नया टाउनशिप
इस पोस्ट को 12 अप्रैल 2022 को अपडेट किया गया
समाजवादी राजसत्ता वाले देश जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) में जनहित के काम लगातार जारी हैं. 16 मार्च 2022 को वर्कर्स पार्टी के महासचिव काॅमरेड किम जंग उन ने राजधानी फ्यंगयांग में लगभग पूरे हो चुके 10,000 फ्लैट वाले नए टाउनशिप का दौरा किया.
वर्कर्स पार्टी की जनवरी 2021 में आयोजित आठवीं पार्टी कांग्रेस में देश की राजधानी और सबसे बड़े शहर फ्यंगयांग में आवास समस्या को सुलझाने के लिए पांच साल में 50,000 फ्लैट बनाने का निर्णय लिया और इसके तहत 2025 तक हर साल10,000 फ्लैट बनाए जाएंगे यानि एक नया टाउनशिप बसाया जाएगा और देखिए 23 मार्च 2021 को नींव खुदाई का काम शुरू होने के एक साल के भीतर ही 10,000 फ्लैटों वाला एक नया टाउनशिप बनकर तैयार है.इस टाउनशिप में फ्लैट के अलावा स्कूल, अस्पताल, सांस्कृतिक मनोरंजन केंद्र, पार्क, शापिंग काम्प्लेक्स, खेलकूद के मैदान समेत अन्य जन सुविधाएं भी हैं. इस टाउनशिप में 80 मंजिला फ्लैट काम्प्लेक्स से लेकर कई अन्य बहुमंजिली इमारतें भी हैं. ये टाउनशिप लगभग बन के तैयार हो चुका है जो भी काम बचा है उसे अप्रैल 2022 के पहले हफ्ते तक पूरा कर लिया जाएगा क्योंकि 15 अप्रैल 2022 को जनवादी कोरिया के महान नेता काॅमरेड किम इल संग के 110 वें जन्मदिन पर इसमें रहने वाले लोगों का गृहप्रवेश कराने की योजना है. क्या इसमें रहने वालों को किसी तरह का होम लोन लेकर मासिक किश्तें चुकानी पड़ेंगी ?? नहीं एकदम नहीं क्योंकि जनवादी कोरिया में आवास एक उपभोक्ता सामग्री नहीं बल्कि मौलिक अधिकार है इसलिए इसमें रहने के लिए उन्हें एक पैसा भी नहीं देना पड़ेगा.
और 11 अप्रैल 2022 को इसका उद्घाटन वर्कर्स पार्टी के महासचिव काॅमरेड किम जंग उन के द्वारा फीता काटकर कर भी दिया गया. वीडियो में उद्घाटन किए गए टाउनशिप के दिन और रात और लोगों के उत्साह का नजारा देखिए.
इसके पहले 12 फरवरी 2022 को दूसरे चरण वाले 10,000 फ्लैटों के नए टाउनशिप के लिए निर्माण कार्य भी चालू हो गया और वो भी अगले साल तक बनकर तैयार हो जाएगा. सिर्फ राजधानी फ्यंगयांग ही नहीं जनवादी कोरिया के हर कोने में नए नए घर बनाए जा रहे हैं. इसके बनने में लगने वाले सारी भवन निर्माण सामग्री का उत्पादन समाजवादी जनवादी कोरिया खुद के दम पर करने में सक्षम है. जनवादी कोरिया ने इस कोरोना काल में 2 साल से अपनी सीमाओं को पूरी तरह से बंद कर रखा है और उसपर पिछले 7 दशकों से अमेरिकी साम्राज्यवाद द्वारा कठोरतम आर्थिक प्रतिबंध भी लागू हैं फिर भी जनवादी कोरिया तिनका तिनका कर के बिखर नहीं गया क्यों ? यही तो समाजवादी व्यवस्था की ताकत है. वहाँ कोरोना के मामले शून्य हैं और कोरोना काल में भी देश में जोर शोर से निर्माण कार्य भी चालू है और वहाँ सामजीयन नामक नया शहर भी बनकर खड़ा हो गया उपर से साम्राज्यवाद से अपनी रक्षा के लिए हाइपरसोनिक मिसाइलों , जासूसी उपग्रह का सफल परीक्षण भी हो रहा है. यही तो समाजवादी व्यवस्था की ताकत है.
जनवादी कोरिया को लेकर कम्युनिस्टों के दुश्मन लिबरलों और सोशल डेमोक्रेट्स को छोड़ भी दें तो भी कम्युनिस्टों के एक तबके में जनवादी कोरिया को लेकर भारी गलतफहमियां हैं. ऐसे लोगों से गुजारिश है कि अंधभक्तों को गाली देना बंद करें. जनवादी कोरिया को लेकर जितना सुव्यवस्थित ढंग से पश्चिमी कारपोरेटी प्रचार तंत्र और उनकी जूठन परोसने वाले तथाकथित बुद्धिजीवियों और विशेषज्ञों द्वारा जितना जहरीला दुष्प्रचार किया गया है उसके सामने भाजपा और संघ का आईटी सेल और व्हाट्सएप युनिवर्सिटी एकदम बौने साबित होते हैं.
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