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सितंबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जनवादी कोरिया के ग्रामीण क्षेत्रों का कायाकल्प

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जनवादी कोरिया के बारे में पश्चिम और दक्षिण कोरियाई सूत्रों से प्राप्त तमाम झूठी सूचनाओं से लबालब कई लोग ऐसा सोचने लगते हैं कि जनवादी कोरिया में वहाँ की राजधानी फ्यंगयांग ही थोड़ी बहुत विकसित है(कईयों को तो इतना भी पता नहीं) और वहाँ के ग्रामीण क्षेत्र दुनिया के पिछड़े क्षेत्रों में से एक है. पर इस वीडियो में देखिए वहाँ के ग्रामीण क्षेत्रों का कैसे कायाकल्प हो रहा है और स्थानीय ग्रामीणों के लिए कैसे घर बनाए गए हैं. वर्कर्स पार्टी की 8 वीं केंद्रीय समिति के चौथे अधिवेशन में पार्टी ने ग्रामीण क्षेत्रों के समाजवादी विकास के लिए एक महान नए युग का आह्वान किया जो पार्टी की स्थापना से ही हमेशा उसका मुख्य कार्यभार और जिम्मेदारी रही है. पार्टी ने इस अधिवेशन में आधुनिक तकनीक के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के क्रांतिकारी रूपांतरण का कार्यक्रम तैयार किया और इसपर तुरंत अमल भी शुरू हो गया. जनवादी कोरिया के उत्तर में छागांग प्रांत और उत्तरी हामग्यंग प्रांत से दक्षिण के उत्तरी ह्वांगहे प्रांत, पश्चिम के उत्तरी फ्यंगआन प्रांत से लेकर पूर्व के दक्षिणी हामग्यंग और खांगवन प्रांत तक देश के चारों कोनों में स्

दक्षिण कोरिया की नजर में जनवादी कोरिया की चौथी औद्योगिक क्रांति

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 आजकल कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) , थ्रीडी प्रिंटिंग (3D Printing) जैसे शब्द आप में से कईयों ने सुने होंगे, इन्हें चौथी औद्योगिक क्रांति की तकनीक भी कहा जाता है तो जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) में चौथी औद्योगिक क्रांति की इन तकनीकों पर कैसा काम हो रहा है? क्या कहा उत्तर कोरिया में चौथी औद्योगिक क्रांति??? ये कैसे संभव है? जनवादी कोरिया का मीडिया अगर इसकी बात करे तो वो कईयों को झूठा प्रोपेगेंडा ही लगेगा क्योंकि लोगों की मानसिकता ही ऐसी बना दी गई है. मगर जनवादी कोरिया यानि उत्तर कोरिया के खिलाफ तमाम झूठ और जहरीले प्रोपेगेंडा की दुनिया में सबसे बड़ी फैक्ट्री दक्षिण कोरिया और वहाँ का दैनिक जागरण सरीखा अखबार जब जनवादी कोरिया की चौथी औद्योगिक क्रांति के बारे में बोले तब?  नहीं तो दक्षिण कोरिया की मीडिया के माध्यम से उत्तर कोरिया के बारे में जानना वैसा ही है जैसे किसी संघी से समानता, भाईचारा , सद्भाव, धर्मनिरपेक्षता इत्यादि को जानना.   ​ फासीवादी दक्षिण कोरिया में तमाम अवरोधों के बावजूद कुछ गिने चुने प्रगतिशील कहे जाने वाले कुछ संगठन और कुछ निजी कंपनियों के रिसर्च सेंटर है जो जनवादी कोरिया को उस

