जूछे विचारधारा
जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) की जूछे विचारधारा संक्षेप में 1.जूछे विचार क्या है और यह कैसे अस्तित्व में आया? जूछे का शाब्दिक अर्थ होता है जू (주,主) यानि मुख्य और छे (체,體 ) यानि शक्ति या घटक यानि मुख्य शक्ति. ये मुख्य शक्ति है मनुष्य (जनता) . जूछे विचार धारा कहती है कि मनुष्य ( जनता) ही क्रांति और निर्माण और साथ ही अपनी नियति का मालिक है . मनुष्य(जनता) को अपने दम पर अपनी जिम्मेदारी से क्रांति करनी चाहिए और क्रांति के दौरान उत्पन्न होने वाली सभी समस्याओं का समाधान स्वतंत्र और रचनात्मक तरीके से करना चाहिए और क्रांति के विजयी होने के लिए जनता को खुद को शिक्षित और संगठित करना चाहिए. जूछे विचार के तीन मूलभूत तत्व हैंं 1. राजनीतिक स्वतंत्रता 2. आर्थिक आत्मनिर्भरता 3. रक्षा आत्मनिर्भरता जूछे विचार जापानी साम्राज्यवाद के खिलाफ कोरियाई जनता के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महान नेता काॅमरेड किम इल संग द्वारा 1930 में चीन के कालून नामक स्थान में हुई क्रांतिकारियों की बैठक में दिया गया. जूछे विचार वास्तविक स्थिति की मांगों का पालन करने के लिए अस्तित्व में आया. साथ ही जूछे विचार को कोरि