जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) से जुड़े मिथकों और दुष्प्रचार को दूर करने और वहाँ की समाजवादी व्यवस्था की उपलब्धियों के साथ साथ दक्षिण कोरिया की कड़वी सच्चाइयों को सामने लाने का हिंदी में एक छोटा सा प्रयास.
इस ब्लॉग को चलाने वाले कोरियाई भाषा के अच्छे जानकार हैं और कोरियाई प्रायद्वीप से संबंधित अध्ययन से 15 से ज्यादा सालों तक जुड़े हुए हैं.
नया टाउनशिप-2
लिंक पाएं
Facebook
X
Pinterest
ईमेल
दूसरे ऐप
इस पोस्ट को 15 अप्रैल 2022 को अपडेट किया गया
वर्कर्स पार्टी के महासचिव कॉमरेड किम जंग उन ने 2 अप्रैल 2022 को राजधानी फ्यंगयांग के बोथोंंग नदी के किनारे लगभग पूरी हो चुकी एक आवासीय परियोजना का दौरा किया. इस परियोजना स्थल पर निर्माण कार्य पिछले साल मार्च में शुरू हुआ था और एक साल के भीतर ही एक और नया टाउनशिप बनकर तैयार है. इस आवासीय परियोजना के अंतर्गत 800 परिवारों के लिए छत वाले आलीशान घर बनाए गऐ हैं जो जनवादी कोरिया की समाजवादी व्यवस्था में अभूतपूर्व योगदान देने वाले किसानों, मजदूरों, वैज्ञानिकों , कलाकारों, पत्रकारों और अन्य क्षेत्रों के लोगों को उपहार के तौर पर मुफ्त में दिए जाऐंगे. वैसे तो जनवादी कोरिया के हरेक नागरिक को शानदार घर मुफ्त में दिया ही जाता है क्योंकि ये उनका सांविधानिक अधिकार है.
इस वीडियो फोटो स्लाइड के माध्यम से इन घरों का बाहरी और भीतरी और इलाके के रात का नजारा देखिए.
जनवादी कोरिया में आपको खाली घर नहीं सारे जरुरी फर्नीचर से युक्त भरा पूरा घर दिया जाता है. काॅमरेड किम जंग उन ने अपने इस दौरे में सारे फर्नीचर और बाकी चीजों को खुद जांचा परखा और 15 अप्रैल से पहले तक बाकी बचे हुए काम को पूरा कर लेने के निर्देश लिए क्योंकि 15 अप्रैल को देश के महान नेता काॅमरेड किम इल संग की 110 वीं जयंती के अवसर पर इनमें रहने वाली जनता को आवासीय परमिट देकर उनका गृहप्रवेश कराना है, उधर फ्यंगयांग में ही बनकर तैयार हो चुके दस हजार घरों वाले एक टाउनशिप में भी उसी दिन लोगों का गृहप्रवेश कराया जाएगा.
और वर्कर्स पार्टी के महासचिव काॅमरेड किम जंग उन ने 13 अप्रैल 2022 को इसआवासीय टाउनशिप का फीता काटकर विधिवत् उद्घाटन भी कर दिया. इस अवसर पर जनवादी कोरिया का राष्ट्रगान भी बजाया गया. 2 अप्रैल 2021 को इस टाउनशिप के निर्माण कार्य का उद्घाटन हुआ था और एक साल के भीतर ही खूबसूरत टाउनशिप बनकर खड़ा भी हो गया जो आत्मनिर्भरता पर आधारित जनवादी कोरिया के समाजवाद के निर्माण क्रांति का प्रतीक है. पूरे जनवादी कोरिया में जोर शोर से निर्माण क्रांति जारी है. इन घरों के कमरे किसी आलीशान फाईव स्टार होटलों के कमरे से कहीं कम नहीं है. इस टाउनशिप और बाकी अन्य आवासीय इलाकों को जनवादी कोरिया की सरकार ने अपने दम पर खड़ा किया है. सरकार ने इसके लिए न तो बैंकों से कोई कर्ज लिया है और न विदशों से कोई मदद. जनवादी कोरिया में सारे जनकल्याण के कार्य बिना कोई कर्ज लिए सरकार के अपने बूते पर किए जाते हैं.
