जनवादी कोरिया में कोविड 19 संकट का प्रमुख कारण


पूरी दुनिया में 2 साल 9 महीने से जारी कोविड 19 का कहर अभी भी थमता नजर नहीं आ रहा है. फिलहाल दुनिया भर में कोविड 19 से 60 करोड़ से ज्यादा संक्रमित और  60 लाख से ज्यादा मौतें दर्ज हैं  कोविड 19 के इस हाहाकारी दौर  में जनवादी कोरिया (जिसे उत्तर कोरिया के नाम से भी जाना जाता है) ने अपनी सारी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को  बंद कर अपनी पूर्णतः आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के दम पर कोरोना को अपने यहाँ फैलने नहीं देने की एक मिसाल कायम कर दी थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस बात की पुष्टि आधिकारिक रूप से की थी कि जनवादी कोरिया में कोविड का एक भी मामला नहीं है.पर अप्रैल 2022 के आखिरी सप्ताह से वहाँ लोगों के सामूहिक रूप से बीमार होने की घटनाएं होने लगीं और लक्षणों की जांच के बाद ये कोविड के मामले साबित हुए,इस तरह अब जनवादी कोरिया में कोविड का प्रवेश हो चुका था, शुरुआत में रोजाना संक्रमण के 2 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हो रहे थे, देश में उथल पुथल वाली स्थिति आ गई थी. जनवादी कोरिया ने सर्वोच्च आपातकालीन व्यवस्था लागू कर, नागरिक और सैनिक स्वास्थ्य कर्मियों को अधिकाधिक संख्या में लामबंद कर  घातक कोरोना वायरस के खिलाफ जंग का एलान किया और 3 महीनों में ही इस घातक वायरस पर काबू पा लिया




  जनवादी कोरिया ने हाल में ही कोरोना महामारी पर जीत का एलान किया. जनवादी कोरिया में कोरोना वायरस के कुल 47 लाख 72 हजार 813 मामले और 74 मौतें दर्ज हुईं. जनवादी कोरिया ने बिना किसी बाहरी मदद के अपने बूते पर अपने यहाँ कोरोना महामारी पर पूरी तरह से कैसे काबू पाया उसके पहले यह जानना जरूरी है कि वहाँ वायरस कैसे पहुँचा.


10 अगस्त 2022 को जनवादी कोरिया में आपातकालीन महामारी विरोधी कार्य की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय बैठक बुलाई गई. जिसमें पिछले तीन महीने के दौरान कोरोना महामारी संकट और उसको पूरी तरह खत्म करने के कामों में मिली सफलताओं और अनुभवों और भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की गई. इस बैठक के दौरान देश में इस घातक वायरस के प्रसार के कारण पर भी गहन चर्चा  की गई.

इसके पहले 30 जून 2022 को जनवादी कोरिया के राज्य आपातकालीन महामारी रोकथाम मुख्यालय ने अपने द्वारा गठित जांच समिति के हवाले से देश में कोरोना वायरस के प्रसार की वजहों का खुलासा किया. जांच समिति जिसमें देश की वैज्ञानिक अनुसंधान एजेंसियां, राष्ट्रीय सुरक्षा संगठन और न्यायिक और अभियोजन एजेंसियां शामिल थीं, और वो अपनी बहुआयामी और वृहत पैमाने पर की गई जांच के आधार पर इस वैज्ञानिक निष्कर्ष पर पहुँची कि देश में कोरोना का स्टील्थ ओमिक्रोन BA. 2 वैरिएंट के चलते इस घातक महामारी का तेजी से फैलाव खांगवन प्रांत के खुमगांग काउंटी के ईफो री (강원도 금강군 이포리) गांव जो दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य सीमांकन रेखा (Military Demarcation Line) से सटा हुआ है, से शुरू हुआ था. साथ ही इस बात का भी खुलासा हुआ कि उस जगह के एक 18 वर्षीय सैनिक और 5 साल का बच्चा  वायरस संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आए थे जो कि दक्षिण कोरिया से हवाई गुब्बारों के द्वारा भेजे गए थे और उस जगह के रिहायशी और सैनिक बैरकों के पास की पहाड़ियों पर  बिखरे हुए थे. और उसी के बाद से उस इलाके में लोग काफी संख्या में बीमार पड़ने लगे और उसी इलाके के निवासियों द्वारा देश के दूसरे हिस्सों में भी संक्रमण तेजी से फैला. उसी वक्त यानि अप्रैल के मध्य तक देश के अन्य हिस्सों से भी बुखार के मामले आए पर वे सभी दूसरे रोगों के चलते आए और इन सबसे बुखार के मामले विस्फोटक तरीके से नहीं बढ़े.