जनवादी कोरिया की एक सड़क सफाईकर्मी

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 हाल ही में वर्कर्स पार्टी के महासचिव काॅमरेड किम जंग उन ने देश के उत्तरी भाग में स्थित एक दूरदराज के  छोटे कस्बे की वयोवृद्ध वरिष्ठ महिला सड़क सफाईकर्मी काॅमरेड किम संग न्य की मृत्यु पर  गहरा शोक व्यक्त किया और उनकी अर्थी पर माल्यार्पण के लिए फूलमाला भेजा. काॅमरेड किम संग न्य खुद तो जीवन भर सड़क सफाई कर्मी रही ही अपने सारे बच्चों को भी सड़क सफाईकर्मी बनाया. वे सेवानिवृत्त होने तक अपने इस काम के प्रति पूर्ण समर्पित रहीं यह दर्शाता है कि जनवादी कोरिया में कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं है. सारे काम समाज के लिए जरूरी और बराबरी वाले हैं. वहीं भारत समेत दुनिया के सभी पूंजीवादी देशों में सफाईकर्मी के काम को हीनता की नजर से देखा जाता है, इसका उपहास उड़ाया जाता है और सभी ने तो यह सुना ही होगा कि मेहनत से पढ़ लिख लो नहीं तो सफाई करने वाले ही बनकर रह जाओगे. पर जनवादी कोरिया में तो उल्टी गंगा ही बहती है. वहाँ तो अपने बच्चों को भी सफाईकर्मी बनने के लिए प्रेरित किया जाता है और बच्चे भी आगे चलकर सफाईकर्मी बनकर गौरवान्वित होते हैं कि वे देश और समाज के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं  जनवादी कोरिया मे

जनवादी कोरिया के 74 साल

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  74 साल पहले   9सितंबर 1948   को डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया, यानि जनवादी कोरिया  नामक एक समाजवादी राज्य का जन्म हुआ था.अब अपने आठ दशक में, जनवादी कोरिया शुरू से ही बिना कोई संशोधनवादी नीति  अपनाए सबसे टिकाऊ साम्राज्यवाद विरोधी समाजवादी राज्य साबित हुआ है. जनवादी कोरिया एशिया का पहला समाजवादी देश बना, जहाँ एक जनवादी लोकतंत्र था, जो एक नए प्रकार की जनशक्ति थी. जनवादी कोरिया  की स्थापना के साथ कोरियाई जनता खुद अपनी नियति की मालिक बन बैठी. जनवादी कोरिया   को महान नेता राष्ट्रपति किम इल संग के नेतृत्व में जापानी विरोधी क्रांतिकारी सशस्त्र संघर्ष की गौरवपूर्ण परंपराएं विरासत में मिलीं. इससे प्रेरित होकर ही जनवादी कोरिया की जनता ने सबसे शक्तिशाली साम्राज्यवादी सरगना अमेरिका को भी हराया और अपने क्षेत्र की संप्रभुता की रक्षा की.                                    जनवादी कोरिया की नींव दुनिया के उत्पीड़ित लोगों के लिए एक शक्तिशाली प्रेरणा थी, जो साम्राज्यवादी उत्पीड़न का सामना करते हुए स्वतंत्रता और राष्ट्रीय मुक्ति के लिए  संघर्ष कर रहे थे.  समाजवाद की ओर बढ़ते हुए अंतर्राष्ट्रीय

अमेरिकी कब्जे के 77 साल

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8 सितम्बर 2022 को 77 साल पूरे हो गए हैं जब अमेरिका ने  दक्षिण कोरिया पर कब्जा किया था .   8 सितंबर 1945 को अमेरिकी सैनिक दक्षिण कोरिया में उतरे. कोरिया को पहले ही 15 अगस्त को महान नेता कॉमरेड किम इल संग की कमान में कोरियाई पीपुल्स रिवोल्यूशनरी आर्मी के वीर गुरिल्लाओं द्वारा मुक्त कर दिया गया था. कोरियाई लोग एक नया देश बनाने के लिए  संकल्पित थे लेकिन दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सैनिकों ने इसे बर्बाद कर दिया. शुरू से ही अमेरिकी सैनिकों ने कोरियाई जनता पर अत्याचार किए.उनकी पहली कार्रवाइयों में से एक दक्षिण कोरिया में लोगों द्वारा स्थापित जन समितियों(People's Committee) का दमन करना था.उन्होंने दक्षिण कोरिया में कम्युनिस्ट और प्रगतिशील ताकतों का बेरहमी से दमन किया, जिसमें कई लोग मारे गए. जब लोगों ने विद्रोह किया तो अमेरिकी सैनिकों ने  अपने दक्षिण कोरियाई पिट्ठुओं के साथ छेजू द्वीप को खून से लथपथ कर दिया. यह अमेरिका ही था जिसने दक्षिण कोरिया में पाक चंग ही फासीवादी शासन (तीसरी दुनिया के उत्पीड़ित देशों में साम्राज्यवादी प्रतिक्रियावादी फासीवादी तानाशाही के लिए एक प्रोटोटाइप) जैसे विभिन

