पूरी तरह से कोरोना मुक्त!!

 


कोविड 19 महामारी के 18 महीने. इस महामारी से दुनिया के कई देशों में लाखों करोड़ोंं संक्रमित, मृतकों की संख्या भी हजारों लाखों में.कहीं महामारी की दूसरी लहर, कहीं तीसरी, कहीं चौथी. उफ्फ्फ महामारी का यह दौर कब थमेगा. दुनिया को कब इससे निजात मिलेगी. उपर से अल्फा बीटा, डेल्टा पता नहीं और क्या क्या


लेकिन दुनिया के एक देश में 3 जनवरी 2020 से लेकर अबतक (9 जून 2021)  

कोविड संक्रमण के मामले- 0 (जीरो) 

कोविड से मृत्यु के मामले- 0 (जीरो) हैं


अरे! सपना देख रहा है क्या? कौन देश हो सकता है वो? 


वो देश है उत्तर कोरिया


क्या बकवास है? वो भूखा, नंगा, गरीब! पतन के करीब! वाला देश. अरे वहाँ की सरकार का कोई प्रोपेगेंडा होगा, वहाँ सूचनाएँ छिपाई जाती हैं. और वहाँ की गड़बड़ियां तो जगजाहिर हैं.


पर ये तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) आधिकारिक रूप से कह रहा है कि उत्तर कोरिया में अभी तक कोविड संक्रमण और मौत का एक भी मामला  नहीं आया है.


नहीं नहीं ये झूठ है.


भाई ये सच है. उत्तर कोरिया को लेकर हमारी आंखों पर काफी पर्दा डाला गया है.वहाँ इस महामारी की खबर मिलते हीं जनवरी 2020 से चीन से लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा पूरी तरह से सील कर दी गई और अभी भी वही हालात हैं.

 

तब तो वहाँ का पहले से ही बदहाल जीवन और भी बदहाल हो गया होगा. वहाँ का सिस्टम पूरी तरह से चरमरा गया होगा. क्योंकि हमने तो सुना है कि उत्तर कोरिया चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर है वो खुदकुशी वाली ऐसी हरकत क्यों करेगा.

  

यही तो लोगों की गलतफहमी है. उत्तर कोरिया कभी भी किसी पर ज्यादा निर्भर नहीं रहा है. वहाँ की अर्थव्यवस्था सही मायने में स्वतंत्र और आत्मनिर्भर है. 1970 के दशक से ही वो देश अपनी जरूरत का 98% मशीन, 75% ईंधन, 90% अनाज का इंतजाम खुद के दम पर कर लेता है. वहाँ की  GDP का 3% ही विदेश व्यापार से आता है.इस कोरोना काल में भी वहाँ के कल कारखाने पूरी क्षमता के साथ चल रहे हैं. देश में बड़े बड़े कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट चल रहे हैं. खेती किसानी जोर शोर से चल रही है. कोरोना को लेकर वहाँ की सरकार हर रोज जागरूकता अभियान चला रही है, आवश्यक कदम उठा रही है. वहाँ की जनता और सरकार कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन कर रही है. जनता को दुनिया भर में कोविड के ताजा हालात से हर रोज मीडिया के माध्यम से अवगत कराया जा रहा है. सबसे बड़ी बात उत्तर कोरिया में जनता की कीमत पर मुट्ठी भर अमीरों को तरजीह देने वाली व्यवस्था की जगह जनता के कल्याण पर आधारित समाजवादी व्यवस्था है और यह जूछे यानि आत्मनिर्भरता पर  आधारित है. यही चीज उत्तर कोरिया की बुनियाद है, उसकी ताकत है. 


पर ये  CNN, BBC वगैरह पर पत्रकार और कोरिया के विशेषज्ञ तो कुछ और ही कहते हैं


अपना थूका हुआ बार बार चाटने वाले को ही  उत्तर कोरिया से जुड़ा हुआ पत्रकार और विशेषज्ञ कहते हैं. जो CNN BBC पर आते हैं.


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बात और भी लंबी हुई थी.

(मेरे फेसबुक पर उत्तर कोरिया के पोस्ट देखने के बाद काॅलेज के जमाने के एक पुराने दोस्त से  फोन पर हुई बातचीत पर आधारित. मैंने बहुत सुलझी भाषा में लिखने की कोशिश की है)

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