जनवादी कोरिया में कोविड 19 के मामले अप्रैल के आखिर और मई की शुरुआत में तेजी से बढ़ने लगे. सबसे ज्यादा गंभीर मामले और उच्च मृत्यु दर दक्षिण कोरिया की सीमा से सटे  खांगवन प्रांत में दर्ज की गई. वहीं चीन और रूस की सीमा से सटे उत्तरी फ्यंगआन और उत्तरी हामग्यंग प्रांत में कोविड 19 के शुरुआत में कुछ ही मामले थे.

उपर्युक्त सभी बिंदुओं से संकेत मिलता है कि, जनवादी कोरिया में   दुनिया में सबसे सख्त सीमा बंदी और सख्त क्वारंटीन प्रणाली अपनाने के बावजूद देश में कोरोना वायरस के प्रवाह का एकमात्र अनियंत्रित चैनल दक्षिण कोरिया के हवाई गुब्बारों द्वारा वायरस संक्रमित वस्तुओं का बिखरना था.


शुरुआत में जांच समिति के उपर्युक्त नतीजों  का अंतर कोरियाई संबंधों पर संभावित नकारात्मक प्रभाव पड़ने की बात को गंभीरता से लेते हुए जनवादी कोरिया के राज्य आपातकालीन महामारी रोकथाम मुख्यालय ने जांच समिति के नतीजों की फिर से विभिन्न चैनलों के माध्यम से वैज्ञानिक तरीके से जांच की पर हर बार एक ही नतीजा निकला कि जनवादी कोरिया में कोरोना वायरस  का हालिया प्रसार दक्षिण कोरिया की ही कारस्तानी थी.


सबसे गंभीर बात यह है कि जनवादी कोरिया से दक्षिण कोरिया भागे हुए भगोड़ों के समूह ने वर्तमान दक्षिण कोरिया की सरकार की मौन स्वीकृति और प्रोत्साहन से अप्रैल और जून में 30 बड़े हवाई गुब्बारे छोड़े और इसके द्वारा जनवादी कोरिया के इलाके में हजारों प्रोपेगेंडा पर्चे और कोरोना वायरस संक्रमित वस्तुऐं बिखरीं. इन भगोड़ों  ने 2020 में भी जनवादी कोरिया में कोविड फैलाने की कोशिश की थी.इन लोगों की कोविड संक्रमित लोगों के थूक और बलगम को ऊंचे दाम पर भी खरीदने की योजना थी, जिसके बारे में ये खुल्लमखुल्ला अपने ऑनलाइन ग्रुप में बात भी कर रहे थे. इन इंसानी कचरों  ने तो सीमावर्ती क्षेत्र से हवाई गुब्बारे में एक डालर का वायरस संक्रमित नोट डालकर  जनवादी कोरिया तक पहुँचाने की कोशिश भी की थी पर एक गुब्बारा हवा की दिशा बदलने के कारण उल्टे दक्षिण कोरिया के कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिण पूर्व क्षेत्र में ही जा गिरा था .यही नहीं इन इंसानी कचरों ने चीन की जनवादी कोरिया के साथ लगती सीमा पर बहती नदी में प्लास्टिक की बोतल में भी एक डालर का वायरस संक्रमित नोट डालकर जनवादी कोरिया की ओर बहाया था. पर उस वक्त ऐसे इंसानी कचरों को पनाह देने वाले दक्षिण कोरिया की जनवादी कोरिया में कोविड फैलाने की योजना सफल नहीं हुई थी.


