असली आत्मनिर्भर विकास-2

 मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन साम्राज्यवाद आर्थिक प्रतिबंधों को अपने विरोधी देशों को घुटने पर लाने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल करता है, जाहिर है पूरी तरह स्वतंत्र और आत्मनिर्भर व्यवस्था वाले देश साम्राज्यवाद के लिए मौत के फरमान ही हैं.


जनवादी कोरिया  साम्राज्यवाद के झंडाबरदार अमेरिका और और उसके पुछल्ले  देशों के द्वारा आधुनिक इतिहास के सबसे कठोर प्रतिबंधों का सामना करते हुए भी समाजवाद का झंडा मजबूती से थामे हुए है. जनवादी कोरिया जूछे नामक क्रांतिकारी आत्मनिर्भर दर्शन से संचालित होता है जिसमें स्थानीय संसाधनों का ही अधिकतम उपयोग करते हुए आगे बढ़ने की राह बताई जाती है. जनवादी कोरिया में ग्रामीण इलाकों के कायाकल्प का दौर चल रहा है.


इसी कड़ी में दक्षिणी फ्यंगआन प्रांत(평안남도) के बुकछांग काउंटी (북청군)और मुनदक काउंटी (문덕군) के गांवों में नए एक मंजिला और बहुमंजिला घर बनाने में  इस्तेमाल होने वाली परिष्करण सामग्री (Finishing Material )और सीमेंट भी इन काउंटियों में ही मिलने वाले कच्चे माल से वहीं के ही कारखानों में बनाए जा रहे हैं. उदाहरण के लिए इन काउंटियों में ही पाए जाने वाले रंगीन पत्थरों से टाईलें और फुटपाथ ब्लॉक बना लिया गया.  

जनवादी कोरिया के कोने कोने में जिस स्तर पर निर्माण कार्य हो रहें हैं उतना किसी कड़े आर्थिक प्रतिबंध झेल रहे देश के लिए असंभव है. जनवादी कोरिया का मानना है कि चीजों के स्थानीयकरण या स्वदेशीकरण और पुनर्चक्रण (Recycling) से ही बाहरी शक्तियों पर निर्भरता खत्म कर मुकम्मल आजादी हासिल की जा सकती है और ये सोच दूसरे देशों को अपने उपर पूरी तरह निर्भर बनाकर अपना गुलाम बना लेने को आतुर साम्राज्यवाद के लिए बहुत ही खतरनाक है.

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