वीडियो में काॅमरेड किम जंग उन एक बुजुर्ग महिला का हाथ पकड़ कर उसे उसके नए आवंटित घर तक ले जा रहे हैं. वो 80 वर्षीया बुजुर्ग महिला कोरियन सेंट्रल टेलीविजन की जानी मानी न्यूज़ रीडर काॅमरेड री छुन ही हैं जो पिछले 50 वर्षों से कोरियन सेंट्रल टेलीविजन की बुलंद आवाज़ हैं. पश्चिमी साम्राज्यवादी मीडिया के माध्यम से उनका चेहरा दुनिया में जाना माना है. इस वीडियो में भी काॅमरेड री छुन ही की ही आवाज है. इसके अलावे काॅमरेड किम जंग उन ने अन्य घरों का भी दौरा किया कि उसमें रहने वाले परिवारों को कोई तकलीफ या परेशानी तो नहीं है. वीडियो में दिख रही उत्साहित जनता कोई भाड़े की भीड़ नहीं है और अपने नेता के लिए उनका उत्साह कोई नौटंकी नहीं है. अपनी जनता से क्या डरना! इसी चीज को ध्यान में रखकर जनवादी कोरिया के नेता अपनी जनता के बीच में जाते हैं . न कोई सुरक्षा का बड़ा घेरा या भारी भरकम काफिला.
दुनिया के तथाकथित "सबसे बड़े लोकतंत्र" और विश्वगुरु में ऐसे घरों पर तो सबसे पहले मंत्रियों, सासंदो विधायकों का ही कब्जा हो जाता. पर जनवादी कोरिया में ऐसे घर आम जनता को दिए जा रहे हैं जिनका अपने अपने क्षेत्रों में अभूतपूर्व योगदान है. जनवादी कोरिया की समाजवादी व्यवस्था केवल निर्माण जानती है विध्वंस नहीं. वहीं दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सरकार चंद धनपशुओं की दलाली करने के खातिर सत्ता में बने रहने के लिए गरीब गुरबों के मकान तोड़ने से भी कोई गुरेज नहीं करती. हंसिए, मुस्कुराइए, नाचिए, कूदिए की आप दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिक हैं!!?
इसके अलावा दूसरे देशों में सरकारें जनता से जमकर टैक्स वसूलने के बाद भी एक सीमित तबके को या सीमित मात्रा में ही सुविधा मुहैया करा पाती है और बहुसंख्य जनता नारकीय जीवन जीने को अभिशप्त हो जाती है. जनवादी कोरिया में नागरिकों को किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता है क्योंकि उनकी सरकार ने 1974 में कानून बनाकर सभी तरह की टैक्स प्रथा को खत्म कर दिया था. वहाँ पूरी तरह से सरकार नियंत्रित उद्यम जो भी दौलत पैदा करते हैं उसे जनता के कामों में लगाया जाता है. बिना एक भी पैसा टैक्स लिए मुफ्त पढ़ाई, दवाई, आवास, पूर्ण रोजगार की सुविधा जनवादी कोरिया को छोड़कर दुनिया के किसी भी देश में नहीं मिलेगी और ये हकीकत है. कारपोरेट जीवी मुख्यधारा की मीडिया द्वारा जनवादी कोरिया की ये सच्चाई भी कभी नहीं बताई जाएगी, ये भी हकीकत है.
