जनवादी कोरिया के हालिया मिसाइल परीक्षणों का सच

 


इन दिनों उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण पर पूरी दुनिया में मीडिया ने शोर मचा रखा है तो क्या इसी मीडिया के मुताबिक क्या उत्तर कोरिया किसी युद्ध की तैयारी कर रहा है? 

तो इसका जवाब है  नहीं! उत्तर कोरिया सिर्फ जायज तरीके से अपने बचाव के लिए ऐसा कर रहा है. 

लोगों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि अमेरिका ने 9 सितम्बर 1945 से ही कोरिया के दक्षिणी हिस्से (दक्षिण कोरिया) पर कब्जा कर रखा है और वहाँ अपने सैनिक अड्डे बना रखे हैं. इसके अलावा जापान के ओकिनावा द्वीप, गुआम और फिलीपींस में भी अमेरिकी सैनिक अड्डे मौजूद हैं. अमेरिकी परमाणु हथियारों का बड़ा जखीरा दक्षिण कोरिया में मौजूद है. ये दावा किया जाता है कि अमेरिका ने वहाँ से  अपने परमाणु हथियार हटा लिए हैं पर इसकी कभी स्वतंत्र रूप से जांच नहीं की गई है. इसके अलावा अमेरिका ने उत्तर कोरिया से 3425 किमी दूर अपने कब्जाए हुए गुआम द्वीप में अपनी परमाणु पनडुब्बी यूएसएस नेवादा (USS Nevada) और परमाणु हथियारों से लैस युद्धक विमानों को तैनात कर रखा है.


उत्तर कोरिया को अमेरिका की फासिस्ट कठपुतली दक्षिण कोरिया से भी खतरा है. अमेरिकी सहयोग से दक्षिण कोरिया एक बड़ी सैन्य ताकत है और वो इजराइल ,जापान और ब्राजील से भी ज्यादा सैन्य खर्च करता है. 

अमेरिका के पास खुद दुनिया में सबसे ज्यादा मिसाइलें हैं और वह हाइपरसोनिक मिसाइलों समेत अन्य मिसाइलों का समय समय पर परीक्षण करता रहता है पर इसके बारे में तथाकथित मुख्यधारा की मीडिया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा कोई शोर नहीं मचाया जाता है. इसके अलावा कई दूसरे देश (जिनमें भारत भी शामिल हैं) मिसाइलों और अन्य हथियारों का परीक्षण करते रहते हैं पर उत्तर कोरिया के जैसे किसी देश के ऐसे परीक्षणों की निंदा नहीं की जाती. तो बस उत्तर कोरिया को भी अपनी आत्मरक्षा का अधिकार है.

 सबसे जरूरी बात उत्तर कोरिया ने अपने मिसाइलों का परीक्षण अचानक से शुरू नहीं किया है बल्कि वह उसके राष्ट्रीय सुरक्षा की योजना का हिस्सा है और इसका निर्णय जनवरी 2021 में वर्कर्स पार्टी की आठवीं कांग्रेस में लिया गया था और उसी निर्णय को हालिया पोलिट ब्यूरो की बैठक में भी सहमति दी गई इसलिए मिसाइलों के परीक्षण में कुछ भी असामान्य नहीं है.

सबसे बड़ी बात उत्तर कोरिया अपनी सरजमीं पर ही ये सब कुछ कर रहा है. उत्तर कोरिया ने अमेरिका और कुछ अन्य देशों की तरह अपने देश से हजारों किलोमीटर दूर दूसरे देशों में अपने सैनिक अड्डे नहीं बना रखे हैं. उत्तर कोरिया के हथियार केवल उसकी आत्मरक्षा के लिए ही हैं बस!

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