जनवादी कोरिया की मीडिया में सुर्खियों में है भारत
उत्तर कोरिया की मीडिया में भारत हर दिन सुर्खियों में है.
14 से 16 अप्रैल 2021 के वहाँ के समाचार बुलेटिन के वीडियो फुटेज में जो कहा जा रहा है उसका हिन्दी अनुवाद
"भारत में लगातार 7 वें दिन कोरोना के दैनिक संक्रमण के एक लाख से उपर मामले दर्ज किए गए. अभी भारत में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और लाशों को रखने के उचित जगह के अभाव के चलते लाशें बाहर पड़ी हुई हैं. विशेषज्ञों की माने तो प्रमुख शहरों में रात्रि कर्फ्यू जैसा आंशिक लाॅकडाउन जैसे कदम उठाए जाने के बावजूद लोगों के द्वारा सामाजिक दूरी जैसे कोविड नियमों की उपेक्षा करने के कारण कोरोना वायरस की नई लहर भयानक तरीके से फैल रही है. भारत के स्वास्थ्य अधिकारियों ने मास्क लगाने को कोविड के फैलाव रोकने में प्रभावशाली सामाजिक वैक्सीन करार देते हुए बाहर निकलते वक्त और कमरे के अंदर कई लोग हों तब बिला शर्त मास्क लगाने की अपील की है".
"भारत में एक बार फिर से सबसे ज्यादा कोरोना के दैनिक मामले दर्ज किए गए. 15 तारीख को एक दिन में कोरोना के लगभग 2 लाख मामले दर्ज हुए और ये कोरोना के फैलाव के बाद से पहली बार 2 लाख पार कर गए. वर्तमान में भारत में कुल संक्रमितों की संख्या 1 करोड़ 40 लाख है. भारत में कोरोना के 80% नए मामले मुख्य रूप से महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश समेत 10 क्षेत्रों से आ रहैं हैं"
ना कोई तड़का या मसाला बस सीधी सपाट सी जानकारी. अमेरिका के कोरोना संबंधित खबरों में भी उत्तर कोरिया की मीडिया का यही रुख रहता है. बताने की जरूरत नहीं कि आपकी मीडिया में उत्तर कोरिया से जुड़ी कैसी खबरें रहती हैं.
उत्तर कोरिया की समाजवादी व्यवस्था ने अपनी सरजमीं पर कोरोना को फटकने नहीं दिया और अपनी सीमाओं को पिछले 14 महीनों से बंद करने के बावजूद भी सही मायने में आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के बूते वहां की सारी फैक्ट्रियां उत्पादन कर रही हैं लोगों का जनजीवन बिल्कुल सामान्य है. कोरोना से बचाव के ऐहतियाती उपाय हर रोज किए जा रहे हैं. उत्तर कोरिया पर तो अमेरिका के सैटेलाइट हमेशा निगाह गड़ाए रहते हैं अगर कोरोना के चलते वहां कुछ भी असामान्य होता तो पूरा पश्चिम का मीडिया और उनकी जूठन परोसने वाला भारतीय मीडिया हाहाकार चीत्कार मचा देते और उनकी ऐसी खबर होती
"देश में लगा लाशों का अंबार! खूनी तानाशाह ले रहा डकार" और आप असल में यही चीज अपने देश में देख रहे हैं.
ये वक्त बड़ा मुश्किल है अपना और अपनों का ख्याल रखें. और इस बात का भी ध्यान रखें कि आप उत्तर कोरिया जैसी सर्वसुलभ और मुफ्त चिकित्सा सुविधा वाली समाजवादी व्यवस्था में नहीं रह रहे हैं.
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