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तथाकथित 11 दिवसीय "शोक समारोह" का सच

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रेडियो फ्री एशिया साम्राज्यवाद की झंडाबरदार अमेरिकी सरकार का अंग है इसलिए रेडियो फ्री एशिया उत्तर कोरिया के बारे में सही खबर कभी नहीं देगा. उत्तर कोरिया में तख्ता पलट कर वहाँ की जनकल्याणकारी समाजवादी व्यवस्था को उखाड़ फेंकना ही अमेरिकी साम्राज्यवादियों का "ड्रीम प्रोजेक्ट" है.  इसी रेडियो फ्री एशिया के हवाले से तथाकथित "मुख्यधारा" की मीडिया द्वारा दुनियाभर में चिल्ला चिल्लाकर बताया जा रहा है कि उत्तर कोरिया में किम जंग इल की 10 वीं बरसी पर पूरे देश में 11 दिनों तक लोगों के हंसने, शराब पीने फुर्सत की गतिविधियों (leisure activities) पर रोक लगा दी गई है. इसका पालन करने के लिए पुलिस की भारी मात्रा में तैनाती की गई है. शोक मनाने के लिए ऐसी सरकारी जबरदस्ती पर दुनियाभर के लोग शाॅक्ड हैं. आइए जानते हैं कि अभी उत्तर कोरिया में क्या चल रहा है. ये 19 दिसंबर 2021 को उत्तर कोरिया के एकमात्र सरकारी टीवी चैनल पर प्रसारित शाम के न्यूज़ बुलेटिन की फुटेज है. 19 दिसम्बर यानि "तथाकथित 11 दिवसीय शोक समारोह" का दूसरा या तीसरा दिन. इस वीडियो फुटेज में सबसे पहले राजधानी फ्यंगयांग

फ्यंगयांग मेट्रो

उत्तर कोरिया की राजधानी फ्यंगयांग की मेट्रो एक भूमिगत राजमहल के जैसी है. साथ ही ये दुनिया की सबसे गहरी (110 मीटर) और सबसे सस्ती मेट्रो भी है. ब्रिटेन के कोरिया मैत्री संघ(Korea Friendship Association, United Kingdom) के अनुसार फ्यंगयांग मेट्रो का किराया 1992 से नहीं बढ़ा है इस  दौरान कई नए मेट्रो स्टेशन के निमार्ण, मेट्रो प्रणाली का आधुनिकीकरण और नए डिब्बे लगाए गए पर पूंजीवादी देशों की तरह किराया बढ़ाकर जनता पर बोझ नहीं डाला गया. फ्यंगयांग मेट्रो का किराया 1992 से अभी तक भारतीय मुद्रा में 2 रुपए ही है.  2016 की इस वीडियो में फ्यंगयांग मेट्रो के  कोच भी देख लीजिए किसी टोक्यो, सिओल या दिल्ली मेट्रो से कम हैं क्या ? और ये सारे कोच उत्तर कोरिया ने अपनी देशी तकनीक से बनाए हैं. उत्तर कोरिया की तकनीकी क्षमता को कम मत आंकिए. उत्तर कोरिया ने पहले अपने बूते कभी भाप इंजन भी नहीं बनाया था पर 1959 में  वहाँ के मजदूर वर्ग ने अपनी स्वदेशी तकनीक से बिजली इंजन बनाने का कारनामा कर दिखाया था. मेट्रो टिकट के अलावा रोजमर्रा की चीजें भी उत्तर कोरिया में काफी सस्ती हैं. बाकी साम्राज्यवाद की गोद में बैठने वाल

क्या है जनवादी कोरिया की खाली सड़कों का राज

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 उत्तर कोरिया के बारे में एक धारणा यह भी है कि वहाँ सड़कों पर कम लोग दिखाई देते हैं और सड़कें लगभग खाली रहतीं हैं और इसी बात को लेकर भयावह कहानियाँ गढ़ दी जाती हैं कि वहाँ के लोगों में डर का राज कायम करके वहाँ के तथाकथित अत्याचारी और क्रूर शासन द्वारा उनके बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई हैं  या फिर लोगों को लेबर कैंपों में बंदी बनाकर रख दिया गया है. यह भी कहा जाता है कि जब विदेशी यात्रियों का दल वहाँ आता है तो लोगों को बाहर सड़कों पर घूमने फिरने के लिए छोड़ दिया जाता है कि विदेशियों को सब कुछ सामान्य लगे. उत्तर कोरिया को लेकर लाॅजिक की  हत्या का सिलसिला चलता ही रहता है. वैसे यह बात सही है कि कुछ खास अवसरों और दिन के कुछ वक्त को छोड़कर वहाँ सड़कों पर ज्यादा लोग नहीं दिखाई देते हैं और इसकी ये वजहें हैं 1. उत्तर कोरिया के  सभी शहर अपनी आबादी  की तुलना में विस्तृत भौगोलिक क्षेत्र में फैले हुए हैं. उदाहरण के लिए देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर फ्यंगयांग 2000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और आबादी केवल 32 लाख ही है. वहीं दक्षिण कोरिया की राजधानी ओर सबसे बड़ा शहर सियोल मात्र 605 वर्ग किलोमीट

जनवादी कोरिया की "अनिवार्य सैनिक सेवा" का सच

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  क्या उत्तर कोरिया में सभी नागरिकों के लिए  सैनिक सेवा अनिवार्य  है?  तथाकथित मुख्यधारा की मीडिया का कहना है कि वहाँ पुरूषों और महिलाओं के लिए सैनिक सेवा जरूरी है, पर इसके बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है तो फिर सच क्या है? उत्तर कोरिया विरोधी दुष्प्रचार और झूठ के दुनिया में सबसे बड़े निर्माता दक्षिण कोरिया के ही एकमात्र उत्तर कोरिया फैक्ट चेक यूट्यूब चैनल 왈가왈북 (वाल्गावाल्बुक) ने इस बात का खुलासा किया है कि उत्तर कोरिया में अनिवार्य सैनिक सेवा  नहीं है, जिसे सैनिक सेवा करने का मन है  केवल वही जा सकता/सकती है. वीडियो में बायीं तरफ धारीदार शर्ट पहने हुए शख्स का नाम होंग खांग छल हैं और वे उत्तर कोरिया से हैं और पिछले 8 साल से दक्षिण कोरिया में रह रहे हैं. होंग  यह बता रहे हैं कि उत्तर कोरिया  के संविधान में प्रत्येक नागरिक के लिए सैनिक सेवा को पवित्र कर्तव्य के रूप में उल्लेख किया गया है पर वहाँ  सैनिक सेवा में जाना पूरी तरह से लोगों की इच्छा पर है और जबरदस्ती किसी को सैनिक सेवा में नहीं भेजा जा सकता.वहाँ कोई शख्स विश्वविद्यालय की पढ़ाई पूरी कर सैनिक सेवा करने की इच्छा रखता है तो उसे