लैंगिक समानता का कानून

 

आज से 77 साल पहले 30 जुलाई 1946 को महान नेता कॉमरेड किम इल संग की अध्यक्षता में उत्तर कोरिया की प्रोविजनल पीपुल्स कमेटी ने कोरिया में लैंगिक समानता पर कानून पारित किया था। .इतिहास में पहली बार कोरियाई महिलाओं को पुरुषों के बराबर बनाया गया और सदियों से  कोरियाई महिलाओं द्वारा सहन करती आ रही सामंती अधीनता को समाप्त कर दिया, उसके पहले कोरियाई महिलाऐं सामंतवाद और साम्राज्यवाद द्वारा दोहरे और तिगुने शोषण का शिकार थीं. 

इस लैंगिक समानता कानून ने घोषणा की कि कोरियाई महिलाएं, जो लंबे समय से समाज में उपेक्षित थीं और अपमान सहती और दुख में रहती थीं, अब उन्हें राजनीति, अर्थव्यवस्था और संस्कृति सहित सामाजिक जीवन के सभी क्षेत्रों में पुरुषों के साथ समान अधिकार हैं. सबसे पहले, इसने महिलाओं को पुरुषों के समान राजनीतिक स्वतंत्रता और अधिकार प्रदान किए. सभी महिलाएं पुरुषों के समान अधिकारों के साथ सभी स्तरों पर सत्ता अंगों के प्रतिनिधियों के चुनाव में भाग लेने और चुनाव लड़ने और चुने जाने के अधिकार का इस्तेमाल करने में सक्षम हो गईं.इसमें यह भी निर्धारित किया गया कि महिलाओं को पुरुषों के जैसे ही श्रम और शिक्षा का समान अधिकार है. कानून ने मानव तस्करी और वेश्यावृत्ति पर प्रतिबंध लगा दिया. आज जनवादी कोरिया में महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार प्राप्त हैं. वे उच्च आधिकारिक पदों के साथ-साथ सत्ता अंगों के प्रतिनिधि और प्रबंधक और निदेशक भी होती हैं . 

पूंजीवादी देशों में, आप अश्लील साहित्य देख सकते हैं जो महिलाओं को वस्तु की तरह पेश करता है. परंतु, जनवादी कोरिया में अश्लीलता कहीं नहीं देखी जाती है और वेश्यावृत्ति अवैध है.

जनवादी कोरिया सच्ची महिला मुक्ति, सर्वहारा और समाजवादी महिला मुक्ति के उदाहरण के रूप में खड़ा है.

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