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जनवादी कोरिया में स्थानीय निकायों के चुनाव

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  आगामी 26 नवंबर 2023  को जनवादी कोरिया में राजधानी फ्यंगयांग समेत सभी प्रातींय जन समितियों शहरों और जिलों की जन समितियों यानि पीपुल्स कमिटी के लिए वोट डाले जाऐंगे. हमारे संदर्भ में कहें तो देश की सभी विधानसभाओं और स्थानीय निकायों यानि नगर निगमों, नगरपालिकाओं और जिला परिषदों के प्रतिनिधियों के लिए वोट डाले जाऐंगे. जनवादी कोरिया में चुनाव एक उत्सव की तरह होता है और सारी जनता इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती है.  "हमारे देश की जनता केंद्रित समाजवादी व्यवस्था जिंदाबाद"!, (인민대중중심의 우리나라 사회주의제도 만세!)  "आइए हम सब चुनाव में भाग लेकर हमारे क्रांतिकारी संप्रभुता को चट्टान की तरह मजबूत करें"! (모두 다 산거에 참가하여 우리혁명주권을 반석같이 다지자!) ये सभी नारे वाले बैनर देश भर के चौराहे पर देखे जा सकते हैं. लाल झंडे को लहराते हुए जनवादी कोरिया की समाजवादी महिला समिति की महिलाऐं और कलाकार दल के सदस्य आते जाते लोगों को चुनाव के महत्व और इसमें भाग लेने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. किसी को पहली बार इस चुनाव में भाग लेने का उत्साह है तो कारखानों में मजदूर अपने प्रतिनिधि को पीपुल्स कमिटी में भेजने के लिए उत्साह

स्वावलंबी अर्थव्यवस्था का राज

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 जनवादी कोरिया एक स्वावलंबी अर्थव्यवस्था के निर्माण की वकालत करता है. इसका निर्माण कैसे संभव है? आत्मनिर्भरता की भावना आत्मनिर्भरता की भावना पहला कारक है जो स्वावलंबी अर्थव्यवस्था के निर्माण को बढ़ावा देती है.यह भावना जूछे विचार में निहित है जिसे राष्ट्रपति काॅमरेड किम इल संग (1912-1994) द्वारा बनाया गया था और काॅमरेड किम जंग इल (1942-2011) द्वारा विकसित किया गया था. जूछे विचार, एक शब्द में, यह विचार है कि मनुष्य अपने भाग्य का स्वामी स्वयं है और उसके पास अपने भाग्य को आकार देने की ताकत भी है.इसी विचार को मार्गदर्शक मानकर जनवादी कोरिया के लोगों ने क्रांति और निर्माण को आगे बढ़ाया है. पीछे मुड़कर देखें, तो अमेरिका द्वारा शुरू किए गए कोरियाई युद्ध (1950-1953) में कोरियाई लोगों को अवर्णनीय रूप से गंभीर क्षति हुई. अकेले राजधानी फ्यंगयांग के मामले में, कुछ इमारतों को छोड़कर सब कुछ नष्ट हो गया. अमेरिका ने दावा किया कि कोरिया सौ साल में भी कभी दोबारा उठ खड़ा नहीं हो पाएगा. हालाँकि, कोरियाई लोगों ने तीन साल से भी कम समय में देश की अर्थव्यवस्था का पूरी तरह से पुनर्निर्माण किया और 14 वर्षों में द

काॅमरेड इन आर्म्स

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फिलीस्तीन के लिए दुनिया भर में समर्थन की लहर सी चल पड़ी है.अगर आप फिलीस्तीन के समर्थन में हैं तो आपको जनवादी कोरिया यानि उत्तर कोरिया का भी समर्थन करना चाहिए. क्यों करना चाहिए? इसका जबाब यह है कि अरब देशों के अलावा जनवादी कोरिया ही इकलौता ऐसा मुल्क है जिसने इजराइल को शुरू से ही एक राष्ट्र के रूप में कभी मान्यता न दी और न कभी उससे कोई राजनयिक संबंध रखे. जबकि सोवियत संघ ने शुरुआत में इजराइल को मान्यता दी और बाद में रुस और चीन ने इजराइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए. क्यूबा के भी 1973 तक इजराइल के साथ राजनयिक संबंध रहे हैं. 2000 के दशक की शुरुआत में वेनेजुएला और बोलिविया ने इजराइल से सारे संबंध तोड़ लिए. आज जब कुछ अरब देशों जैसे मिस्र ,जार्डन, मारितानिया , मोरक्को , ओमान ,सूडान और संयुक्त अरब अमीरात ने इजराइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर लिए हैं तो यह कहा जा सकता है कि जनवादी कोरिया कई अरब देशों और समाजवादी देशों से बेहतर है जिसने इजराइल को शुरू से ही कोई मान्यता न दी और न आगे भी उसका कोई ऐसा इरादा है. पहले भी और हाल के सप्ताहों में जनवादी कोरिया ने फिलिस्तीन के समर्थन में कई बयान