सूखे से बचाव और धान की रोपनी


इन दिनों जनवादी कोरिया के कई भाग सूखे का सामना कर रहे हैं तो सूखे से फसलों को क्षति से बचाने के लिए कमर कस ली गई है.


और धान की रोपनी भी शुरू हो गई है.

जनवादी कोरिया के अनाज के कटोरे के रूप में जाने वाले उत्तरी ह्वांगहे, दक्षिणी ह्वांगहे और दक्षिणी फ्यंगआन प्रांत के शहरों और काउंटियों के सहकारी फार्म में  कोविड गाइडलाइन का सख्त पालन करते हुए गेहूँ , जौ और धान की फसलों को सूखे से बचाने के लिए पार्टी स्तर पर पानी के नियमित अंतराल पर छिड़काव के लिए पानी के चलंत(Mobile) पंपों और निकटतम जल स्त्रोतों से पानी ढोने के लिए टैंकरों को लामबंद कर पानी के छिड़काव को योजनानुसार अंजाम दिया जा रहा है. साथ ही  एक हफ्ते के अंतराल पर फसलों पर सूखे के असर को कम करने के लिए कई पोषक तत्वों का छिड़काव भी जारी है. वहीं इन प्रांतों के कुछ सहकारी फार्मों में धान की रोपनी भी योजनानुसार शुरू हो चुकी है. धान रोपने की मशीन भी सहकारी फार्मों द्वारा ही विकसित की गई हैं और ये कोशिश है कि खेती में मशीनों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो.

दक्षिण कोरिया के जनवादी कोरिया संबंधित झूठ को परोसने वाले BBC और CNN कुछ महीने पहले चिल्ला रहे थे कि पिछले जाड़े के मौसम तक जनवादी कोरिया में लाखों लोग भुखमरी के कगार पर आ जाऐंगे. ऐसा कुछ तो हुआ नहीं. अब दक्षिण कोरिया द्वारा कोई और झूठी कहानी बनाई जाएगी और उसके पैसे पर पलने वाले "तथाकथित कोरिया विशेषज्ञ बुद्धिजीवियों" के बकवास को पश्चिम के मीडिया द्वारा हमेशा की तरह फैलाया जाएगा. पर जनवादी कोरिया एक बार फिर अपनी जनता के अटूट चट्टानी एकता से बदमाश दक्षिण कोरिया और पश्चिम के झूठ के किलों को ध्वस्त कर देगा. 

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