री इन मो : एक सच्चे कम्युनिस्ट


 एक सच्चा कम्युनिस्ट दुश्मन द्वारा भयंकर यातनाएँ दिए जाने के बावजूद भी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करता.

कामरेड री इन मो एक कोरियाई (उत्तर) कम्युनिस्ट थे जो दक्षिण कोरिया में राजनीतिक कैदी के रूप में भयंकर यातनाएँ सहते हुए  34 साल जेल में रहे, जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा है.

कामरेड री उत्तर कोरिया के पार्टी अखबार रोदोंग  सिनमुन के संवाददाता थे और 1950-53 के कोरिया युद्ध के दौरान दुश्मन दक्षिण कोरिया द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए. तब से लेकर रिहा होने तक उन्हें दक्षिण कोरिया द्वारा दिए गए भयंकर मानसिक और शारीरिक यातनाओं से जूझना पड़ा. दक्षिण कोरिया ने उन्हें प्रलोभन भी दिया कि अगर वो अपनी कम्युनिस्ट विचारधारा छोड़ दें तो उन्हें आजाद कर दिया जाएगा पर एक सच्चे कम्युनिस्ट और पार्टी सदस्य की तरह वे दक्षिण कोरिया के जुल्मों को हंसते हंसते झेल गए पर उसके आगे नहीं झुके.

खराब स्वास्थ्य और दक्षिण कोरिया द्वारा उत्तर कोरिया के साथ संबंध सुधार की नौटंकी करने के क्रम में 1993 में कामरेड री को उनके देश उत्तर कोरिया भेज दिया गया. 34 साल की लंबी अवधि तक दुश्मन की कैद में रहने के कारण उन्हें दिल  और दमे की बीमारी के साथ साथ बोलने में समस्या थी. उत्तर कोरिया में उनका एक महानायक की तरह स्वागत किया गया और देश की उन्नत समाजवादी चिकित्सा सुविधा ने उन्हें भला चंगा कर दिया. उसके बाद वो लेखन कार्य में लगे. उन्हें दो बार देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया. अपनी वतन वापसी के 14 साल के बाद 16 जून 2007 को उनकी मृत्यु हो गई और उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया. 

उत्तर कोरिया की सरकार ने देश की राजधानी में उनकी प्रतिमा भी बनवाई.उत्तर और दक्षिण कोरिया में उन पर  डाक्यूमेंट्री भी बनी है. अगर उन्हें विश्वास और इच्छा का अवतार कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.

वीडियो में उत्तर कोरिया का एक क्रांतिकारी गीत जिसमें यह कहा जा रहा है कि  

पवित्र क्रांति की राह पर अंत तक बढ़े चलो!

 लाल झंडा हमारा दिल! हमारी अपनी चुनी हुई जिंदगी!

 अगर  मरना भी पड़े तो भी क्रांतिकारी विश्वास मत छोड़ो! 

(성스러운 혁명의 길 끝까지 가리라

붉은기 우러러 우리 심장! 스스로 택한 인생!

죽어도 혁명신념 버리지 말자!)

죽어도 혁명신념 버리지 말자)

कामरेड री को लाल सलाम! 


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