जनवादी कोरिया में नीली जींस और साम्राज्यवाद विरोधी शिक्षा


उत्तर कोरिया में नीली जींस पर प्रतिबंध है और इसका उल्लंघन करने पर कठोर दंड दिया जाता है तो फिर नीचे फोटो में महिला ने क्या पहन रखा है?

उत्तर कोरिया में कानूनन नीली जींस कभी बैन नहीं रही है जिसको पहनना है उसे पहनने की आजादी है. वहाँ के लोग अपने पारंपरिक कपड़ों में खुश रहते हैं और ये चीज उनपर थोपी नहीं गई है. उत्तर कोरिया पश्चिम की अच्छी चीजों को भी अपनाता है. हाँ इतना जरूर है कि वहाँ साम्राज्यवाद विरोधी और वर्गीय चेतना संबंधित शिक्षा पर जोर दिया जाता है जो समाजवाद की रक्षा के लिए निहायत जरूरी है.



वीडियो फुटेज में दिखाया गया है कि किस तरह से पार्टी का शिक्षक दल देश के विभिन्न कारखानों में जाकर पार्टी सदस्यों और कामगारों को साम्राज्यवाद विरोधी और वर्ग चेतना से संबंधित शिक्षा गीत, संगीत, भाषण और दृश्य श्रव्य (Audio Visual) के माध्यम से देता है. इसी कड़ी में शिक्षक दल ने रयूग्यंग जूता फैक्ट्री का दौरा किया . दल की एक सदस्य का कहना था कि हम कई जगह घूम घूम कर वहाँ के कामगारों को साम्राज्यवादियों द्वारा हमारे लोगों पर किए गए अत्याचारों का इतिहास और वर्ग शत्रुओं की कुटिल चालों के बारे में बताते हैं. ऐसी शिक्षा में तनिक भी ढिलाई देने का मतलब है कि अपने बुजुर्गों की तरह हमारा भी हाल गुलामों की तरह हो जाएगा. वहीं फैक्ट्री की एक कामगार का कहना था कि शिक्षक दल के कामरेडों से यह समझ में आया कि  हमारा हर दिन वर्ग संघर्ष की निरंतरता है. वहीं एक भवन निर्माण डिजाइन से संबंधित अनुसंधान केंद्र में विभिन्न माध्यमों और तरीकों से साम्राज्यवाद विरोधी शिक्षा दी जा रही है. स्थानीय ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष के अनुसार यहाँ के कामगारों को साम्राज्यवाद विरोधी शिक्षा देने के लिए खास किस्म के गीत और वीडियो तैयार किए गए हैं. और इतिहास और वर्ग शत्रुओं से संबंधित कई वीडियो भी दिखाए गए. वहीं एक कामगार का कहना था कि हमारी पीढ़ी शोषण और अत्याचार से अनभिज्ञ है और युद्ध का भी सामना नहीं किया है. हमें इस विशेष गीत के माध्यम से युद्ध और वर्ग शत्रुओं पर हमारी जीत और हमारे बुजुर्गों के बलिदान से प्रेरणा मिली.

साम्राज्यवाद समाजवाद की मौजूदगी कभी हजम नहीं कर सकता है. इसलिए जरूरी है कि इसके खिलाफ जनता में निरंतर विचारधारात्मक शिक्षा चलाई जानी चाहिए

आम जनता के बीच विचारधारात्मक काम की अनदेखी, समाजवादी चेतना को उपर उठाने के काम की अनदेखी और मानव समाज के एक उच्चतर रूप के निर्माण में लगातार बढ़ती तादाद में हिस्सेदारी के लिए जनता को खींचने के काम की अनदेखी से कम्युनिस्ट विरोधी ताकतों को फलने फूलने का मौका मिलता है. पूर्वी यूरोप और सोवियत संघ में यही हुआ था. 


जनता को असली आजादी  नीली जींस पहनने, मैकडॉनल्ड्स के बर्गर खाने और कोकाकोला पीने से नहीं मिलती. जनता को असली आजादी  निजी संपत्ति का उन्मूलन और उत्पादन के सभी साधनों के समाजीकरण से मिलती है और इसे बरकरार रखने के लिए निरंतर रुप से विचारधारात्मक शिक्षा चलाई जानी चाहिए. उत्तर कोरिया में ये चीजें बखूबी हुईं और हो रहीं हैं.

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