जनवादी कोरिया (उत्तर कोरिया) से जुड़े मिथकों और दुष्प्रचार को दूर करने और वहाँ की समाजवादी व्यवस्था की उपलब्धियों के साथ साथ दक्षिण कोरिया की कड़वी सच्चाइयों को सामने लाने का हिंदी में एक छोटा सा प्रयास.
इस ब्लॉग को चलाने वाले कोरियाई भाषा के अच्छे जानकार हैं और कोरियाई प्रायद्वीप से संबंधित अध्ययन से 15 से ज्यादा सालों तक जुड़े हुए हैं.
जनवादी कोरिया का युवा दिवस
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इस पोस्ट को 30 अगस्त 2021 को अपडेट किया गया है
हर साल 28 अगस्त को उत्तर कोरिया में युवा दिवस मनाया जाता है इस साल युवा दिवस की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर समारोह भव्यता के साथ आयोजित किया गया. इस अवसर पर राजधानी प्योंगयांग में शाम को नृत्य और आतिशबाजी का रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसके अलावा देश के अन्य शहरों हामहुंग, हेजू, सिनउईजू, सारीवन, हेसान, वनसान, छंगजिन, नाम्फो और गेसंग में युवा दिवस पर कई समारोहों का आयोजन किया गया. इस अवसर पर वर्कर्स पार्टी के महासचिव काॅमरेड किम जंग उन ने अपने बधाई संदेश में देश के समाजवादी निर्माण में युवाओं के योगदान की प्रशंसा करते हुए कम्युनिज्म की ओर बढ़ने का आह्वान किया.
ये उस देश का वीडियो है जहाँ के बारे में हमें कारपोरेट द्वारा संचालित तथाकथित स्वतंत्र मीडिया चैनलों द्वारा गला फाड़ फाड़ कर यह बतलाया जाता है कि वहाँ के हालात दुनिया में सबसे खराब हैं और वहाँ के लोग एक भावहीन रोबोट हैं जिन्हें नाचना, गाना ,उत्सव मनाना ही नहीं आता. कहाँ तो हमारे देश में केवल दो धनपशुओं के लिए पूरा मीडिया खरीदकर रही सही पत्रकारिता को खत्म कर दिया गया जबकि ऐसा किए बिना भी इनको पालने वाली पूंजीवादी व्यवस्था को किसी भी तरह का खतरा नहीं था. जबकि उत्तर कोरिया में पूंजीवाद और उसके विस्तारित रुप साम्राज्यवाद के तमाम अवरोधों के बावजूद समाजवाद का परचम बुलंदी से लहरा रहा है. ऐसे में पूंजीवाद अपने टुकड़ों पर पलने वाले तथाकथित "स्वतंत्र मीडिया" द्वारा अपने अस्तित्व को चुनौती देने वाले उत्तर कोरिया को क्यों बख्श देगा?क्यों उसके बारे में सही खबर देगा? उत्तर कोरिया के युवा दिवस समारोह की ये झलकियाँ चीख चीख कर कारपोरेट जीवी मीडिया के इस झूठ को खारिज कर रही हैं कि उत्तर कोरिया एक बरबाद और विफल व्यवस्था वाला देश है.
इसके बावजूद भी कारपोरेट का टुकड़खोर मीडिया उत्तर कोरिया की तथाकथित बदहाली दिखाने के लिए हमेशा की तरह कोई नया झूठ गढ़ने के काम में लगा हुआ है.
हर साल 28 अगस्त को उत्तर कोरिया में युवा दिवस मनाया जाता है इस साल युवा दिवस की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर समारोह भव्यता के साथ आयोजित किया जाएगा . इसमें भाग लेने के लिए पूरे देश से प्रतिभागी 26 अगस्त 2021 को राजधानी प्योंगयांग पहुंचे. देश के युवा क्रांति की एक नई जीत की ओर ऐतिहासिक प्रगति में पार्टी के आह्वान के प्रति वफादार रहे और इन लाखों युवाओं की दृढ़ भावना और उत्साह ने देश के समाजवादी निर्माण को मजबूती से आगे बढ़ाया.
पार्टी की 8वीं कांग्रेस के निर्णयों पर खरा उतरने वाले कठिन और श्रमसाध्य क्षेत्रों में स्वेच्छा से काम करने वाले युवाओं और युवा लीग के पदाधिकारियों सहित लगभग 10,000 प्रतिभागी युवा दिवस के समारोह में भाग लेंगे. प्रतिभागियों को उनके कार्यस्थल के कामगारों और छात्रों द्वारा गर्मजोशी से विदा किया गया. युवा दिवस में भाग लेने पहुंचे प्रतिभागियों का प्योंगयांग शहर के कई युवाओं छात्रों और नागरिकों ने सड़कों पर फूल लहराते हुए गर्मजोशी से स्वागत किया.
समाजवादी उत्तर कोरिया का युवा अपनी नियति का खुद मालिक है और अपने भविष्य को लेकर उसका नजरिया स्पष्ट है उसे पूंजीवादी देशों के युवाओं की तरह बेरोजगारी समेत अन्य कई हताशाओं का सामना नहीं करना पड़ता है.