भले ही वस्तुओं की सतह के माध्यम से कोविड 19 संक्रमण की संभावना 0.001% हो, घातक वायरस संक्रमण का एक मामला या दूषित वस्तु का एक टुकड़ा भी एक पल में कई लोगों को संक्रमित कर सकता है, जिससे गंभीर महामारी का संकट पैदा हो सकता है यह एक स्पष्ट तथ्य है जिसका खंडन नहीं किया जा सकता है. इसी वास्तविकता के आधार पर कहा जा सकता है कि दक्षिण कोरिया के द्वारा गंदी और घातक वायरस संक्रमित वस्तुओं को जनवादी कोरिया के क्षेत्र में भेजना एक अमानवीय बर्बरता और एक प्रकार का जैव रासायनिक  हमला ही है और जिसकी कल्पना एक सभ्य देश के द्वारा नहीं की जा सकती.

 
इन तमाम तथ्यों के बावजूद बेशर्मी की सारी हदें पार कर चुके दक्षिण कोरिया का कहना है कि गुब्बारों से फैलने वाली चीजों से संक्रमित होने की संभावना करीब-करीब शून्य है. और तो और  दक्षिण कोरिया बड़ी निर्लज्जता के साथ इस चीज को कह रहा है कि जनवादी कोरिया इस मुद्दे को उछाल कर उसके खिलाफ उकसावापूर्ण कारवाई कर रहा है जबकि दक्षिण कोरिया में रह रहे जनवादी कोरिया के भगोड़े बिना दक्षिण कोरिया की सरकार की शह और राजनीतिक समर्थन और संरक्षण के बिना इस तरह का दुस्साहस नहीं कर सकते.
यदि दक्षिण कोरिया द्वारा इस तरह की बर्बर कारवाई के लिए जिम्मेदार तत्वों पर सख्त कारवाई नहीं की जाती है, तो कोविड 19 संभवतः जनवादी कोरिया में फिर से आ जाएगा, जो अंतर-कोरियाई संबंधों को टकराव की तीव्र स्थिति में ले जाएगा और उसके कोरियाई प्रायद्वीप और उसके आसपास  अकल्पनीय गंभीर परिणाम होंगे.


दक्षिण कोरिया का यह बारंबार  गुब्बारा प्रोपेगेंडा अभियान जनवादी कोरिया के हवाई क्षेत्र  का भी सरासर उल्लंघन है  और वायरस संक्रमित वस्तुओं को भेजना एक जैविक हमले के बराबर है ही.दक्षिण कोरिया को इस कार्रवाई के लिए माफी मांगनी चाहिए और जनवादी कोरिया के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ को तुरंत रोकना चाहिए. जनवादी कोरिया को दक्षिण कोरिया की सभी वायरस संक्रमित गुब्बारे उड़ाने की जगहों को तुरंत नष्ट करके अपनी आबादी के जीवन और अपने क्षेत्र की अखंडता को संरक्षित करने का पूरा अधिकार है.

तथाकथित अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में अगर न्याय और विवेक की भावना बची हुई है तो उसे समवेत स्वर में दक्षिण कोरिया की सरकार के खिलाफ उसके इस बर्बर, अमानवीय और आतंकवादी  कृत्य की पुरजोर निंदा करनी चाहिए, और उसे अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार करने और जनवादी कोरिया में घातक वायरस भेजने के लिए जिम्मेदारों को दंडित करने और फिर से गंदी और संक्रमित चीजों को जनवादी कोरिया के क्षेत्र में भेजने पर रोक लगाने की मांग करनी चाहिए.

दुनिया के प्रगतिशील संगठनों जो कोरियाई प्रायद्वीप की असलियत से वाकिफ हैं, उन्होंने दक्षिण कोरिया की इस घृणित और आतंकवादी कारवाई की कड़ी निंदा की है और जो भी तथाकथित प्रगतिशील संगठन या व्यक्ति दक्षिण कोरिया के प्रचंड झूठ से सराबोर होकर जनवादी कोरिया को बुरा समझते हैं , उन्हें भी इस दक्षिण कोरियाई झूठ से आजाद होकर असलियत समझने की कोशिश करनी चाहिए और दक्षिण कोरिया की कठोर शब्दों में भर्त्सना करनी चाहिए.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अमेरिकी साम्राज्यवाद पर जीत के गौरवपूर्ण 70 साल

अमेरिकी साम्राज्यवाद पर जीत

असहमति का अधिकार