स्वावलम्बी अर्थव्यवस्था
स्वावलंबी अर्थव्यवस्था- जनवादी कोरिया की जीवन रेखा अपनी स्थापना के बाद से ही जनवादी कोरिया ने एक स्वावलंबी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के निर्माण की वकालत की है, और अभी भी स्वावलंबी अर्थव्यवस्था को अपनी जीवन रेखा के रूप में मान रहा है. राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करना 1950 के दशक में कोरियाई युद्ध ने जनवादी कोरिया की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से तहस नहस कर दिया था. उस वक्त अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने जोर देकर कहा था कि जनवादी कोरिया सौ साल में भी मलबे के ढेर से उपर नहीं उठ पाएगा. हालांकि, जनवादी कोरिया ने थोड़े समय में युद्ध के जख्मों को भर हल्के उद्योग और कृषि को एक साथ बढ़ावा देने के साथ-साथ भारी उद्योग विकसित करने की नीति अपनाकर समाजवाद के निर्माण के लिए आगे बढ़ा उस समय, बड़ी शक्तियों के पूजकों ( Great power chauvinists) ने, जनवादी कोरिया की स्वावलंबी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के निर्माण से अप्रसन्न होकर, इसे पारस्परिक आर्थिक सहायता परिषद (Council for Mutual Economic Assistance CMEA) में शामिल होने के लिए मजबूर किया और उन्होंने जनवादी कोरिया को भेजे जाने वाली अनुबंधित (Contract