जनवादी कोरिया में शरण
हाल ही में, जनवादी कोरिया की कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने पूर्व अमेरिकी सैनिक ट्रैविस किंग के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जो 18 जुलाई को 15: 30 बजे उत्तर- दक्षिण कोरिया की सीमा पर संयुक्त सुरक्षा क्षेत्र के माध्यम से अवैध रूप से जनवादी कोरिया में प्रवेश कर गया था.
केसीएनए की रिपोर्ट में कहा गया है कि "जांच के दौरान, ट्रैविस किंग ने कबूल किया कि उसने जनवादी कोरिया में आने का फैसला किया था क्योंकि वह अमेरिकी सेना के भीतर अमानवीय दुर्व्यवहार और नस्लीय भेदभाव के खिलाफ था.
किंग ने जनवादी कोरिया या किसी तीसरे देश में शरण लेने की इच्छा भी व्यक्त की और कहा कि असमान अमेरिकी समाज से उसका मोहभंग हो गया है.
सनद रहे कि जनवादी कोरिया की सविधान की धारा 80 कहती है कि कोरिया जनवादी लोकतांत्रिक गणराज्य शांति और लोकतंत्र, राष्ट्रीय स्वतंत्रता और समाजवाद या वैज्ञानिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए सताए गए विदेशी नागरिकों को शरण देगा.
जाहिर है कि साम्राज्यवादियों का मुख्यधारा मीडिया ट्रेविस किंग की पसंद को लेकर नाराज़ है .अमेरिकन ड्रीम' सिर्फ एक बड़ा धोखा है, एक बड़ा झूठ है। अमेरिका एक घोर नस्लवादी समाज है, नस्लवाद अमेरिकी समाज के रग रग में है. अमेरिका काले लोगों की गुलामी से समृद्ध हुआ. अमेरिका में पुलिस द्वारा कई काले लोगों को मार दिया जाता है.अमेरिका एक बेहद असमान समाज है जहां शीर्ष 1 प्रतिशत लोगों का सारी संपत्ति पर एकाधिकार है.कुछ अमेरिकी शहरों की सड़कों पर हजारों बेघर कतारें हैं और कोई मुफ्त चिकित्सा देखभाल नहीं है.
इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि किंग का अमेरिका से मोहभंग हो गया और उसने जनवादी कोरिया या किसी तीसरे देश में जाने का फैसला किया.
पर लंबी तथ्यान्वेषी जांच के बाद जनवादी कोरिया ने अवैध रूप से अपने देश में घुसे अमेरिकी सैनिक ट्रेविस किंग को निष्कासित करने का निर्णय लिया है .
संभवतः इसके कई कारण हैं. सबसे पहले, किंग एक अमेरिकी जासूस, एक डबल एजेंट हो सकता था जिसका उद्देश्य जनवादी कोरिया में घुसपैठ करना था.दूसरे, किंग का जनवादी कोरिया की ओर भागना अमेरिकी सेना के साथ परेशानी से बचने या अपने लिए प्रचार पाने के लिए हो सकता है. तीसरा, जनवादी कोरिया विदेशी नागरिकों को शरण देता है, जनवादी कोरिया की सविधान की धारा 80 कहती है कि " कोरिया जनवादी लोकतांत्रिक गणराज्य शांति और लोकतंत्र, राष्ट्रीय स्वतंत्रता और समाजवाद या वैज्ञानिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए सताए गए विदेशी नागरिकों को शरण देगा".ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रैविस किंग इनमें से किसी भी प्रावधान या शर्त को पूरा नहीं करता था.
जनवादी कोरिया को अतीत में अमेरिकी भगोड़ों के साथ नकारात्मक अनुभव रहा है. चार्ल्स रॉबर्ट जेनकिंस एक अमेरिकी सेना सार्जेंट था जिसने 1960 के दशक में जनवादी कोरिया में शरण ली थी, उसने 40 वर्षों के बाद जनवादी कोरिया छोड़ दिया, उसने 40 वर्षों तक जनवादी कोरिया की समाजवादी व्यवस्था का लाभ उठाया और बाद में जनवादी कोरिया के बारे में सभी प्रकार की झूठी और निंदनीय कहानियाँ बनाई थीं.
जाहिर है जनवादी कोरिया स्पष्ट रूप से इस अनुभव को दोहराना नहीं चाहता है और उसने किंग को निष्कासित करके सही काम किया है.
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