जनवादी कोरिया में कोविड संबंधित झूठ का पर्दाफाश

 




कोविड के जनवादी कोरिया में प्रसार से संबंधित बदमाश दक्षिण कोरिया और पश्चिम के तमाम झूठों का पर्दाफाश करो!

जनवादी कोरिया में  हाल ही में फैली कोविड महामारी के बारे में 17 मई 2022 को ब्रिटेन के "तथाकथित प्रगतिशील" माने जाने वालेअखबार द गार्जियन(The Guardian) में एक खबर आई है और एक "तथाकथित स्वास्थ्य विशेषज्ञ"  डाॅक्टर जाॅन कैम्पबेल (Dr. John Campbell) ने यूट्यूब पर एक वीडियो डाला है और  ये खबर और वीडियो दोनों ही जनवादी कोरिया के बारे में गंभीर रूप से गलत, अतिरंजित (Exaggerated) और विकृत (Distorted) तस्वीर पेश करते हैं.
द गार्जियन की ये खबर भी साम्राज्यवादी फ्रांस(फ्रांस भी एक साम्राज्यवादी मुल्क है और अफ्रीका के कई देशों में इसकी सेना भी तैनात है)के AFP(Agence France Presse) समाचार एजेंसी के हवाले से दी गई है.


AFP का एशिया प्रशांत क्षेत्र का संपादक कोई और नहीं बल्कि ओलिवर हाॅथम (Oliver Hotham) है, हाॅथम इसके पहले जनवादी कोरिया से संबंधित कुख्यात  CIA की गलत खबरों और दुष्प्रचार की वेबसाइट NK News का मुख्य संपादक भी रह चुका है. और गार्जियन की इस खबर के पीछे भी हाॅथम ही है. गार्जियन ने अपनी असल रिपोर्टिंग करने के बजाय साम्राज्यवादी समाचार एजेंसियों के लेखों को ही काॅपी और पेस्ट करने का काम किया है

तथाकथित मुख्यधारा की मीडिया की जनवादी कोरिया संबंधित ज्यादातर खबरें आमतौर पर  दक्षिण कोरिया और CIA द्वारा फैलाई गई (मनगढ़ंत) कहानियों की नकल होती हैं.

गार्जियन में प्रकाशित AFP की यह खबर दक्षिण कोरियाई स्त्रोतों का इस्तेमाल करती है और जनवादी कोरिया विरोध के लिए पूर्ण समर्पित दक्षिण कोरिया के अग्रणी थिंक टैंक  से जोंग इंस्टीट्यूट(Sejong Institute,  세종연구소)के पदाधिकारी को उद्धृत (Quote) करती है.

अब गार्जियन की उसी खबर पर आते हैं जिसमें हास्यास्पद रुप से यह दावा किया गया है कि जनवादी कोरिया में "दुनिया की सबसे खराब सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था" है. पर इसकी सच्चाई एकदम अलग है.

जनवादी कोरिया में मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था 1947 में कारखानों और दफ्तरों के कामगारों के लिए शुरू की गई और 1953 में सार्वभौमिक ( Universal) मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल की शुरुआत की गई और इस तरह वहाँ हरेक को मुफ्त चिकित्सा देखभाल उपलब्ध है.1960 के दशक में जनवादी कोरिया में प्रति 10,000 व्यक्तियों पर 16 डाॅक्टर उपलब्ध थे जो काफी उंचा स्तर था.

साम्राज्यवादी विश्व बैंक, जिससे जनवादी कोरिया के लिए रत्ती भर भी सहानुभूति की उम्मीद नहीं की जा सकती ,उसी के 2016 तक के आकड़ों के अनुसार जनवादी कोरिया में प्रति 1000 लोगों पर डाक्टर का अनुपात 3.7 है जो  अमेरिका (2.6), चीन (1.8), जापान (2.9), भारत (0.8), फ्रांस (3.2), यूके (2.8), कनाडा (2.6) और दक्षिण कोरिया (2.4) से भी अधिक है ( https://data.worldbank.org/indicator/sh.med.phys.zs)

विश्व बैंक के ही मुताबिक जनवादी कोरिया में प्रति 1000 लोगों पर अस्पताल बेड 13.2 थे जबकि द गार्जियन के मुल्क ब्रिटेन में यही संख्या प्रति 1000 लोगों पर 2.9 थी. यानि कि प्रति 1000 लोगों पर जनवादी कोरिया में ब्रिटेन से 4.55 गुना ज्यादा अस्पताल बेड हैं! तो कैसे जनवादी कोरिया में "दुनिया की सबसे खराब स्वास्थ्य व्यवस्था" हो सकती है? यह एक खुल्लमखुल्ला झूठ के सिवा कुछ नहीं है.