बहरहाल आप लोग कारपोरेटजीवी मीडिया द्वारा दिखाए जाने वाले उत्तर कोरिया से जुड़ीइस झूठी और काल्पनिक खबरों का रसास्वादन करते रहें कि वहाँ के हालात काफी खराब हैं और लाखों लोग भूखे हैं और हाँ उत्तर कोरिया को लेकर अंधभक्तों की तरह अपनी तर्कशक्ति को ताक पर रखना न भूलें, नहीं तो मजा कइसे आएगा.
27 जुलाई साम्राज्यवाद पर जीत का दिन है . इसी दिन 69 साल पहले सन् 1953 में विश्व साम्राज्यवाद के सरगना अमेरिका को जनवादी कोरिया के सामने झुकते हुए युद्धविराम समझौता करना पड़ा था. अमेरिका अपनी स्थापना के 180 सालों के दौरान दूसरे देशों के खिलाफ 110 युद्धों में कभी नहीं हारा था पर जनवादी कोरिया के साथ 3 साल तक चले युद्ध में पहली बार अमेरिका को बिना जीत के ही जनवादी कोरिया के साथ युद्धविराम समझौता करना पड़ा. 1950 से 1953 के दौरान जनवादी कोरिया और अमेरिका के बीच चले युद्ध को कोरिया युद्ध के नाम से जाना जाता है पर यह गलत है ये उत्तर- दक्षिण कोरिया के बीच युद्ध नहीं , यह कोरियाई जनता और अमेरिकी साम्राज्यवादियों के बीच युद्ध था. कोरिया युद्ध को पितृभूमि मुक्ति युद्ध (Fatherland Liberation War) कहना ज्यादा उचित है. साम्राज्यवादी ताकतें जनवादी कोरिया के इस महान पितृभूमि मुक्ति युद्ध के बारे में ज्यादा बात करना पसंद नहीं करतीं. इस युद्ध को तथाकथित मुख्यधारा का मीडिया एक भूला हुआ अनजाना युद्ध कहता है . ऐसा क्यों? इससे संबंधित कुछ बयानों पर नजर डालते हैं. अमेरिका के दक्षिणपंथी सैनिक इतिहास
दुनिया के इतिहास में कई युद्धों का जिक्र है पर कोई भी युद्ध 1950 के दशक में हुए पितृभूमि मुक्ति युद्ध (कोरिया युद्ध) जैसा खूनी और विध्वंसकारी नहीं था. 27 जुलाई 1953 को यानि आज से 70 साल पहले इस युद्ध की परिणिति जनवादी कोरिया की जीत के रूप में हुई. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद कोरिया के दक्षिणी भाग यानि दक्षिण कोरिया पर बलपूर्वक कब्जा करने के बाद अमेरिका ने जनवादी कोरिया यानि उत्तर कोरिया जिसने पूर्ण स्वतंत्रता की राह अपनाई, उसके खिलाफ युद्ध की तैयारी तेज कर दी और इस तरह अमेरिका ने पूरे कोरिया को अपना उपनिवेश बनाने के लिए 25 जून 1950 की सुबह आक्रामक युद्ध छेड़ दिया. यह युद्ध एक असमान युद्ध था. इस युद्ध में अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने अपने विशाल सशस्त्र बलों और अपने 15 सहयोगी(कठपुतली) देशों के सैनिकों के साथ-साथ जापानी सैन्यवादियों और दक्षिण कोरियाई कठपुतलियों को भी शामिल किया था. इस युद्ध में आश्चर्यजनक रूप से अमेरिका, जो आक्रामकता के अपने 100 साल के इतिहास में कभी नहीं हारा था और जो दुनिया में "सबसे मजबूत" होने का दावा कर रहा था, को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा, जबकि जन
इस पोस्ट को 15 दिसम्बर 2021 को अपडेट किया गया तथाकथित "मुख्यधारा" की तथाकथित "स्वतंत्र और निष्पक्ष " मीडिया द्वारा दुनिया के सबसे सनकी, क्रूर, निरंकुश तानाशाह जैसी संज्ञाओं से नवाजे गए किम जंग उन की तानाशाही का आलम देखिए कि उनके बगल में बैठा आदमी उनकी बात से असहमति जता रहा है. उत्तर कोरिया की वर्कर्स पार्टी की पोलित ब्यूरो की एक बैठक में पार्टी सचिव किम जंग उन के किसी प्रस्ताव पर पांच सदस्यों ने असहमति जताई जो उपरोक्त तस्वीर में साफ साफ दिखाई देता है और असहमति जताने वाले सदस्यों को किसी तोप से नहीं उड़ाया गया या लोगों के सामने गोली नहीं मारी गई क्योंकि उन्हें असहमत होने का अधिकार है. इसलिए उत्तर कोरिया में किम जंग उन समेत कोई भी निरंकुश नहीं हो सकता. वहाँ जनता और पार्टी से कोई उपर नहीं. अगर वहाँ नेता की बहुत इज्जत है तो उसके जनहितैषी कामों की वजह से ही है. उत्तर कोरिया की वर्कर्स पार्टी जो कि एक कम्युनिस्ट पार्टी है के द्वारा संचालित एक समाजवादी देश है जिसमें जनता की तानाशाही ही चलती है. आप जिस उत्तर कोरिया के बारे में आए दिन सुनते रहते हैं उस उत्तर कोरिया का
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