फ्यंगयांग में रविवार का एक दिन

जनवादी कोरिया की राजधानी फ्यंगयांग समेत पूरे देश में शरद ऋतु का आगमन हो चुका है. लोगों में जोश और उत्साह का संचार करनेवाली शरद ऋतु के एक रविवार के दिन समाजवादी व्यवस्था  में  जीवन की बुनियादी जरूरतों की चिंता से बेफिक्र फ्यंगयांग निवासियों की एक झलकियाँ दिखाते इस वीडियो को देखकर

 पश्चिम और दक्षिण कोरिया के फैलाए गए इस झूठ का पर्दाफाश होता है कि जनवादी कोरिया के लोग बोरियत वाला जीवन जीते हैं. फ्यंगयांग निवासियों के तफरीह के ये पल जनवादी कोरिया के समाजवाद के दुश्मनों को फूटी आंखों भी नहीं सुहाऐंगे.

रविवार का दिन है और फ्यंगयांग की थेदोंग  नदी के किनारे शौकिया मछली पकड़ने वाले सवेरे से ही इसका लुत्फ उठा रहे हैं. इनमें से ज्यादातर वृद्ध लोग हैं जिन्हें अपनी वृद्धावस्था को लेकर कोई फिक्र नही है. जनवादी कोरिया की समाजवादी व्यवस्था पुरुषों को 60 और महिलाओं को 55 साल की उम्र में ही रिटायर कर पेंशन ,राशन और अन्य कई सुविधाओं का जीवनपर्यंत लाभ देती हैं. समाजवादी व्यवस्था में बूढ़ों को समाज पर बोझ नहीं समझा जाता. वहीं पूंजीवादी सिओल (दक्षिण कोरिया) के वृद्ध बेचारे व्यवस्था के मारे हैं. दक्षिण कोरिया में एक छोटे तबके को छोड़कर वृद्धावस्था में भी जीने के लिए कूड़ा बीनने के अलावा कठिन शारीरिक श्रम करने और वृद्ध महिलाओं को भी अपना जिस्म बेचने पर मजबूर होना पड़ता है. हर मायने में जनवादी कोरिया से तथाकथित बहुत बेहतर प्रचारित की जाने वाली दक्षिण कोरिया की तथाकथित लिबरल  डेमोक्रेसी वाली व्यवस्था में वृद्धों की गरीबी और आत्महत्या की दर दुनिया में बहुत ज्यादा है. 

वहीं नदी के किनारे के एक हिस्से में फ्यंगयांग ललित कला महाविद्यालय के छात्र छात्राऐं  अपनी कला को  कैनवास पर उकेर रहे हैं. कई लोग रविवार के दिन फ्यंगयांग के मुख्य चिड़ियाघर ओर एम्यूजमेंट पार्कों में जाते हैं. थेदोंग नदी में तैरते हुए रेस्तरां और बार भी हैं. जहाँ पर कई व्यंजनों और शराब का लुत्फ उठाया जा सकता है.  फ्यंगयांग विमानन क्लब(Pyongyang Aviation Club) में दो सीटर वाले माइक्रो प्लेन से फ्यंगयांग शहर का विहंगम नजारा देखा जा सकता है. विदेशी पर्यटक भी इसका लुत्फ उठा सकते हैं.  और इन सब जगहों का प्रवेश शुल्क या उपयोग शुल्क हमारे विश्वगुरु में रेहड़ी पर बिकने वाली एक कप  चाय की कीमत के बराबर ही है. इसलिए कोई एलीट फेलीट  का चक्कर ही नहीं है.फ्यंगयांग में ज्यादातर कारखानों के मजदूर ही रहते हैं. इस मुगालते में मत रहिएगा कि फ्यंगयांग राजधानी है तो वहीं पर ये सारी मनोरंजन वाली सुविधाएं हैं. वहाँ के प्रांतीय शहरों में भी फ्यंगयांग के जैसे ही एविएशन क्लब और एम्यूजमेंट पार्क हैं. जनवादी कोरिया की मजदूरों और किसानों की सरकार आम जनता के मनोरंजन और उनके सांस्कृतिक अधिकार के लिए काम करना अपना परम कर्तव्य मानती है. 

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