सच्ची लैंगिक समानता की भूमि

 


8 मार्च का दिन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है जो जनवादी कोरिया में एक सार्वजनिक अवकाश होता है और जिसे महिलाएं मनाती हैं . जनवादी कोरिया में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कार्ड जारी किए जाते हैं और कार्ड के साथ महिलाओं को इस दिन फूलों का गुलदस्ता दिया जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि जनवादी कोरिया में महिलाओं का सम्मान किया जाता है और साथ ही साथ उन्हें कानूनी रूप से लैंगिक समानता भी दी गई है . जनवादी कोरिया में कुछ संस्‍थानों और उद्यमों के नाम भी 8 मार्च पर है जैसे कि सारीवन शहर का 8 मार्च होटल . 

जनवादी कोरिया अपनी स्थापना के पहले दिन से ही महिलाओं को सामंती दमन से मुक्ति दिलाने की बात करता रहा है. 30 जुलाई, 1946 को उत्तर कोरिया की अस्थायी लोक समिति ने यौन समानता पर कानून पारित किया, जिसने देश के इतिहास में पहली बार महिलाओं को पुरुषों के साथ समान अधिकार दिया. बाद में जनवादी कोरिया के समाजवादी संविधान में लैंगिक समानता को स्थापित किया गया और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने वाले अन्य कानून पारित किए गए. शिशु पालन के लिए देश भर में 24 घंटे और सातों दिन चलने वाले शिशु पालन केंद्रों की स्थापना की गई. जनवादी कोरिया में मातृत्व अवकाश की अवधि 1970 के दशक में 77 दिनों से बढ़ाकर 1980 के दशक में 150 दिनों तक की गई और 2010 के दशक में इसे 200 से अधिक दिनों तक कर दी गई है. जिन महिलाओं के 3 से अधिक बच्चे हैं, वे 6 घंटे के लिए काम कर सकती हैं, और उन्हें 8 घंटे का वेतन मिलता है. एक पूंजीवादी समाज में इसकी केवल कल्पना ही की जा सकती है.









काॅमरेड किम इल संग ने कहा कि यदि एक समाज को सामान्‍य रूप से चलाना है तो आधी आबादी यानि महिलाओं को अपनी भूमिका संतोषजनक ढंग से निभानी चाहिए और अगर हम पूरे समाज में क्रांति लाना चाहते हैं, तो हमें महिलाओं में क्रांति लाना चाहिए और उस पर काम करना चाहिए. जिस तरह एक वैगन केवल एक पहिए से सुचारू रूप से नहीं चल सकता उसी तरह एक समाज मजबूत आधार पर विकसित नहीं हो सकता है जब केवल पुरुष ही अपने कर्तव्यों को पूरा करते हैं. जब महिलाओं में क्रांतिकारी भावना का विकास होगा और वे सक्रिय रूप से क्रांति और निर्माण कार्य में भाग लेंगी तभी संपूर्ण समाज क्रांतिकारी हो सकता है.

कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि कुछ पूंजीवादी देशों में भी महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता की गारंटी का कानूनी अधिकार है. पर जनवादी कोरिया और पूंजीवादी देशों के बीच एक बड़ा अंतर है जो महिलाओं के लिए जीवन को गुणात्मक रूप से बेहतर बनाता है, जनवादी कोरिया में ‘सेक्स उद्योग’ , पोर्नोग्राफी, वेश्यावृत्ति का अस्तित्व ही नहीं है पर यह सब न केवल पश्चिमी देशों में मौजूद हैं बल्कि पिछले 50 वर्षों में सर्वव्यापी बन गया है’ जनवादी कोरिया में ‘पेज 3’ का भी अस्तित्व नहीं है और आप वहाँ दुकानों में पोर्नोग्राफी नहीं खरीद सकते. जनवादी कोरिया में सन् 1946 में लैंगिक समानता के नियम ने वेश्यावृत्ति को समाप्त कर दिया जनवादी कोरिया की आपराधिक संहिता का अनुच्छेद 249 वेश्यावृत्ति को अपराध बनाता है.

पश्चिम में स्त्री पुरुष के बराबर नहीं होती बल्कि एक सेक्स वस्तु मानी जाती है . पूंजीवादी देशों में पोर्नोग्राफी की व्यापकता एक ऐसा वातावरण बनाती है जिसमें महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की एक बड़ी घटना होती है. जनवादी कोरिया में नैतिक हितकारी वातावरण और जन- केंद्रित समाजवाद के कारण वहाँ की महिलाओं को सच्ची मुक्ति मिली है.

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जिंदाबाद!! 

सच्ची लैंगिक समानता की भूमि, जनवादी कोरिया जिंदाबाद!! 

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