साथ ही जनवादी कोरिया में सेक्शन (इलाका) डाॅक्टर प्रणाली है जिसके तहत हरेक डाॅक्टर का इलाका बंटा रहता है. वहाँ डाॅक्टर खुद से ही अपने इलाके में आने वाले आवासीय क्षेत्र और कार्यस्थलों का दौरा नियमित रूप से करते हुए लोगों का इलाज करते हैं और बीमारी से रोकथाम के उपाय भी बताते हैं. वहीं द  गार्जियन के मुल्क ब्रिटेन में कई बार डाॅक्टरों से सीधे तौर पर मिलना असंभव हो जाता है और इसकी जगह मरीजों को ऑनलाइन सलाह और फोन काॅल का ही सहारा रहता है.

यूट्यूब पर डाॅक्टर जाॅन कैम्पबेल नाम का एक तथाकथित स्वास्थ्य विशेषज्ञ है और जो जाहिर तौर पर समाजवादी देशों का मित्र नहीं हैं. कैम्पबेल ने जनवादी कोरिया में एक बार भी कदम नहीं रखा है और यूट्यूब पर Disaster in North Korea  टाईटल से एक वीडियो डाला है. जो द गार्जियन की खबर की तरह अत्यंत भ्रामक और गलत जानकारी वाला है.

जाहिर तौर पर जनवादी कोरिया जो पहले (2 साल 3 महीने तक) 100% कोविड मुक्त था . अब वहाँ कोविड के फैलाव ने उथल पुथल मचाई है और ये गंभीर चिंता का विषय है. इस बात को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि ओमिक्रोन कोविड 19 का कम गंभीर वैरिएंट है. येल मेडिसिन(Yale Medicine)  की वेबसाइट के मुताबिक अच्छी खबर यह है कि अभी तक ओमिक्रोन का सब वैरिएंट BA 2.12.1  गंभीर बीमारी और मृत्यु का कारण नहीं बना है.

जनवादी कोरिया ने ओमिक्रोन वैरिएंट का पता चलते ही समय पर त्वरित कदम उठाए. जनवादी कोरिया में पिछले 24 घंटे में कोविड (बुखार) से 6 लोगों की ही मौत हुई है(जनवादी कोरिया में  अबतक यानि 18 मई 2022 तक कुल कोविड मामले 17 लाख 15 हजार हैं और 62 मौतें हुई हैं). अब इसकी तुलना जरा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे देशों से की जाए जहाँ कोविड की चरम स्थिति में हर रोज औसतन 1000 या उससे ज्यादा मौतें हुई थीं.(विश्वगुरु का मीडिया तो  जनवादी कोरिया में कोविड से हुई मौतों के बारे में ज्यादा चूं चपड़ ही न करे) . तो जनवादी कोरिया में कौन सी तबाही की बात कैम्पबेल कर रहा है जबकि इन देशों की तुलना में जनवादी कोरिया में 100 गुणे से कम  मौतें हुई हैं. इस बात को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए कि "तथाकथित अच्छे कोरिया" यानि दक्षिण कोरिया में  अबतक कोविड के लगभग 1 करोड़ 78 लाख मामले आ चुके हैं और 23,802(18 मई 2022 तक) मौतें हो चुकी हैं. तो असल तबाही किस वाले कोरिया में मची है? या यहाँ भी तथाकथित विद्वानों द्वारा संघी लाॅजिक लगाया जाएगा? 

