अमेरिकी साम्राज्यवाद की फासिस्ट कठपुतली दक्षिण कोरिया में कोरोना कहर

 

इन दिनों जहाँ कोरोना के मामले इससे बुरी तरह प्रभावित देशों में ढलान पर हैं वहीं कोरोना की पहली  लहर से लेकर पिछले साल तक कोरोना पर काबू पाने के लिए अपने तथाकथित माॅडल का दुनिया भर में ढिंढोरा जोर जोर से पिटवाने वाले दक्षिण कोरिया में इस साल की शुरुआत से कोरोना ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. किसी भी देश ने कोरोना पर काबू पाने के अपने माॅडल का उतना ढिंढोरा नहीं पिटवाया जितना दक्षिण कोरिया ने किया. अभी हालात ये हैं कि दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना के दैनिक मामले दक्षिण कोरिया से ही आ रहे हैं. दुनिया के 4 कोरोना संक्रमितों में से एक दक्षिण कोरियाई है और पूरी दुनिया के 27 फीसदी कोरोना के मामले दक्षिण कोरिया से हैं .अभी दक्षिण कोरिया में  कोरोना संक्रमितों की संख्या  इन पंक्तियों के लिखे जाने तक 72 लाख तक पहुँच गई है और दक्षिण कोरिया दुनिया में 13 वें पायदान पर है.


कोरोना के बहाने ही सही  दक्षिण कोरिया जैसे मुल्क की सही से पड़ताल करने के लिए इसकी हरेक "तथाकथित सफलता" को जब आप गहराई से देखेंगे तो ये आपको झूठे प्रोपेगेंडा पर टिका मुल्क दिखाई देगा चाहे वो उसका तथाकथित चमत्कारी आर्थिक विकास हो या उसकी तथाकथित विज्ञान और तकनीक या अन्य चीजें.

जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) के समाचार बुलेटिन  के इस फुटेज में बताया जा रहा है कि 2022 जनवरी के अंत तक दक्षिण कोरिया में रोजाना कोरोना के 10,000 से ज्यादा मामले आ रहे थे वहीं मार्च 2022 की शुरुआत में रोजाना 2 लाख से ज्यादा और अब मार्च मध्य में 3 लाख से ज्यादा मामले आने लगे.

दक्षिण कोरिया यह दावा करता है कि उसने दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना के दैनिक मामले आने के बावजूद मृत्यु दर को बढ़ने नहीं दिया है जो सरसरी तौर पर देखने से सही लगता भी है पर उसकी ये वाली पोलपट्टी  भी 6 मई 2021 को ही उसके बाप अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज के अधीन Institute for Health Metrics and Evaluation (IHME) ने  खोल दी. इस संस्थान ने मार्च 2020 से लेकर 3 मई 2021 तक हरेक देश के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जुटाए गए कोरोना मृतकों की संख्या से अपने द्वारा अनुमानित मृतकों के आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन कर एक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसार  पूरे विश्व में कोरोना मृतकों की संख्या आधिकारिक संख्या की दुगनी से भी ज्यादा है. अपनी इस रिपोर्ट में IHME ने दक्षिण कोरिया को ऐसे देशों के ग्रुप में रखा है जहाँ कोरोना मृतकों की असल संख्या आधिकारिक आंकड़ों से 5 गुना ज्यादा है. अभी दक्षिण कोरिया में रोजाना 3 लाख से ज्यादा मामले और 200 से ज्यादा मौतें हो रही हैं. अभी कोरोना से दक्षिण कोरिया की मृत्यु दर 0.2 फीसदी है और इन पंक्तियों के लिखे जाने तक कोरोना से हुई मौतों की संख्या 10,888 है. आने वाले दिनों में दक्षिण कोरिया में कोरोना से  मृत्यु दर और बढ़ेगी . विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना से संक्रमण और  मौत के बीच 3-4 हफ्ते का अंतर रहता है, इसलिए अभी जिन कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही है वो 3-4 हफ्ते पहले रोजाना 1.5 लाख वाले मामलों के वक्त की है अभी के 3.5 लाख रोजाना मामले की मौतें लगभग एक महीने के बाद दर्ज होगी.

इतना तो तय है कि दक्षिण कोरिया बहुत कुछ छिपाता है. तथाकथित मुख्यधारा का मीडिया दक्षिण कोरिया को एक "समृद्ध" ,"आर्थिक आश्चर्य " और "मानवाधिकार का स्वर्ग" के रुप में प्रचारित करता रहता है पर हकीकत एकदम अलहदा है. दक्षिण कोरिया अमेरिकी साम्राज्यवाद का एक सड़ता हुआ बदबूदार नव उपनिवेश है जहाँ अमीर और अमीर और गरीब और भी गरीब होता जा रहा है. अगर आपको दक्षिण कोरिया की असलियत का गहराई से भान हो गया तो आपको मोदी सरकार का प्रोपेगेंडा भी बौना लगने लगेगा.

वहीं जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) में 2 साल के बाद भी अभी तक कोरोना का एक भी मामला नहीं है!!!

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