27 जुलाई साम्राज्यवाद पर जीत का दिन है . इसी दिन 69 साल पहले सन् 1953 में विश्व साम्राज्यवाद के सरगना अमेरिका को जनवादी कोरिया के सामने झुकते हुए युद्धविराम समझौता करना पड़ा था. अमेरिका अपनी स्थापना के 180 सालों के दौरान दूसरे देशों के खिलाफ 110 युद्धों में कभी नहीं हारा था पर जनवादी कोरिया के साथ 3 साल तक चले युद्ध में पहली बार अमेरिका को बिना जीत के ही जनवादी कोरिया के साथ युद्धविराम समझौता करना पड़ा. 1950 से 1953 के दौरान जनवादी कोरिया और अमेरिका के बीच चले युद्ध को कोरिया युद्ध के नाम से जाना जाता है पर यह गलत है ये उत्तर- दक्षिण कोरिया के बीच युद्ध नहीं , यह कोरियाई जनता और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच युद्ध था. कोरिया युद्ध को पितृभूमि मुक्ति युद्ध (Fatherland Liberation War) कहना ज्यादा उचित है. साम्राज्यवादी ताकतें जनवादी कोरिया के इस महान पितृभूमि मुक्ति युद्ध के बारे में ज्यादा बात करना पसंद नहीं करतीं. इस युद्ध को तथाकथित मुख्यधारा का मीडिया एक भूला हुआ अनजाना युद्ध कहता है . ऐसा क्यों? इससे संबंधित कुछ बयानों पर नजर डालते हैं. अमेरिका के दक्षिणपंथी सैनिक इतिहास
दुनिया के इतिहास में कई युद्धों का जिक्र है पर कोई भी युद्ध 1950 के दशक में हुए पितृभूमि मुक्ति युद्ध (कोरिया युद्ध) जैसा खूनी और विध्वंसकारी नहीं था. 27 जुलाई 1953 को यानि आज से 70 साल पहले इस युद्ध की परिणिति जनवादी कोरिया की जीत के रूप में हुई. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद कोरिया के दक्षिणी भाग यानि दक्षिण कोरिया पर बलपूर्वक कब्जा करने के बाद अमेरिका ने जनवादी कोरिया यानि उत्तर कोरिया जिसने पूर्ण स्वतंत्रता की राह अपनाई, उसके खिलाफ युद्ध की तैयारी तेज कर दी और इस तरह अमेरिका ने पूरे कोरिया को अपना उपनिवेश बनाने के लिए 25 जून 1950 की सुबह आक्रामक युद्ध छेड़ दिया. यह युद्ध एक असमान युद्ध था. इस युद्ध में अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने अपने विशाल सशस्त्र बलों और अपने 15 सहयोगी(कठपुतली) देशों के सैनिकों के साथ-साथ जापानी सैन्यवादियों और दक्षिण कोरियाई कठपुतलियों को भी शामिल किया था. इस युद्ध में आश्चर्यजनक रूप से अमेरिका, जो आक्रामकता के अपने 100 साल के इतिहास में कभी नहीं हारा था और जो दुनिया में "सबसे मजबूत" होने का दावा कर रहा था, को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा, जबकि जन
इस पोस्ट को 15 दिसम्बर 2021 को अपडेट किया गया तथाकथित "मुख्यधारा" की तथाकथित "स्वतंत्र और निष्पक्ष " मीडिया द्वारा दुनिया के सबसे सनकी, क्रूर, निरंकुश तानाशाह जैसी संज्ञाओं से नवाजे गए किम जंग उन की तानाशाही का आलम देखिए कि उनके बगल में बैठा आदमी उनकी बात से असहमति जता रहा है. उत्तर कोरिया की वर्कर्स पार्टी की पोलित ब्यूरो की एक बैठक में पार्टी सचिव किम जंग उन के किसी प्रस्ताव पर पांच सदस्यों ने असहमति जताई जो उपरोक्त तस्वीर में साफ साफ दिखाई देता है और असहमति जताने वाले सदस्यों को किसी तोप से नहीं उड़ाया गया या लोगों के सामने गोली नहीं मारी गई क्योंकि उन्हें असहमत होने का अधिकार है. इसलिए उत्तर कोरिया में किम जंग उन समेत कोई भी निरंकुश नहीं हो सकता. वहाँ जनता और पार्टी से कोई उपर नहीं. अगर वहाँ नेता की बहुत इज्जत है तो उसके जनहितैषी कामों की वजह से ही है. उत्तर कोरिया की वर्कर्स पार्टी जो कि एक कम्युनिस्ट पार्टी है के द्वारा संचालित एक समाजवादी देश है जिसमें जनता की तानाशाही ही चलती है. आप जिस उत्तर कोरिया के बारे में आए दिन सुनते रहते हैं उस उत्तर कोरिया का
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें