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नवंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मार्क्सवाद- लेनिनवाद और जूछे

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 कई कम्युनिस्ट या कम्युनिस्ट समर्थकों में यह भ्रांति बहुत बुरी तरह से फैली हुई है कि जनवादी कोरिया मार्क्सवाद- लेनिनवाद का पूरी तरह से परित्याग कर अपनी एक नई विचारधारा जूछे से संचालित होता है. इसके लिए वे तर्क देते हैं कि जनवादी कोरिया से मार्क्सवाद-लेनिनवाद के संदर्भ धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं . सबसे पहले मार्क्सवादी- लेनिनवादी संदर्भ 1980 में पार्टी चार्टर और 1992 में संविधान से हटे और 2012 में राजधानी फ्यंगयांग के किम इल संग स्क्वायर से मार्क्स और लेनिन के चित्रों को हटा दिया गया था. पर 1 जून 2024 को जनवादी कोरिया की वर्कर्स पार्टी के सेंट्रल कैडरों के लिए खुले नए पार्टी स्कूल की मुख्य इमारत पर मार्क्स और लेनिन के विशाल चित्र शान से मौजूद हैं. इसके अलावा, जनवादी कोरिया दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है जहां आप मार्क्सवाद-लेनिनवाद और द्वंद्वात्मक भौतिकवाद की विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर सकते हैं. स्कूल की किताबों में भी मार्क्स, एंगेल्स और लेनिन के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है. सच यही है कि जनवादी कोरिया ने वास्तव में मार्क्सवाद- लेनिनवाद के क्रांतिकारी सिद्धांतों सर्वहारा

यूक्रेन में जनवादी कोरिया के सैनिक (?)-2

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  तथाकथित मुख्यधारा का मीडिया लगभग 2 महीने से इस बात को जोर शोर से कह रहा है कि  जनवादी कोरिया ने यूक्रेन युद्ध में रुस की मदद के लिए अपनी सेना भेजी है. पर इस तथाकथित मुख्यधारा की मीडिया में रिपोर्टें विरोधाभासी और धुंधली हैं. सैनिकों की अलग-अलग संख्याएँ बताई गई हैं. कुछ का दावा है कि जनवादी कोरिया ने अपने 10, 000   सैनिक रुस की मदद करने के लिए भेजे हैं तो किसी का दावा है कि ये संख्या 15, 000 हो सकती है . इसके अलावा कुछ पश्चिमी मीडिया आउटलेट्स का कहना है कि जनवादी कोरिया के सैनिक अभी तक नहीं पहुंचे हैं और अन्य का दावा है कि जनवादी कोरिया के सैनिक पहले से ही यूक्रेन में लड़ रहे हैं. निःसंदेह यदि बड़ी संख्या में जनवादी कोरिया के सैनिक यूक्रेन में रूस की तरफ से लड़ रहे होते, तो कुछ ही दिनों में यूक्रेन का सब कुछ ख़त्म हो जाता. कहने की जरूरत नहीं है, यूक्रेन में जनवादी कोरिया की सैनिकों की मौजूदगी के "सबूत" में गई खराब फोटोशॉप तस्वीरें और वीडियो ही हैं जाहिर है इनके पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है. आइए इनके द्वारा पेश की गई सबूतों का एक एक करके विश्लेषण करें. सबसे पहले,  यूक्र

ह्वासंग-फो-19

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  31 अक्टूबर 2024 की सुबह  कॉमरेड किम जंग उन के नेतृत्व में  जनवादी कोरिया में एक और धमाकेदार घटना घटी.  कॉमरेड किम जंग उन की उपस्थिति में जनवादी कोरिया के मिसाइल प्रशासन द्वारा नए ह्वासंग-फो 19 अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया. ह्वासंग-फो-19 मिसाइल 7687.5 किमी की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंच गया और जनवादी कोरिया के पूर्वी सागर के खुले पानी में पूर्व-निर्धारित लक्ष्य क्षेत्र पर उतरने से पहले 5 .156 सेकंड के लिए 1001.2 किमी की दूरी तय की. कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि "उस पल, पूर्ण शक्ति वाली इकाई (मिसाइल) ने जनवादी कोरिया की जनता के कट्टर दुश्मनों और पृथ्वी पर सभी बुराइयों और अन्याय को दंडित करने और दुश्मन को नष्ट करने की दृढ़ इच्छाशक्ति से भरी अपनी प्रभावशाली छवि का खुलासा किया". यहाँ पर निम्नलिखित बातों को स्पष्ट करना जरूरी है    सबसे पहले, ह्वासंग-फो 19 आईसीबीएम परीक्षण अमेरिकी साम्राज्यवादियों, दक्षिण कोरियाई कठपुतलियों और अन्य प्रतिक्रियावादी ताकतों के बढ़ते उकसावे और दबाव का मुकाबला करने के लिए एक उचित उपाय था. अमेरिकी साम्र