कैंपबेल ने अपने इस वीडियो में प्राच्यवादी (Orientalist)  और नस्लवादी बयानबाजी करते हुए  जनवादी कोरिया की जनता को " बेवकूफ' कहा है. पर जब से 2 साल पहले वैश्विक महामारी शुरू हुई, तभी से जनवादी कोरिया ने जन स्वास्थ्य शिक्षा दी है और लोगों को कोविड 19 के खतरों के बारे में चेतावनी दी है.

यही नहीं कैम्पबेल ने यह गलत जानकारी भी दी है कि 16 मई तक जनवादी कोरिया में 81,430 लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं पर असल में 16 मई 2022 तक जनवादी कोरिया में 819,090 लोग स्वस्थ हो चुके हैं .

स्रोतों के लिए कैंपबेल दक्षिण कोरिया में स्थित एक अमेरिकी नव-अनुदारवादी( Neo-Con) अकादमिक विशेषज्ञों और 'पैसे के लिए कुछ भी बक देने वाले जनवादी कोरिया से भागकर दक्षिण कोरिया में  जा बसे भगोड़ों का भी हवाला देता है. जबकि सच यह है कि जनवादी कोरिया ने देश में कोविड 19 के प्रवेश को रोकने के लिए किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक किया.इसने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया और वे 2 वर्षों से अधिक समय तक बंद रहे.अन्य देश अपनी सीमाओं को बंद करने में विफल रहे. जनवादी कोरिया ने बड़े पैमाने पर कीटाणुशोधन जैसे प्रति-महामारी उपाय (Counter Pandemic Measures)भी किए.

निश्चित रूप से यह अजीब और गौर करने वाली बात है कि कैसे कोविड 19 सीमाओं को बंद करने के बाद भी  देश में प्रवेश करने में सक्षम  हुआ? हो सकता है कि जनवादी कोरिया बाद में टिप्पणी करे कि कैसे कोविड वायरस देश में प्रवेश कर गया. हालांकि इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि वास्तव में अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने जानबूझकर जनवादी कोरिया में वायरस फैलाया है. जनवादी कोरिया में वायरस के प्रकोप की सूचना मिलने के कुछ सप्ताह पहले ही, दक्षिण कोरिया में 'रहने वाले जनवादी कोरिया के भगोड़ों ने जनवादी कोरिया में  जनवादी कोरिया विरोधी पर्चे से भरे  गुब्बारे भेजे जाने का दावा किया था.क्या इन गुब्बारों में भी वायरस था?  इस बात को भूला नहीं जाना चाहिए कि 1950 के दशक में अमेरिका द्वारा जनवादी कोरिया के खिलाफ रोगाणु युद्ध (Germ Warfare)भी छेड़ा गया था.

कैंपबेल टीकाकरण के मुद्दे पर जनवादी कोरिया को दोषी ठहराता हैं लेकिन अन्य देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट उन लोगों के बीच भी फैला जिन्हें टीका लगाया गया था, इसलिए शायद इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि जनवादी कोरिया में लोगों को टीका लगाया गया था या नहीं. जनवादी कोरिया ने समाजवादी व्यवस्था को नष्ट करने के उद्देश्य से साम्राज्यवाद की नकली 'मानवीय सहायता' को सही ढंग से खारिज कर दिया, उसने साम्राज्यवादी दुनिया के 'बड़े फार्मा' पूंजीवादी इजारेदारों द्वारा उत्पादित असुरक्षित टीकों को खारिज कर दिया. अभी हाल में अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) ने  टेक्सास राज्य की अदालत द्वारा फटकार लगाए जाने पर उसने FDA से मंजूरी लेने के लिए  जमा किए गए दस्तावेजों को अदालत में जमा किया. उन दस्तावेजों के अनुसार टीके लगाने के शुरुआती दिनों के 90 दिनों के दौरान 1223 लोगों की मौत हुई और 40,000 लोगों में टीके के साईड इफेक्ट देखे गए. इतना ही नहीं फाइजर के खुद के विश्लेषण के अनुसार वैक्सीन मात्र 15% ही असरदार थी जबकि बिकी हुई कारपोरेट मीडिया के द्वारा हमें यह बताया गया कि फाइजर का टीका 95% असरदार है. (https://twitter.com/craig1454/status/1522007988491493378?s=12&t=CeJiB5U5STxIljAPlsgMvw&fbclid=IwAR3aiNMIahq-UObYdq3rrFt_8iNpiJ2xqcHhH-7gDfUkqHrak2av9t8avr0)

इस दुनिया में जनवादी कोरिया और अफ्रीकी मुल्क इरीट्रिया ने ही पश्चिम के ऐसे असुरक्षित टीकों को नकार कर बिल्कुल सही किया. दुष्प्रचार के विपरीत जनवादी कोरिया के पास अपना टीका बनाने की व्यवस्था है .

