स्वावलम्बी अर्थव्यवस्था
स्वावलंबी अर्थव्यवस्था- जनवादी कोरिया की जीवन रेखा
अपनी स्थापना के बाद से ही जनवादी कोरिया ने एक स्वावलंबी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के निर्माण की वकालत की है, और अभी भी स्वावलंबी अर्थव्यवस्था को अपनी जीवन रेखा के रूप में मान रहा है.
राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करना
1950 के दशक में कोरियाई युद्ध ने जनवादी कोरिया की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से तहस नहस कर दिया था. उस वक्त अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने जोर देकर कहा था कि जनवादी कोरिया सौ साल में भी मलबे के ढेर से उपर नहीं उठ पाएगा.
हालांकि, जनवादी कोरिया ने थोड़े समय में युद्ध के जख्मों को भर हल्के उद्योग और कृषि को एक साथ बढ़ावा देने के साथ-साथ भारी उद्योग विकसित करने की नीति अपनाकर समाजवाद के निर्माण के लिए आगे बढ़ा उस समय, बड़ी शक्तियों के पूजकों ( Great power chauvinists) ने, जनवादी कोरिया की स्वावलंबी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के निर्माण से अप्रसन्न होकर, इसे पारस्परिक आर्थिक सहायता परिषद (Council for Mutual Economic Assistance CMEA) में शामिल होने के लिए मजबूर किया और उन्होंने जनवादी कोरिया को भेजे जाने वाली अनुबंधित (Contracted)लोहे और इस्पात, मशीनरी और उपकरणों की आपूर्ति भी निलंबित कर दी. जनवादी कोरिया ने खुद को एक चौराहे पर पाया - कि वो बड़ी शक्तियों के पूजकों के दबाव के आगे झुकते हुए उनसे मशीनरी और उपकरण प्राप्त करते हुए उन्हें कच्चा माल भेजते रहे या ऐसा किए बिना अपनी संप्रभुता का बचाव करे.
इस मौके पर 1956 में काॅमरेड किम इल संग ने तत्कालीन कांगसन स्टील प्लांट का दौरा किया. उन्होंने मजदूरों से यह कहा "अगर आप 10,000 टन अधिक स्टील सामग्री का उत्पादन करते हैं, तो देश अपनी कमर सीधी कर लेगा और इसके लिए केवल मजदूर वर्ग पर ही भरोसा किया जा सकता है. मैं काॅमरेडों(कारखाने के मजदूरों) पर भरोसा करता हूँ और काॅमरेड भी मुझपर भरोसा करते हैं. आइए हम सब साथ मिलकर क्रांति में कठिन परिस्थितियों का मुकाबला करें! ".
काॅमरेड किम इल संग के इस आह्वान पर मजदूरों ने 60 000 टन की वार्षिक क्षमता वाले एक ब्लूमिंग मिल से इसका दोगुना यानि 120 000 टन स्टील बिलेट का उत्पादन किया और तत्कालीन किम छेक स्टील कारखाने के मजदूरों ने भी सालाना 190 000 टन क्षमता वाली ब्लास्ट फर्नेस के साथ 270 000 टन कच्चे लोहे का उत्पादन किया.
इस तरह से 1950 के दशक में अमेरिका के साथ युद्ध और अमेरिकियों को अपनी सरजमीं से खदेड़ने के क्रम में भीषण तबाही के बाद देश के पुनर्निर्माण के दौर में जनता के लिए रोटी,कपड़ा और मकान की मूलभूत समस्या सुलझाने के लिए विदेशों पर ज्यादा निर्भर न रहकर अपने घरेलू संसाधनों का सहारा लिया. जनता के लिए कपड़े बनाने के लिए कच्चे माल की जरूरत पड़ी और जनवादी कोरिया की जलवायु में कपास नहीं उपजाया जा सकता था और नाइलोन जैसे सिंथेटिक फाइबर बनाने के लिए के लिए पेट्रोलियम की आवश्यकता पड़ती थी और इसके लिए विदेशों से पेट्रोलियम आयात करना पड़ता. तब जनवादी कोरिया के वैज्ञानिकों ने देश में बहुतायत में उपलब्ध ऐंथ्रासाइट कोयले और चूना पत्थर से सिंथेटिक फाइबर बनाने में सफलता पाई जिसे विनाईलोन(Vnylone) कहते हैं. इस तरह पूर्णतः घरेलू संसाधनों से ही जनता के लिए जितना मर्जी उतना कपड़ा बनाया जा सकता था.
