जनवादी कोरिया के सासंद , विधायक और पार्षद

 पश्चिमी और दक्षिण कोरियाई मीडिया द्वारा जनवादी कोरिया के खिलाफ बनाई गई  गलत सलत अवधारणा के विपरीत वहाँ  उपर से निचले स्तर तक लोकतंत्र है और बाकायदा जनता द्वारा निश्चित अवधि के लिए  प्रतिनिधि चुने जाते हैं. वहाँ किस तरह के लोग जनता के प्रतिनिधि बन सकते हैं  यही इस वीडियो में दिखाया गया है. इस वीडियो में तीन अलग महिलाओं की कहानी है जो क्रमशः जनवादी कोरिया की संसद, प्रांतीय विधानसभा और जिला जन समिति की प्रतिनिधि चुनीं गई हैं.

जनवादी कोरिया में मजदूर किसान केंद्रित समाजवादी व्यवस्था है और वहाँ साधारण मजदूर और किसान देश के कानूनों का निर्माता होता है, अपने निर्वाचन क्षेत्र की जनता से गहराई से जुड़ा होता है, जनता के दुख सुख का हमदर्द होता है. जनवादी कोरिया में जनता अपने बीच से ही समाज के लिए पूर्ण समर्पण के साथ असाधारण योगदान करने वाले व्यक्ति को ही अपना प्रतिनिधि चुनती है. वहाँ चुनाव के वक्त जनता अपने अपने निर्वाचन क्षेत्र में  ऐसे कर्मठ व्यक्ति की अनुशंसा पार्टी को करती है. पार्टी में ऐसे व्यक्ति की उम्मीदवारी के लिए नीचे से उपर तक विचार विमर्श होता है और अंततः निर्वाचन  क्षेत्र की जनता की अनुशंसा पर ही मुहर लगती है और उस व्यक्ति को उम्मीदवार घोषित किया जाता है और चुनाव के दिन जनता उसी व्यक्ति को अपने मतों से प्रतिनिधि चुन लेती है. जनवादी कोरिया में चुनाव एक उत्सव की तरह होता है. जनता नाचते गाते मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने जाती है. वहाँ उम्मीदवार साधारण मजदूर और किसान से लेकर डाॅक्टर इंजीनियर शिक्षक या वैज्ञानिक भी हो सकते हैं . वहाँ तथाकथित पश्चिमी माॅडल के तथाकथित बहुदलीय उदार लोकतंत्र की तरह उम्मीदवारों के बीच जूतम पैजार  नहीं होती.  वहाँ जनता का पंसदीदा एक ही उम्मीदवार होता है और जनता अपने उसी उम्मीदवार को चुनती है. कोई भी उम्मीदवार किसी भी तरह के हाईकमान द्वारा जनता पर न थोपा जाता है और न  निर्वाचन क्षेत्र से कोई बाहरी व्यक्ति उम्मीदवार बन सकता है. पसले  सोवियत संघ और अब क्यूबा , चीन और वियतनाम में भी चुनाव की कमोबेश ऐसी ही मिलती जुलती व्यवस्था है. तथाकथित बहुदलीय उदारवादी लोकतंत्र में कैसे कैसे उम्मीदवार चुने जाते हैं और जनता की कितनी सेवा होती है ये भी कोई विस्तार से बताने की जरूरत है क्या? हाँ ऐसी व्यवस्था में कम्युनिस्ट पार्टियां जरूर अपवाद सिद्ध होती हैं.

काॅमरेड छो गिल न्य (Cho Gil Nyo, 조길녀)फ्यंगयांग शहर के एक जिले में सड़क सफाईकर्मी के रूप में अपने इलाके को साफ सुथरा और सुंदर  रखने के लिए 20 वर्ष से ज्यादा अपनी सेवा दे रहीं हैं और इलाके के लोग उनका खूब सम्मान करते हैं. अभी वो सड़क सफाई दस्ते की प्रमुख हैं.  अपने काम के प्रति वफादारी और देशभक्ति की भावना से लबरेज काॅमरेड छो को संबंधित निर्वाचन क्षेत्र की जनता ने अपने प्रतिनिधि के रूप में देखना चाहा और पार्टी से उनकी अनुशंसा की और उम्मीदवार घोषित होने के बाद मतदान के दिन निर्वाचन क्षेत्र की जनता ने काॅमरेड छो को जनवादी कोरिया की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था सर्वोच्च जन सभा (Supreme People's Assembly, 최고인민회의) यानि संसद की प्रतिनिधि (Deputy ,대의원) यानि सांसद चुन लिया. 

