जनवादी कोरिया और कतर वर्ल्ड कप

 कतर में इन दिनों चल रहे फीफा वर्ल्ड कप पर दुनिया के सभी देशों की निगाहें हैं और सभी अपने अपने हिसाब से इस वर्ल्ड कप के विजेता का अनुमान लगा रहे हैं. जनवादी कोरिया (जिसे लोग उत्तर कोरिया के नाम से ज्यादा जानते हैं) में कतर वर्ल्ड कप को लेकर कैसा माहौल है ये वर्ल्ड कप शुरू होने के कुछ दिन पहले बने इस वीडियो(अंग्रेजी सब टाईटल सहित)को देखकर जाना जा सकता है. जिसमें कोई ब्राजील, कोई अर्जेंटीना, फ्रांस, बेल्जियम आदि के विजेता होने का अनुमान लगा रहा है. 

पिछले कुछ फीफा वर्ल्ड कप के दौरान जनवादी कोरिया को लेकर पश्चिमी और दक्षिणी कोरियाई मीडिया द्वारा जमकर यह झूठ फैलाया गया था कि 2010 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित वर्ल्ड कप में जनवादी कोरिया की पूरी फुटबॉल टीम को अपने सभी ग्रुप स्टेज के सारे मैच हारने के चलते कड़ी सजा दी गई थी. ये झूठ इतना फैला कि फीफा तक को इसकी जाँच करानी पड़ी और उसने अपनी जांच में सजा दिए जाने वाली बात को आधारहीन बताकर इसपर पूर्ण विराम लगा दिया.




 यह अफवाह भी फैलाई गई थी 2010 के वर्ल्ड कप में जनवादी कोरिया के सारे फुटबॉल फैन भाड़े के चीनी कलाकार थे! 


2014 के ब्राजील वर्ल्ड कप के दौरान हद ही हो गई जब साम्राज्यवादी मीडिया ने यह बड़ा वाला झूठ फैलाया कि जनवादी कोरिया की सरकारी मीडिया ने अपने दर्शकों को यह बताया कि जनवादी कोरिया की फुटबॉल टीम अपने सारे मैच जीत कर फाईनल में पहुंची और पुर्तगाल के साथ फाइनल मुकाबले में उसने वर्ल्ड कप जीता. इस बात की पुष्टि के लिए उन्होंने सबूत के तौर पर एक कोरियाई भाषा में वीडियो भी डाला.



 यह भी एकदम झूठा वीडियो निकला. सबसे पहली बात तो जनवादी कोरिया के सरकारी टीवी चैनल ने हर वर्ल्ड कप के दौरान हर रोज इससे जुड़ी खबरें और चुनिंदा मैचों की रिकॉर्डिंग अपने दर्शकों को नियमित रूप से दिखाई है. इस कतर वर्ल्ड कप के मैच की खबरें और चुनिंदा मैचों की रिकॉर्डिंग भी जनवादी कोरिया में हर रोज दिखाई जा रहीं हैं . जाहिर है 2014 के वर्ल्ड कप में भी जनवादी कोरिया के लोगों को अच्छी तरह से पता था कि उनकी टीम ने वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई नहीं किया है और कौन सी टीम किसके साथ मैच खेल रही है और 2014 का वर्ल्ड कप किसने जीता. 

दूसरी बात इस वीडियो में अक्ल का भी इस्तेमाल ढंग से नहीं किया गया शायद  उन्हें लगा होगा कि जनवादी कोरिया के बारे में कुछ भी झूठ परोस दो लोग उसे सच मान लेंगे जैसे अंधभक्त व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी को सच मानते हैं. कोरियाई भाषा में इस वीडियो में एक तो न्यूज़ रीडर के होंठ बोले गए शब्दों से मेल नहीं खा रहे और साफ साफ लग रहा है कि किसी दक्षिण कोरियाई ने जनवादी कोरिया की न्यूज़ रीडर के लहजे की फूहड़ नकल करने की कोशिश की है. इस वीडियो में सब कुछ दक्षिण कोरियाई लहजे में बोला गया है. ये जनवादी कोरिया के समाचार बुलेटिन के कुछ हिस्सों और बाकी दृश्यों की एडिटिंग और उपर से डबिंग की गई है. जनवादी कोरिया के लोग अपने देश को कभी उत्तर कोरिया नहीं बोलते जैसा इस वीडियो में बोला जा रहा है. साथ ही इस वीडियो में किम जंग उन का नाम ऐसे ही लिया जा रहा है जबकि जनवादी कोरिया की मीडिया में हमेशा काॅमरेड चेयरमैन किम जंग उन या काॅमरेड जेनरल सेक्रेटरी किम जंग उन बोला जाता है. जनवादी कोरिया में पुर्तगाल को पोर्तुगाल(뽀르뚜갈)बोलते है जबकि यहाँ फोर्थुगाल (포르투갈) बोला जा रहा है, ऐसा दक्षिण कोरिया में बोला जाता है. और इस 8 साल पहले के इस झूठे वीडियो को यूट्यूब पर लगाए जाने के कुछ हफ्तों के अंदर ही 60 लाख लोगों ने देखा और अभी तक इसे लगभग 1 करोड़ 59 लाख लोग इसे देख चुके हैं.

जनवादी कोरिया की सरकार या मीडिया कुछ भी परोसकर अपनी जनता को उल्लू नहीं बनाती बल्कि जनवादी कोरिया के बारे में ऐसी बकवास खबरें चलाने वाले दुनिया के सारे लोगों को जरूर उल्लू बनाते है. 

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