नए कारखाने-2


जनवादी कोरिया में नई आइसक्रीम फैक्ट्री और एक ट्रैक्टर कारखाने का आधुनिकीकरण

जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) एक बार फिर से सुर्खियों में है वही मिसाइल को लेकर (जो कि एक संप्रभु देश की आत्मरक्षा का अधिकार है). क्या तथाकथित मुख्यधारा की मीडिया जनवादी कोरिया से संबंधित कभी उपर के शीर्षक वाली खबर प्रमुखता से देती है?

विगत 26 अक्टूबर 2022 को जनवादी कोरिया की राजधानी फ्यंगयांग के नजदीक तेसंग पर्वत की तलहटी में बने एक आधुनिकतम आइसक्रीम फैक्ट्री का उद्घाटन किया गया. 

यह फैक्ट्री जनता को बेहतर स्वाद और गुणवत्ता  वाली आइसक्रीम और विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक पेय उपलब्ध कर वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के जनता केंद्रित नीतियों को लागू करने में अपना योगदान करेगी. इस फैक्ट्री का उद्घाटन वर्कर्स पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य और पार्टी के केंद्रीय समिति के सचिव काॅमरेड छन ह्यन छल ने किया. अपने भाषण में काॅमरेड छन ने कहा कि यह फैक्ट्री पार्टी के सदस्यों और अन्य मेहनतकश लोगों के समर्पित संघर्ष द्वारा एक गौरवपूर्ण रचना है, वर्कर्स पार्टी का सर्वोच्च सिंद्धांत ही लोगों के जीवन स्तर में लगातार सुधार करना  है और फैक्ट्री के कर्मचारी अपने सम्मानजनक और जिम्मेदार कर्तव्य को पूरा करने का प्रयास करेंगे(इस खबर से दक्षिण कोरिया के एक और झूठ का पर्दाफाश होता है कि जनवादी कोरिया में "आइसक्रीम" जैसे विदेशी शब्द का इस्तेमाल नहीं कर उसके लिए विशुद्ध कोरियाई शब्द इस्तेमाल किया जाता है(कोरियाई जानने वाले और नहीं भी जानने वाले भी साफ सुन सकते हैं कि इस वीडियो में आइसक्रीम ही बोला जा रहा है). यह कुछ ऐसा ही है जैसे कोई यह कहे की भारत में "रेलवे" की जगह लौहपथ शब्द का इस्तेमाल होता है. दक्षिण कोरिया ने खुद ही कई शब्दों का इजाद करके यह झूठ फैला रखा है कि ये शब्द जनवादी कोरिया में चलते हैं . )

 
वहीं 2 नवंबर 2022 को जनवादी कोरिया के नाम्फो शहर के पास देश के एक प्रमुख ट्रैक्टर कारखाने के पुनर्निर्माण और आधुनिकीकरण का पहला चरण पूरा हुआ. 

इसके पूरा होने से अब कारखाने में बड़े पैमाने पर ज्यादा हार्स पावर के शक्तिशाली ट्रैक्टर और बेहतर कृषि उपकरणों का निर्माण होने लगेगा जिससे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में समाजवादी क्रांति को गति मिलेगी.

इस बात को बार बार कहे  जाने की जरूरत है कि इन दोनों कारखानों में न तो विदेशी तकनीक और पूंजी लगाई गई है.जनवादी कोरिया ने अपने अस्तित्व में आने के बाद से ही आत्मनिर्भरता के दर्शन को पूरी तरह आत्मसात किया है. जनवादी कोरिया विदेशी तकनीक और पूंजी पर न कभी आश्रित और न इसके लिए लालायित रहा है. अतीत में जनवादी कोरिया ने बेशक पश्चिमी और गैर पश्चिमी देशों से कई सारी तकनीक के बारे में पढ़ा और सीखा है और उसे अपने अनुसार ढाल लिया है.

जनवादी कोरिया  के उपर जितने भी अमेरिका और उसके गुर्गों  के प्रतिबंध लगे हैं उसका कारण उसके परमाणु हथियार और मिसाइल नहीं है. उसका असल कारण यह है कि साम्राज्यवादी शक्तियां जनवादी कोरिया के अस्तित्व से ही नफरत करती हैं और जनवादी कोरिया ने साम्राज्यवादियों द्वारा प्रस्तावित तथाकथित "खुलेपन" और " सुधार " की नीतियां नहीं अपनाई. साथ ही साम्राज्यवादी जनवादी कोरिया से इसलिए भी नफरत करते हैं कि वह एक समाजवादी देश है. जनवादी कोरिया ने अभी हाल में ही बिना किसी बाहरी मदद के अपने बूते ही अपने यहाँ कोविड संकट को हल कर लिया, यह भी साम्राज्यवादियों को जरा सा भी  गवारा नहीं है.

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