फ्यंगयांग मेट्रो


उत्तर कोरिया की राजधानी फ्यंगयांग की मेट्रो एक भूमिगत राजमहल के जैसी है. साथ ही ये दुनिया की सबसे गहरी (110 मीटर) और सबसे सस्ती मेट्रो भी है. ब्रिटेन के कोरिया मैत्री संघ(Korea Friendship Association, United Kingdom) के अनुसार फ्यंगयांग मेट्रो का किराया 1992 से नहीं बढ़ा है इस  दौरान कई नए मेट्रो स्टेशन के निमार्ण, मेट्रो प्रणाली का आधुनिकीकरण और नए डिब्बे लगाए गए पर पूंजीवादी देशों की तरह किराया बढ़ाकर जनता पर बोझ नहीं डाला गया. फ्यंगयांग मेट्रो का किराया 1992 से अभी तक भारतीय मुद्रा में 2 रुपए ही है.


 2016 की इस वीडियो में फ्यंगयांग मेट्रो के  कोच भी देख लीजिए किसी टोक्यो, सिओल या दिल्ली मेट्रो से कम हैं क्या ? और ये सारे कोच उत्तर कोरिया ने अपनी देशी तकनीक से बनाए हैं. उत्तर कोरिया की तकनीकी क्षमता को कम मत आंकिए. उत्तर कोरिया ने पहले अपने बूते कभी भाप इंजन भी नहीं बनाया था पर 1959 में  वहाँ के मजदूर वर्ग ने अपनी स्वदेशी तकनीक से बिजली इंजन बनाने का कारनामा कर दिखाया था.


मेट्रो टिकट के अलावा रोजमर्रा की चीजें भी उत्तर कोरिया में काफी सस्ती हैं. बाकी साम्राज्यवाद की गोद में बैठने वाला मीडिया दिन रात उत्तर कोरिया की बदहाली की झूठी और मनगढ़ंत खबरें दिखलाता रहता ही है.

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