जनवादी कोरिया के ग्रामीण क्षेत्रों का कायाकल्प


जनवादी कोरिया के बारे में पश्चिम और दक्षिण कोरियाई सूत्रों से प्राप्त तमाम झूठी सूचनाओं से लबालब कई लोग ऐसा सोचने लगते हैं कि जनवादी कोरिया में वहाँ की राजधानी फ्यंगयांग ही थोड़ी बहुत विकसित है(कईयों को तो इतना भी पता नहीं) और वहाँ के ग्रामीण क्षेत्र दुनिया के पिछड़े क्षेत्रों में से एक है. पर इस वीडियो में देखिए वहाँ के ग्रामीण क्षेत्रों का कैसे कायाकल्प हो रहा है और स्थानीय ग्रामीणों के लिए कैसे घर बनाए गए हैं.



वर्कर्स पार्टी की 8 वीं केंद्रीय समिति के चौथे अधिवेशन में पार्टी ने ग्रामीण क्षेत्रों के समाजवादी विकास के लिए एक महान नए युग का आह्वान किया जो पार्टी की स्थापना से ही हमेशा उसका मुख्य कार्यभार और जिम्मेदारी रही है. पार्टी ने इस अधिवेशन में आधुनिक तकनीक के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के क्रांतिकारी रूपांतरण का कार्यक्रम तैयार किया और इसपर तुरंत अमल भी शुरू हो गया.

जनवादी कोरिया के उत्तर में छागांग प्रांत और उत्तरी हामग्यंग प्रांत से दक्षिण के उत्तरी ह्वांगहे प्रांत, पश्चिम के उत्तरी फ्यंगआन प्रांत से लेकर पूर्व के दक्षिणी हामग्यंग और खांगवन प्रांत तक देश के चारों कोनों में स्थित सारे ग्रामीण क्षेत्रों का बड़े पैमाने पर कायाकल्प हो रहा है. निर्माण में लगने वाली सभी सामग्रियां जैसे बजरी, लकड़ी, छड़, रंगीन टाइलें  स्थानीय  स्तर पर ही जुटाई गईं हैं . निर्माण कार्य जल्द से जल्द और गुणवत्तायुक्त हो इसके लिए विशेष ध्यान रखा जा रहा है. जनवादी कोरिया के हर निर्माण स्थल पर कलाकार दस्ते क्रांतिकारी गीत और संगीत के द्वारा निर्माण कार्य में लगे अपने काॅमरेडों की हौसला अफ़ज़ाई करते दिख जाते हैं.

वहीं  उत्तरी ह्वांगहे प्रांत के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित क्वांगछन चिकन फैक्ट्री के मजदूरों के लिए शानदार घर बनकर तैयार हो गए हैं और एक समारोह में मजदूरों के परिवारों को इन घरों के आजीवन मुफ्त में इस्तेमाल करने के लिए आवासीय परमिट देकर गृहप्रवेश कराया गया. ये सारे घर आरामदायक और बड़े बड़े कमरों वाले हैं. उत्तरी ह्वांगहे प्रांत के ही यनसान काउंटी के एक गाँव का कायाकल्प कर  ग्रामीणों के हवाले कर दिया गया.     गाँव में  शानदार  घरों के अलावा सांस्कृतिक मनोरंजन केंद्र, किंडरगार्टन, दवा दुकान समेत सारी सुविधाएं मौजूद हैं.
जाहिर सी बात है तथाकथित मुख्यधारा का कारपोरेट मीडिया जनवादी कोरिया के ऐसे दृश्य नहीं दिखलाएगा, उसे तो येंन केन प्रकारेण समाजवाद को एक बुरी तरह से विफल व्यवस्था साबित करना है . जनवादी कोरिया के ग्रामीण क्षेत्रों का महान कायाकल्प किसी आदर्श परिस्थितियों में हासिल नहीं किए गए हैं. देश के दक्षिण में अमेरिकी साम्राज्यवादी दक्षिण कोरिया में 77 सालों से  खूंटा गाड़ कर बैठे हुए हैं और बार बार जनवादी कोरिया के लिए  तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर देते हैं. इतना ही नहीं अमेरिका ने  जनवादी कोरिया के साथ शांति समझौता नहीं किया है और जनवादी कोरिया के शांति प्रयासों को हमेशा  ठेंगा ही दिखाया है.  आज रूस पर भले ही दुनिया में सबसे ज्यादा  प्रतिबंध लगे हुए हों पर जनवादी कोरिया के जन्म से ही उसपर अमेरिका और अमेरिकी कठपुतली संयुक्त राष्ट्र के द्वारा उसपर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगे हुए हैं.  stastista. com वेबसाईट के मुताबिक जनवादी कोरिया पर 2,098 तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगे हुए हैं, वहीं ऐसे कड़े प्रतिबंधों का सामना  कर रहे क्यूबा पर 208 तरह के प्रतिबंध लगे हैं. जनवादी कोरिया के बारे में  एक और बात ध्यान में रखनी चाहिए कि वहाँ साम्राज्यवादी पूंजी एक बार भी घुसपैठ करने में असफल रही है, और यह देश  कभी भी अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, विश्व व्यापार संगठन सरीखे साम्राज्यवादी संगठनों का सदस्य नहीं रहा है और न इसकी सरजमीं पर कोई विदेशी बैंक ही है. जनवादी कोरिया आधुनिक इतिहास का  सबसे आजाद मुल्क है. पूर्ण आजादी और आत्मनिर्भरता जनवादी कोरिया की स्थापना का मूलमंत्र रहा है.   आजाद , आत्मनिर्भर और दृढ़ कम्युनिस्ट विचार की चाहत रखने वाले  हरेक व्यक्ति को  जनवादी कोरिया को पढ़ना चाहिए, उससे सीखना चाहिए और अपने भीतर उसे  हर हमेशा जिंदा रखना चाहिए क्योंकि आज की तारीख में कोई दूसरा विकल्प  है ही नहीं.

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