जनवादी कोरिया के उत्तर ह्वांगहे प्रांत (황해북도) के जनता अस्पताल में  काॅमरेड सोंग यून ही (Song Yoon Hee, 송윤희)10 साल से उपर डाॅक्टर के रूप में त्याग और पूर्ण समर्पण से जनता की सेवा करती आ रही हैंं और उत्तर ह्वांगहे प्रांत की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था प्रांतीय जन सभा ( Provincial People's Assembly, 도인민회의) यानि विधानसभा की प्रतिनिधि यानि विधायक चुनी गईं. पूर्ण समर्पण के साथ अस्पताल के रोगियों की सेवा करना ही उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य है. काॅमरेड सोंग के विधायक चुने जाने के दो साल बाद उनके अस्पताल में एक गंभीर हालत में एक युवती को लाया गया. उस युवती मरीज के पैर काटने की नौबत आ गई थी, काॅमरेड सोंग को उसके ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई  साथ ही ज्यादा रक्तस्त्राव होने से खून की सख्त जरूरत थी. काॅमरेड सोंग ने  बिना वक्त गवांए अपना खून दान कर दिया और सहकर्मियों के मना करने के बाद भी अगले दिन मरीज का पूरी निष्ठा से इलाज किया. इसके बाद मरीज के  ऑपरेशन में ढेर सारी चमड़ी की जरूरत पड़ी तो कॉमरेड सोंग समेत अस्पताल के डाॅक्टरों और नर्सों ने अपनी चमड़ी देने के लिए लाईन लगा दी. ऐसे समर्पित इलाज ने मरीज को जल्दी अपने पैरों पर खड़ा कर दिया (जनवादी कोरिया में डाॅक्टरों द्वारा मरीजों को जरूरत पड़ने पर  अपना खून और चमड़ी देने की घटनाएं आम हैं  केवल, पैसा ही पैसा,  अत्याधिक स्वार्थ और घोर व्यक्तिवाद से बजबजाती पूंजीवादी व्यवस्था में पले बढ़े लोगों के लिए जनवादी कोरिया की यह बात कोरी बकवास और अविश्वसनीय लग सकती है. एक वक्त तक तो जनवादी कोरिया में  समाजवादी व्यवस्था की स्थापना के बाद भी डाॅक्टर अपने आप को विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग समझता था. 1960 के दशक से जनवादी कोरिया की वर्कर्स पार्टी ने डाॅक्टरों को नए समाजवादी इंसान बनाने के लिए लंबे समय तक उनके बीच विचारधारात्मक शिक्षा अभियान चलाया. एक नए समाजवादी इंसान के रूप में ढल चुके डाॅक्टरों ने जनता के लिए पूर्ण समर्पण के साथ काम करना शुरू कर दिया. 1960 और हाल में 2017 में गंभीर रूप से जले बच्चे को बचाने के लिए पूरा अस्पताल एकजुट हो गया था और डाॅक्टर और अस्पताल के कर्मचारियों ने अपना खून और चमड़ी देने के लिए लंबी लाइन लगा दी थी. और ऐसे समर्पण के आगे मौत ने घुटने टेक दिए दोनों ही मामलों में इलाजरत बच्चे भला चंगा होकर अस्पताल से निकले. जनवादी कोरिया के हरेक अस्पताल में ये लिखा रहता है "डाॅक्टरों का समर्पण ही बेहतरीन दवाई है! " (의사 들의 정성은 명약이다!).  

इसके अलावा काॅमरेड सोंग ने एक अनाथ बच्चे को भी गोद लिया हुआ है और वो उस बच्चे को एक बड़ी बहन और माॅं की तरह ख्याल रखती हैं( जनवादी कोरिया में अनाथ बच्चों के लालन पालन के लिए बहुत ही बढ़िया सरकारी इंतजाम है,  पर अगर कोई नागरिक किसी अनाथ बच्चे का  अपने यहाँ लालन पालन करना चाहे तो वो कर सकता है और ऐसा करने से समाज में उनकी बहुत इज्जत भी की जाती है.) 

उत्तर फ्यंगआन प्रांत के साकचू जिले (평안북도 삭주군) के एक सरकारी जन सुविधा केंद्र में मोची के रूप में कार्यरत काॅमरेड छ्वे जंग ऐ (Choi Jung Ae) की जन समर्पित सेवा के लिए जनता ने उनको जिला जन सभा(County People's Assembly  군인민회의)  का प्रतिनिधि यानि जिला पार्षद चुना.

क्या पूंजीवाद के तथाकथित अच्छे वाले उदार बहुदलीय लोकतंत्र में कुछेक अपवादों को छोड़कर एक साधारण सा मजदूर सासंद, विधायक या पार्षद चुना जा सकता है? (और हाँ जनवादी कोरिया में डाॅक्टर कोई विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग नहीं बल्कि एक विशेष ज्ञान से लैस एक मजदूर ही है.) . पूंजीवादी देशों की तरह जनवादी कोरिया में राजनीति कोई पेशा या कैरियर नहीं है और वहाँ जनता की तानाशाही है. जनवादी कोरिया किसी एक तथाकथित तानाशाह का मुल्क नहीं है क्योंकि असल तानाशाह बनने के लिए साम्राज्यवाद से यारी और जनता से गद्दारी पहली और आखिरी शर्त है.

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