उसी तरह इस्पात निर्माण में भी घरेलू कच्चे मालों को ही प्राथमिकता दी गई. इस्पात बनाने के चरणों में सबसे पहले लौह अयस्क से अशुद्धियों को हटाने के लिए कोक्स(कोयला) के साथ धमन भट्ठी (Blast Furnace) में 1500 से 1700 डिग्री पर गर्म किया जाता है. लेकिन कोक्स बनाने के लिए बिटुमिनस कोयले की जरूरत पड़ती है जो जनवादी कोरिया में नहीं पाया जाता है.कोक्स पूरा का पूरा विदेशों से आयात करना पड़ता. जनवादी कोरिया में ऐंथ्रासाइट कोयला बहुतायत में उपलब्ध है. वहाँ के वैज्ञानिकों ने कोक्स के बिना ऐंथ्रासाइट कोयले के चूर्ण, चूना पत्थर और लौह अयस्क से लोहा बनाने की विधि इजाद करने में सफलता पा ली. इस तरह जनता के लिए मकान बनाने में लगने वाले इस्पात की समस्या का समाधान कर लिया.अब चाहे साम्राज्यवादी ताकतें जितना भी जनवादी कोरिया पर आर्थिक प्रतिबंध लगाऐं, जनवादी कोरिया इस्पात उत्पादन करने में पूरी तरह अपनी मर्जी का मालिक है. सनद रहे लौह अयस्क के भंडार के मामले में जनवादी कोरिया दुनिया के 10 बड़े देशों में से है.
जनवादी कोरिया के बारे में यह कहा जाता है कि वहाँ रासायनिक खाद की भयंकर किल्लत है तो वहाँ खाद के लिए मानव मल इकट्ठा किया जाता है और मरे हुए इंसानों को खेत में डाल दिया जाता है लेकिन यह केवल एक फेक न्यूज़ और कुत्सा प्रचार से ज्यादा कुछ भी नहीं है. जनवादी कोरिया में घरेलू तौर पर बहुतायत में उपलब्ध ऐंथ्रासाइट कोयले का गैसीकरण (Gasification) कर नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटैशियम खाद बनाई जाती है. खासकर धान की फसल के लिए नाइट्रोजन खाद बहुत जरूरी है. नाइट्रोजन खाद बनाने के लिए अमोनिया की जरूरत पड़ती है और अमोनिया बनाने के लिए पेट्रोलियम से बनने वाले नाफ्था का इस्तेमाल होता है. पर जनवादी कोरिया नाफ्था बनाने के लिए विदेशों से पेट्रोलियम का बहुतायत में आयात करने के बजाए ऐंथ्रासाइट कोयले को उच्च तापमान पर गर्म कर उससे निकलने वाली गैस से हाइड्रोजन अलग कर उसे नाइट्रोजन से प्रतिक्रिया करवाकर अमोनिया प्राप्त कर उससे नाइट्रोजन खाद का उत्पादन करने में सफल रहा. ऐंथ्रासाइट कोयले का तो विशाल भंडार देश में है हीं और नाइट्रोजन हवा से प्राप्त कर लिया जाता है जनवादी कोरिया के एक और खाद कारखाने ने देश में बहुतायत में उपलब्ध लिग्नाइट कोयले का गैसीकरण कर नाइट्रोजन खाद बनाने की प्रक्रिया का आविष्कार किया. इस तरह जनवादी कोरिया अपनी जनता के लिए रोटी यानि भोजन उपजाने के लिए आवश्यक खाद अपनी मनमर्जी से बना सकने में सक्षम हो गया.
इस तरह एक-एक करके स्वावलंबी अर्थव्यवस्था की नींव रखने के क्रम में,जनवादी कोरिया ने ट्रैक्टर, ऑटोमोबाइल, बुलडोजर, एक्सकेवेटर, 8-मीटर टर्निंग लेथ और 3,000-टन प्रेस सहित आधुनिक मशीनरी और उपकरणों का निर्माण किया.1957 से 1960 तक कुल औद्योगिक उत्पादन मूल्य( Industrial output value) 3.5 गुना बढ़ गया.1957 से 1970 तक औद्योगिक उत्पादन हर साल औसतन 19.1% की उच्च गति से बढ़ा, जिसने जनवादी कोरिया को 14 वर्षों की छोटी अवधि में एक विकसित समाजवादी औद्योगिक राज्य में बदल दिया. 1970 से 1979 तक औद्योगिक उत्पादन 15.9% की वार्षिक औसत की गति से बढ़ा.उस दौर में आर्थिक निर्माण में जनवादी कोरिया ने जो सफलता हासिल की, उसकी दुनिया भर में प्रशंसा की गई. जनवादी कोरिया के लिए 1964 में ब्रिटिश अर्थशास्त्री जोआन वायलेट राबिंस (Joan Violet Robinson) द्वारा "कोरियाई आश्चर्य " नामक शब्द का अकादमिक जगत में इस्तेमाल किया गया.
1980 के दशक के बाद, देश की स्वावलंबी अर्थव्यवस्था और भी शक्तिशाली हो गई , जो आसानी से 10,000 टन प्रेस मशीन का निर्माण और असमतल समुद्र पर 8 किमी लंबा विश्व प्रसिद्ध पश्चिमी सागर बैराज ( West Sea Barrage) का निर्माण करने जैसे बड़े आर्थिक कार्यों को आसानी से कर सकती थी.
