कोरोना पर विजय

 जनवादी कोरिया ने अपने दम पर कोरोना पर विजय पा ली है.

अप्रैल 2022 के आखिरी सप्ताह में अबतक कोरोना के कहर से 2 साल तक आजाद रहे जनवादी कोरिया में बदमाश दक्षिण कोरिया ने कोरोना संक्रमित वस्तुओं को बैलून के द्वारा ( बैलून अधातु चीज है और वो राडार के पकड़ में भी नहीं आती) जनवादी कोरिया के सीमावर्ती क्षेत्रों में भेजा. किसी जनवादी कोरिया के नागरिक के अनजाने में उस संक्रमित वस्तुओं को हाथ लगाने और दूसरों के संपर्क में आने से देश में कोरोना के प्रसार की बात जनवादी कोरिया की गहन आंतरिक वैज्ञानिक जांच के माध्यम से सामने आई. वरना जनवादी कोरिया ने अपनी सारी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को  बंद कर अपनी पूर्णतः आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के दम पर कोरोना को अपने यहाँ फैलने नहीं देने की एक मिसाल कायम कर दी थी. पश्चिमी साम्राज्यवादी ताकतों और उसके सबसे बड़े वफादार दक्षिण कोरिया को ये बात बिल्कुल हजम नहीं होती थी और उन्होंने अंदाजा (जो कि एकदम गलत था) लगाया कि जनवादी कोरिया में अगर किसी तरह कोरोना वायरस पहुंचा दिया जाए तो वहाँ भारी अफरातफरी फैलेगी और वैक्सीन समेत अन्य कई मदद के लिए जनवादी कोरिया को घुटने टेकने पडे़गें.

मगर यह क्या जनवादी कोरिया ने मई 2022 से अपने यहाँ सर्वोच्च आपातकालीन व्यवस्था लागू कर, बिना किसी बाहरी मदद  के 84 दिनों के भीतर कोरोना के मामलों को रोक दिया ,

 29 जुलाई 2022 से लेकर अबतक ( वीडियो 3 अगस्त 2022 तक की स्थिति का है,पर 7 अगस्त 2022 तक वहाँ  कोरोना का एक भी नया मामला दर्ज नहीं किया गया है)  के इलाजरत सारे मरीज पूर्णतः स्वस्थ हो चुके हैं. जनवादी कोरिया के आपातकालीन महामारी रोकथाम केंद्र के काॅमरेड रयू यंग छल इस वीडियो में यही बता रहे हैं. काॅमरेड रयू ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें अभी भी आराम से नहीं बैठना है और हमेशा सतर्क रहना है. साथ ही महामारी रोकथाम केंद्र द्वारा आवश्यक दवाओं और वस्तुओं का भंडारण किया जा रहा है.

जनवादी कोरिया के समाजवादी व्यवस्था के घनघोर दुश्मन पश्चिमी साम्राज्यवादी ताकतों ओर उनके दुमछल्लों जापान और दक्षिण कोरिया ने यह भी सोचा था कि एक बार भी कोरोना जनवादी कोरिया पहुंचा तो वहाँ लाखों की तादाद में मौतें होंगी पर अबतक जनवादी कोरिया के 47 लाख मामलों में कुल 74 मौतें ही हुई हैं  . 

जनवादी कोरिया ने बिना विदेशी वैक्सीन और दवाईयों के ही अपने तरीके से कोरोना से निबटने में सफलता पा ली है.  ये चीज पश्चिमी साम्राज्यवादी ताकतों और उनके दुमछल्लों को रत्ती भर भी हजम नहीं होगी और उनके लिए कितना आसान होता है अपनी चाकर (तथाकथित मुख्यधारा की) मीडिया द्वारा जनवादी कोरिया की हरेक उपलब्धि को झूठा प्रोपेगेंडा करार देना और जनवादी कोरिया से अनभिज्ञ ज्यादातर लोगों का उसपर यकीन कर लेना.

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