बिना सिर्फ इसे अमेरिकी सैनिक पुलिस (US Military Police) को सौंप सकती थी. इसकी वजह अमेरिका के साथ हुआ SOFA(Status of Forces Agreement) था, जिसके तहत अमेरिकी सेना के किसी भी जवान और कर्मचारी द्वारा दक्षिण कोरिया में वहाँ के लोगों के साथ मारपीट, बलात्कार, हत्या जैसे अपराध करने पर भी दक्षिण कोरिया की पुलिस और अदालत उनपर कोई कारवाई नहीं कर सकती और ऐसे अपराधियों को अमेरिका को सौंपना पड़ता है. अमेरिका चाहे उनपर जो कारवाई करे पर इससे एक बात स्पष्ट होती है कि दक्षिण कोरिया अपनी ही सरजमीं पर अमेरिका के सैनिकों द्वारा अपने ही नागरिकों के साथ हुए अपराध के लिए कोई कारवाई करने में असमर्थ है यानि संप्रभु नहीं है. उपनिवेश और किसे कहते हैं?  पार्किंग वाली घटना महज एक उदाहरण है. इसके अलावा आए दिनों दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैनिकों द्वारा किसी भी स

खाने के मामले में आत्मनिर्भर उत्पादन इकाईयां

उत्तर कोरियाई समाज की लगभग हर उत्पादन इकाई – जैसे सहकारी खेत, कारखाने, व्यवसायिक इकाईयां, आदि  अपने लिए आवश्यक खाने पीने की चीजों  के उत्पादन में आत्मनिर्भर है.आत्मनिर्भरता के सिद्धांत के आधार पर, वे खुद को खिलाने के लिए छोटे पैमाने पर पशुधन खेतों (Livestock farms) ,सहकारी सब्जी और फल उद्यान और ग्रीनहाउस संचालित करते हैं. इन्हें चलाने के लिए अनिवार्य रूप से एक बैक ऑपरेशन(Back Operation) दल होता है.इस दल के लोग उत्पादन इकाईयों के कामगार ओर उनके परिवारों को खिलाने के लिए सूअर, मछली मुरगे , बकरी,खरगोश बतखों के प्रजनन ओर उनके पालन के साथ साथ मांस,दूध, अंडे, मशरूम के साथ साथ फल और सब्जी उपजाने के लिए जिम्मेदार हैं.

क्यूबा की क्रांति की रक्षा

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उत्तर कोरिया-क्यूबा की जनता के बीच जुझारू दोस्ताना एकता जिंदाबाद!!  उत्तर कोरिया और क्यूबा में समाजवाद की स्थापना का साझा इतिहास रहा है. और इन दोनों देशों के नेता  काॅमरेड किम इल सुंग और  काॅमरेड फिदेल कास्त्रो दोनों ही क्रन्तिकारी गुरिल्ला लड़ाके थे.दोनों देशों का साम्राज्यवाद विरोध का साझा इतिहास रहा है. उत्तर कोरिया-क्यूबा का संबंध कम्युनिस्ट पार्टियों और समाजवादी देशों के लिए एक मॉडल की तरह हैं. और दोनों देशों के संबध पूरी तरह से मार्क्सवादी लेनिनवादी और सर्वहारा अंतर्राष्ट्रीयतावाद (Proletarian internationalism) पर आधारित हैं. 1968 में काॅमरेड राउल कास्त्रो  ने कहा था अगर कोई क्यूबाईयों से किसी खास मसले  पर उनकी राय जानना चाहता है तो उसे उत्तर कोरियाइयों से पूछना चाहिए. और अगर कोई उत्तर कोरियाईयों से किसी खास मसले पर उनकी राय जानना चाहता है तो उसे क्यूबाईयों से पूछना चाहिए. हरेक मसले पर हम दोनों की राय एक समान ही है.                                                      जब 1962 में अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने कैरिबियाई संकट (क्यूबा मिसाइल संकट)  को भड़काया, और अपने शासन के अधिक श

कोरिया युद्ध किसने शुरु किया?

  कोरिया युद्ध किसने शुरु किया? अंग्रेजी  की यह डाक्यूमेंट्री इस गोयबल्सी झूठ को सिरे से खारिज करती है कि उत्तर कोरिया ही इसके लिए जिम्मेदार था. असल में इस युद्ध की पृष्ठभूमि जंगखोर अमेरिका के द्वारा बहुत पहले से ही तैयार की जा रही थी. कोरिया अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण क्षेत्र में अपने दबदबे को कायम रखने के लिहाज से रणनीतिक रुप से महाशक्तियों के लिए शुरू से ही मुफीद रहा है. अमेरिका भी 19 वीं शताब्दी से ही सुदूर पूर्व में अपनी पैठ बनाने के लिए कोरिया पर कब्जा करने की नीयत रखता था. 21 अगस्त 1866 को उसने व्यापारिक जहाज के भेष में समुद्री डाकुओं (Black Pirate Ship) से भरा जहाज जनरल शरमन (USS General Sherman)कोरिया के पास भेजा जो बिना अनुमति के समुद्र के रास्ते वर्तमान उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के निकटवर्ती  नदी तक आ गया और उसपर सवार डाकुओं ने स्थानीय अधिकारी को बंधक बना बंदूकों से अंधाधुंध फायरिंग कर 7 लोगों को मार डाला. इस पर स्थानीय लोगों ने जहाज पर हमला कर उसे जला डाला. इसके 16 साल बाद कोरिया को बहुत ही अपमानजनक शर्तों पर अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौता करने पर मजबूर होना पड़