समाजवाद की रक्षा
जैसे-जैसे पूर्व सोवियत संघ और अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों में समाजवाद का पतन होने लगा और साम्राज्यवादियों की जनवादी कोरिया को अलग-थलग करने और उसका दम घोंटने की चालें बढ़ती गईं.
साम्राज्यवादियों ने समाजवाद के गढ़ जनवादी कोरिया को कुचलने के प्रयास में व्यापक आर्थिक प्रतिबंधों को लागू किया और विभिन्न अवसरों पर इसके खिलाफ नाकाबंदी की. उस समय (साम्राज्यवाद के पालतू) विश्लेषकों ने पक्का अनुमान लगाया था कि जनवादी कोरिया में समाजवाद तीन दिन, तीन महीने या तीन साल के भीतर नष्ट हो जाएगा.हालाँकि, जनवादी कोरिया की अर्थव्यवस्था बिल्कुल भी नहीं गिरी.
देश की अर्थव्यवस्था को अधिक आधुनिक और स्वतंत्र बनाने के लिए, काॅमरेड किम जंग इल के नेतृत्व में वर्कर्स पार्टी ने देश में लोहे, फाइबर और बिजली उद्योगों जो सीएनसी प्रौद्योगिकी (Computer numeric control)और घरेलू रूप से उपलब्ध कच्चे माल पर निर्भर थे ने विकास की नई उचाईयों को हासिल किया. इस दौर में सीएनसी उपकरण और स्वचालित उत्पादन लाइनों से सुसज्जित कई मशीन-निर्माण कारखाने और हल्के उद्योग देश भर में फैल गए.
इस दौर में ही, देश भर में बड़े और मध्यम और छोटे आकार के पनबिजली स्टेशन बनाए गए, जिससे बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए एक मजबूत नींव रखी गई. इसके साथ ही देश ने अपने प्रयासों से सैटेलाइट्स के निर्माण और प्रक्षेपण की आश्चर्यजनक सफलता हासिल की इसके साथ ही कृषि उत्पादन क्षमता में मौलिक वृद्धि हुई.
जनवादी कोरिया ने कई कठिनाइयों के बावजूद दूसरों देशों को मदद करने के लिए नहीं कहा, बल्कि इसने अपनी स्वावलंबी अर्थव्यवस्था की ताकत को और मजबूत किया और अपनी संप्रभुता और समाजवाद का बचाव किया.
शाश्वत समृद्धि की गारंटी
वर्कर्स पार्टी के वर्तमान महासचिव काॅमरेड किम जंग उन का मानना है कि केवल जब उनका देश आत्मनिर्भरता के सिद्धांत पर अपनी आर्थिक शक्ति को और मजबूत करता है, तो यह राज्य और लोगों की गरिमा की रक्षा कर सकता है और तेजी से आगे बढ़ सकता है. वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया की सातवीं और आठवीं कांग्रेस जैसे प्रमुख अवसरों पर उन्होंने आत्मनिर्भरता के झंडे तले स्वावलंबी अर्थव्यवस्था की शक्ति को मजबूत करने के तरीकों और तरीकों को स्पष्ट किया.
आज जनवादी कोरिया राष्ट्रीय आर्थिक विकास की पंचवर्षीय योजना (2021-2025) की अवधि में अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से समायोजित और मजबूत करके बहुपक्षीय और व्यापक अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता को और तेज करने का काम कर रहा है। धातु, रसायन और अन्य बुनियादी उद्योगों के अलावा फाइबर उद्योग की आत्मनिर्भरता को मजबूत करते हुए वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से घरेलू कच्चे और अन्य सामग्रियों पर निर्भर उत्पादन प्रणाली को और पूरा करने और विस्तार करने के काम को गतिशील रूप से आगे बढ़ा रहे हैं. मशीन-निर्माण उद्योग को विकास-निर्माण-उन्मुख बनाने के कार्य में सफलताएँ मिल रही हैं। ग्रामीण समुदायों की उपस्थिति को नया रूप देने के लिए ग्रामीण निर्माण को ग्रामीण कायाकल्प के नए कार्यक्रम के अनुरूप आगे बढ़ाया जा रहा है।
हर कारखाने और उत्पादन लाइन को इतने उच्च स्तर पर बनाया जा रहा है कि वे दूर के भविष्य में भी कम न दिखें - यह भी जनवादी कोरिया की स्वावलंबी अर्थव्यवस्था का पहलू है.
देश की समृद्धि और लोगों के जीवन में सुधार की गारंटी देने में सक्षम जनवादी कोरिया की स्वावलंबी अर्थव्यवस्था शत्रुतापूर्ण ताकतों की आर्थिक नाकाबंदी से 10 तो क्या आगे आने वाले 100 साल और उससे भी ज्यादा और दुनिया भर के तमाम आर्थिक उथल- पुथल से आसानी से निपट सकती है.
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