कोविड प्रबंधन

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 फासिस्ट अमेरिकी कठपुतली दक्षिण कोरिया में कोविड-19 का कहर जारी है. कोविड 19 से दक्षिण कोरिया में अबतक 27,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 5 करोड़ की आबादी में अबतक 2 करोड़ 30 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं.  इधर जनवादी कोरिया में कोविड 19 को 100 दिनों के भीतर समाप्त कर दिया गया था और वहाँ की ढाई करोड़ की आबादी में 47 लाख  लोग संक्रमित हुए और केवल 74  मौतें  दर्ज हुईं. इस तरह दक्षिण कोरिया में कोविड 19 से मरने वालों की संख्या जनवादी कोरिया से 388 गुना अधिक है. दक्षिण कोरिया में कोविड-19 महामारी का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है.  जनवादी कोरिया की जनता केंद्रित समाजवादी व्यवस्था   कोविड 19 महामारी से निपटने में  (और भी कई मायनों में)दक्षिण कोरिया की भ्रष्ट, मुनाफाखोर, प्रतिक्रियावादी फासीवादी व्यवस्था से बेहतर है. जनवादी कोरिया के खिलाफ पश्चिमी और दक्षिण कोरियाई कुत्साप्रचार के शिकार लोगों को इसे समझने की जरूरत है.  वीडियो में जुलाई 2022 तक के आंकड़े हैं.जब जनवादी कोरिया में कोविड के मामले ढलान पर थे.

जनवादी कोरिया की कोविड -19 पर जीत

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बीते 10 अगस्त 2022 जनवादी कोरिया ने अपने यहाँ कोविड 19 के प्रसार को काबू में करने के लिए तीन महीने पहले बनाए गए शीर्ष स्तरीय आपातकालीन महामारी विरोधी व्यवस्था को हटा दिया. इस दिन जनवादी कोरिया के राज्य कार्य समिति ( State Affairs Commission)  के अध्यक्ष और वर्कर्स पार्टी के महासचिव काॅमरेड किम जंग उन ने महामारी विरोधी कार्य के राष्ट्रीय समीक्षा बैठक में अपने भाषण में जनवादी कोरिया की सरजमीं पर कोविड 19 के वायरस के खात्मे और जनता के जीवन और सेहत को बचाने की लड़ाई में जीत की घोषणा की. जबकि दुनिया अभी भी इस महामारी से जूझ रही है. जनवादी कोरिया की इस महामारी पर जीत स्वास्थ्य सेवा के इतिहास में एक आश्चर्य ही है जिसके गहरे मायने हैं. बीती मई में देश में अप्रत्याशित आपात स्थिति उत्पन्न हुई क्योंकि घातक वायरस ने जनवादी कोरिया की सरजमीं में घुस गया था, उसी जनवादी कोरिया में  जो दुनिया में इस महामारी के प्रकोप के शुरुआती दिनों से ही  सरकार द्वारा उठाए गए  सख्त उपायों से दो साल से अधिक वक्त तक  कोरोना वायरस से आज़ाद  रहा था. जनवादी कोरिया की वर्कर्स पार्टी और सरकार ने तुरंत एक समग्र, दृढ़ और आक्र