पार्टी और जनता


 

"दुनिया में कई कम्युनिस्ट और वर्कर्स पार्टी हैं, लेकिन यह केवल हमारी पार्टी है जो अपने जमीनी संगठनों के नेताओं का एक सम्मेलन नियमित रूप से आयोजित करती है ताकि हमारी पार्टी की केंद्रीय समिति उनके साथ आमने-सामने बैठकर काम पर चर्चा कर सके"।


ये बात वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया के महासचिव काॅमरेड  किम जोंग उन ने प्योंगयांग में विगत 6-8 अप्रैल 2021 को  हर 5 साल पर आयोजित होने वाले पार्टी की सबसे जमीनी ईकाई के सचिवों के छठे सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कही (वीडियो में उपर वाली बात ही कही जा रही है). इसी जनवरी को  वर्कर्स पार्टी की आठवीं पार्टी कांग्रेस , फरवरी में पार्टी की सेंट्रल कमिटी की मीटिंग, मार्च में देश के  और जिले की पार्टी सचिवों की राजनीतिक कार्यशाला और अप्रैल में पार्टी की जमीनी ईकाई जिसे पार्टी सेल(Cell) कहा जाता है, उसके सचिवों का सम्मेलन कोरोना के हाहाकार भरे इस काल में भी इससे पूरी तरह अछूते रहे उत्तर कोरिया में सफलता पूर्वक आयोजित किए गए. इस सम्मेलन में पार्टी के देश में कई हजार सेल के 10,000 सचिवों ने शिरकत की.


किसी भी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए जनता ही सब कुछ होती है और जमीनी कार्यकर्ता ही जनता के सबसे करीब होते हैं. ऐसे में उत्तर कोरिया में पार्टी की सबसे उपरी ईकाई सेंट्रल कमिटी द्वारा जमीनी नेताओ के साथ नियमित रूप से आमने सामने बैठकर स्थानीय स्तर  पर जनता की समस्याओं और उसके समाधान पर चर्चा करना बहुत महत्व रखता है और पार्टी का जनता के प्रति अटूट जुड़ाव को दर्शाता है.


इससे यह भी साबित होता है कि  उत्तर कोरिया की राजनीति में जनता की इच्छा सचमुच व्यक्त होती है और जनता को भी लगता है कि उनकी बात संबंधित सेल सचिवों के द्वारा सेंट्रल कमिटी तक जाएगी और उसपर काम होगा. साथ ही पार्टी अपने विचारों और काम को जनता तक पहुंचाती है.


पूर्वी यूरोप और  स्टालिन के बाद के  सोवियत संघ के विपरीत उत्तर कोरिया की पार्टी और  उसके नेताओं का अपनी जनता के साथ कभी विलगाव नहीं हुआ. उत्तर कोरिया की जनता ने अपनी पार्टी की बात सुनी और पार्टी ने भी जनता की बात सुनी. पार्टी के अंदरूनी जनतंत्र को  बरकरार रखा  गया. और यह अभी भी जारी है.



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