फ्यंगयांग का नवनिर्माण-1

 


12 फरवरी 2022 को उत्तर कोरिया की राजधानी फ्यंगयांग के एक हिस्से में 10,000 फ्लैटों के निर्माण कार्य का शिलान्यास वर्कर्स पार्टी के महासचिव काॅमरेड किम जंग उन द्वारा किया गया (पूरी खबर अंग्रेजी सब टाईटल के साथ)

वर्कर्स पार्टी की 2021 में हुई आठवीं पार्टी कांग्रेस में फ्यंगयांग में अगले पाँच  सालों  यानि 2025 तक  पाँच चरणों में 50,000 फ्लैट बनाने का निर्णय लिया गया. इसके तहत पिछले साल 23 मार्च 2021 को 10,000 फ्लैटों का निर्माण शुरू हुआ जो अब पूरा हो चुका है और अप्रैल 2022 के दूसरे हफ्ते से लोग वहाँ रहने भी लगेंगे. और 12 फरवरी 2022 को दूसरे चरण के तहत 10,000 फ्लैटों के निर्माण का आगाज हुआ. वर्कर्स पार्टी का यह प्रोजेक्ट जनता की सर्वोपरिता की उसकी नीति को बयां करता है.

शिलान्यास स्थल पर हजारों की संख्या में मौजूद कोरियाई जनसेना  के जवानों और निर्माण मजदूरों का उत्साह देखते ही बनता था(उत्तर कोरिया में सेना को जनता से जुड़े हर कामों में लगाया जाता है क्योंकि वह सही अर्थों में जनता की ही सेना है). इस मौके पर देश का राष्ट्रगान भी बजाया गया और पार्टी  महासचिव काॅमरेड किम जंग उन ने भाषण दिया और पार्टी सेंट्रल कमिटी और सरकार की तरफ से निर्माण कार्य में लगे सेना के जवानों और मजदूरों को बधाई देते हुए उनकी हौसला अफ़ज़ाई भी की. भाषण के बाद विस्फोट और आतिशबाजी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया.

अपने भाषण में काॅमरेड किम जंग उन ने  कठिन हालातों के बावजूद भी जनता के निरंतर कल्याण हेतु  पार्टी और सरकार की प्रतिबद्धता भी दुहराई.

साम्राज्यवादी मीडिया में सिर्फ काॅमरेड किम जंग उन के भाषण में देश के आर्थिक हालत की बात को जोर शोर से प्रचारित कर दुनिया भर के लोगों को एक बार फिर से उत्तर कोरिया की समाजवादी व्यवस्था के प्रति बरगलाया जाएगा. कोरोना काल में जहाँ मुट्ठी पर धनपशुओं के हाथों में दुनिया की आधी से ज्यादा दौलत जमा हो गई है. आम लोगों को घर बार रोजगार से हाथ धोना पड़ रहा है , वहीं समाजवादी उत्तर कोरिया कोरोना के पहले से ही कठिनतम प्रतिबंधों का सामना करते हुए भी जनता के लिए नए घरों के अलावा स्कूल, अस्पताल आदि बना रहा है. इन सारे फ्लैट को लेने के लिए उत्तर कोरिया की जनता को किसी भी तरह का होम लोन नहीं लेना पड़ेगा . ये सब उनको मुफ्त में मिलेगा.

दुनिया के सबसे घोर कम्युनिस्ट नफरती देश दक्षिण कोरिया में उत्तर कोरिया के फ्यंगयांग और अन्यत्र बन चुकी और बन रही इमारतों को केवल मिट्टी और गारे से बनी और अफ्रीका के सबसे पिछड़े से पिछड़े मुल्क में बनी इमारतों से भी घटिया इमारत कह कर ऐसी इमारतों के कुछ ही दिनों में भरभरा कर गिर जाने की बात कहकर खूब मजाक उड़ाया गया था लेकिन कुछ साल बीतने के बाद भी उत्तर कोरिया में वो इमारतें एकदम बुलंदी से खड़ी हैं इसके विपरीत दक्षिण कोरिया में ही पिछले सात महीने के अंदर ही दो बार निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारतों का हिस्सा भरभरा कर गिरा है और 10 लोगों की जान लेने समेत कईयो को घायल भी कर चुका है.

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