कैंपबेल 'कुपोषण' के बारे में वही पुराना जनवादी कोरिया विरोधी राग अलापने लगता है. यदि कुपोषण कोविड-19 के प्रसार का कारक है, तो अमेरिका और ब्रिटेन जैसे तथाकथित विकसित देशों में कोविड-19 संक्रमण की उच्च दर कैसे है?
 
2021 में जनवादी कोरिया के बच्चों के पोषण देखभाल अनुसंधान संस्थान ( Research Institute for Nutrition Care of Children)के निदेशक ने बताया कि "हमारे देश में बच्चों की पोषण देखभाल को सर्वोच्च प्राथमिकता का मामला माना जाता है, हालांकि यह कठिनाई में है और सब कुछ अपर्याप्त है। लेकिन यूएन की आड़ में खुद को विशेषज्ञ बनाने वाले हमारे देश की स्थिति को विकृत रूप से पेश कर रहे है जिससे यह आभास हो सके कि हमारे देश में गंभीर रूप से "बच्चों का कुपोषण" मौजूद है. इसे हमारे देश की छवि को धूमिल करने के लिए  एक काले दिल वाले  शत्रुतापूर्ण कृत्य के रूप में  देखा जा सकता है. मैं भोले भाले बच्चों के नाम का भी दुरुपयोग करने के लिए शत्रुतापूर्ण ताकतों की कड़ी निंदा करता हूं, जो अपने राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए ऐसा करते हैं. दुश्मन ताकतें कितनी भी आतुर क्यों न हों, वे हमारे बच्चों के उज्ज्वल और खुशनुमा रूप को कभी मिटा नहीं सकतीं. मैं दक्षिण कोरिया की अर्ध-मीडिया (Quasi Media)को चेतावनी देता हूं कि वह जनवादी कोरिया पर कीचड़ उछालने के अभियान में नेतृत्व कर रहा है और बकवास सूचना को फैला  रहा है जिस पर कोई ध्यान नहीं देता है".

कैंपबेल अपने वीडियो में जनवादी कोरिया की खराब आवास व्यवस्था की बात करता है. यह भी एक झूठ है. जनवादी कोरिया में आवास का अधिकार एक मौलिक अधिकार है. ज्यादा पीछे न जाते हुए सिर्फ पिछले 10 सालों की ही बात करें तो जनवादी कोरिया में बड़े पैमाने पर आवास निर्माण हुआ है, जिसमें पूरे नए आवासीय क्षेत्रों और यहां तक ​​कि नए शहर भी बने हैं. हाल ही में राजधानी फ्यंगयांग के सोंगह्वा इलाके में 10,000 नए फ्लैट बनाए गए हैं और अन्य 10,000 फ्यंगयांग के ह्वासंग इलाके में निर्माणाधीन हैं. नए घर केवल फ्यंगयांग में ही नहीं देश के अन्य हिस्सों में भी बनाए गए हैं.जनवादी कोरिया में आवास मुफ्त है और वहाँ कोई बेघर  नहीं हैं. कोई कैसे कह सकता है कि जनवादी कोरिया में खराब आवास व्यवस्था है?

आने वाले दिनों में भी बदमाश दक्षिण कोरिया के हवाले से साम्राज्यवाद के पैसों पर पलने  वाले मीडिया और तथाकथित विशेषज्ञों द्वारा जनवादी कोरिया से संबंधित प्रचंड झूठों का सैलाब बहाया जाएगा पर दुनिया की प्रगतिशील ताकतों द्वारा इसे पुरजोर तरीके से रोका भी जाएगा और जनवादी कोरिया की असल सच्चाई सामने लाई जाती रहेगी!

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