रुस की यात्रा


इन दिनों जनवादी कोरिया के स्टेट अफेयर्स कमीशन के चेयरमैन, वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के महासचिव काॅमरेड किम जंग उन रुस की राजकीय यात्रा पर हैं और एक बार फिर से उनकी ट्रेन के बारे में काॅरपोरेट जीवी मीडिया द्वारा भ्रामक खबरें चलाईं जा रही है कि यह ट्रेन एक आलीशान लक्जरी ट्रेन है और वहाँ के करदाताओं के पैसे से चलाई जाती है.


सबसे पहली बात काॅमरेड किम जंग उन की यह ट्रेन उनकी निजी संपत्ति नहीं है और यह राजकीय संपत्ति है और जनवादी कोरिया ने अपनी आय के स्त्रोत के रूप में 1974 में ही अपनी जनता से टैक्स लेने की व्यवस्था को खत्म कर दिया. जनवादी कोरिया में उत्पादन के सभी साधनों पर शत प्रतिशत समाजवादी स्वामित्व है और वहाँ एक भी निजी कंपनी नहीं है. राजकीय उद्यमों से हुई आय से राज्य का खर्च चलता है और सारी जनकल्याणकारी योजना चलाई जातीं हैं.


इसके अलावा यह ट्रेन लगभग 40 साल पुरानी है और कुछ विशेष सुरक्षा इंतजाम और सुविधाओं को छोड़कर एक आम जनवादी कोरिया की ट्रेन की तरह ही है. हवाई मार्ग की तुलना में रेल मार्ग सस्ता और पर्यावरण अनुकूल भी है. और यहाँ तो किसी तथाकथित दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधान के लिए अपने लोगों के खून पसीने की गाढ़ी कमाई से चुकाए गए टैक्स से पैसे से 8500 करोड़ का हवाई जहाज भी है .

1991 में रुस से समाजवाद के पतन के बावजूद भी जनवादी कोरिया और रुस के बीच मित्रतापूर्ण संबंध रहे हैं. 2019 के बाद  यानि कोविड 19 के दौर के बाद काॅमरेड किम जंग उन की यह पहली रुस यात्रा है. जाहिर है इस यात्रा से अमेरिका और उसके दुमछल्लों के पेट में कसकर मरोड़ उठा है और वे इसे विश्व शांति के लिए खतरा बता रहे हैं.


जनवादी कोरिया और रुस पड़ोसी देश हैं और एक दूसरे के साथ सीमा साझा करते हैं इसलिए एक हद तक दोनों पड़ोसी देशों के बीच सहयोग सामान्य और अपेक्षित हैं. इसके अलावा जनवादी कोरिया और रुस अमेरिकी साम्राज्यवाद से अत्याधिक दबाव और दुश्मनी का भी सामना कर रहे हैं.


निःसंदेह  विचारधारा के स्तर पर जनवादी कोरिया और रूस के बीच बड़ा अंतर हैं.रूस ने 1991 में समाजवाद को त्याग दिया था जबकि जनवादी कोरिया एक समाजवादी देश है और उसने लगातार समाजवाद के बैनर को बरकरार रखा है.जनवादी कोरिया की विदेश नीति पूर्ण रूप से स्वतंत्रता, सहयोग और बराबरी पर आधारित है और इसमें कोई बड़ी ताकत कमजोर ताकत वाली बात नहीं है.


विडंबना यह है कि एक बार अमेरिका और उनके साम्राज्यवादी लग्गू भग्गूओं ने जनवादी कोरिया  और रुस के बीच बैठकों का स्वागत करते हुए कहा था कि रूस जनवादी कोरिया को तथाकथित 'सुधार' और 'खुलने' में मार्गदर्शन कर सकता है. पर अब पासा पलट गया है.


उम्मीद है कि जनवादी कोरिया के स्टेट अफेयर्स कमीशन के चेयरमैन कॉमरेड किम जंग उन और रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच इस मुलाकात से की रूस में साम्राज्यवाद विरोधी, अमेरिका विरोधी और पश्चिम विरोधी भावनाएं और मजबूत होंगी.

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