99x99 का पहाड़ा

 जनवादी कोरिया(उत्तर कोरिया) के पांचवीं क्लास के बच्चे जानते 99 तक का पहाड़ा

जनवादी कोरिया की राजधानी फ्यंगयांग का एक प्राइमरी स्कूल. इस स्कूल के पांचवीं क्लास के बच्चे 2 से लेकर 99 तक की संख्या को इनके बीच की किसी भी संख्या से  तीन से पांच सेकेंड के अंदर मुंहजबानी  गुणा करने में सक्षम हैं.ये बच्चे केवल दहाई संख्या को ईकाई संख्या (99x9) से ही नहीं दहाई संख्या को दहाई संख्या से (99x99) तक को फटाक से मुंहजबानी गुणा कर लेते हैं.

 वीडियो में देखिए की बच्चे किस तेजी के साथ स्क्रीन पर दिख रहे गणित के सवालों के जबाब दे रहे हैं) इसके पीछे इनकी क्लास टीचर काॅमरेड किम सु रिम(김수림)की मेहनत है. 

हमें अपने रोजमर्रा की जिंदगी में हिसाब किताब का सामना करना ही पड़ता है तो उसके लिए कैलकुलेटर है ही फिर मुंहजबानी गुणा भाग के लिए क्यों इतना दिमाग लगाना. सीधी सी बात है दिमाग का इस्तेमाल न करें तो दिमाग भोथरा हो जाएगा. बच्चों की गणितीय क्षमता को बढ़ावा देने के लिए काॅमरेड किम ने आसान और तेज तरीके से मुंहजबानी हिसाब करने का फार्मूला बनाया. जनवादी कोरिया के सभी प्राइमरी स्कूलों के सिलेबस में 24 तक का पहाड़ा तो पढ़ाया ही जाता है. पर इस स्कूल के टीचर्स मीटिंग में सिलेबस वाला 24 तक का पहाड़ा और 99 तक का पहाड़ा पढ़ाए जाने का सुझाव आया. पर काॅमरेड किम ने 99 तक का पहाड़ा पढ़ाए जाने का बीड़ा उठाया. यह आसान नहीं था. बच्चों की मनोदशा समझनी भी जरूरी थी. बकौल काॅमरेड किम बच्चे 99 तक का पहाड़ा पढ़ने की बात सुनकर ही हैरान रह गए थे. शुरुआत में बच्चों को इसमें दिलचस्पी पैदा की गई और निर्धारित समय के भीतर जबाब देने की मांग नहीं की गई और उन्हें अपनी काॅपी में ही हिसाब करने को ही कहा गया और ज्यादातर जबाब गलत ही होते थे. लेकिन 2-3 महीने के बाद बच्चे सही जबाब देने लगे तो अब मुंहजबानी जबाब देने में पहले 5 फिर 4 और अब 3 सेकेंड ही लगते हैं. क्लास की एक बच्ची ने कहा कि पहले हमें  जबाब देने में 7 सेकेंड लगते थे अभी 3 सेकेंड लगते हैं पर हमारा अगला लक्ष्य 1 सेकेंड का है और हम हर हाल में 1 सेकेंड में हिसाब पूरा करेंगे. 

काॅमरेड किम ने 5 चरणों में मुंहजबानी 99 तक का पहाड़ा सिखाने का फार्मूला बनाया. क्लास शुरू होने के 10 मिनट पहले और फिर स्कूल पीरियड के बीच में 30 मिनट यानि रोजाना 40 मिनट बच्चे 99 तक के पहाड़े से संबंधित 200 सवाल हल करते हैं और जबाब को काॅपी पर लिखकर एक दूसरे की काॅपी जांचते हैं. जिन्होंने गलत हल किया है उनसे काॅपी पर हिसाब करने को कहा जाता है और इससे वे अपनी गलती को भी जान जाते हैं. बच्चों की बोलने की क्षमता का भी विकास करने के लिए उन्हें गलत हल को कैसे सही किया या कौन से फार्मूले से हल किया क्लास में इसके बारे में भी बोलने को कहा जाता है. अब बच्चे खेल खेल में हिसाब करने लगे हैं. काॅमरेड किम के इस प्रयोग को उनके स्कूल से पूरा समर्थन मिला और उनके इस गणित पढ़ाने के तरीके को देशभर के प्राइमरी स्कूलों में अपनाया जा रहा है. 


 अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड (International Mathematics Olympiad IMO) में जनवादी कोरिया के बच्चे ऐसे ही झंडा नहीं गाड़ रहे हैं.इस ओलंपियाड में जनवादी कोरिया उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल है.


 जनवादी कोरिया में भुखमरी है,  नीली जींस और मनमाफिक हेयरस्टाइल की पाबंदी है वगैरह इन वाहियात खबरों और इनको बनाने वाले अमेरिका और दक्षिण कोरिया के शैतानी दिमागों के सपनों में ही ये सब चीजें होती हैं

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