टैक्स से पूरी आजादी
47 साल पहले आज के ही दिन यानि 21 मार्च 1974 को उत्तर कोरिया की संसद ने देश में टैक्स प्रणाली की पूर्ण समाप्ति का कानून पास किया था. ऐसा कर उत्तर कोरिया टैक्स प्रणाली को कानूनी तौर पर पूरी तरह समाप्त करने वाला दुनिया का पहला देश बना.
आज दुनिया में आज 220 देश हैं और विकसित, विकासशील या पिछड़े देशों की सरकारें अपनी आय के लिए किस हद तक टैक्स पर निर्भर हैं, यह बताने की जरूरत नहीं है.
ऐसा नहीं था कि उत्तर कोरिया के पास भरपूर संसाधन थे या वहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया का बसेरा था. उत्तर कोरिया की सरकार ने जब टैक्स प्रणाली को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला लिया तब उन दिनों उत्तर कोरिया की दुश्मन शक्तियाँ लगातार युद्ध का माहौल बना रही थीं. इसके अलावा देश में 11 वर्षीय अनिवार्य शिक्षा पद्धति लागू करने, वर्कर्स पार्टी की पांचवीं केन्द्रीय समिति की 8 वीं प्लेनरी मीटिंग में समाजवादी अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए 10 बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य आदि कारणों से राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए पैसे की सख्त जरूरत थी लेकिन पुराने समाज के अवशेषों में से एक टैक्स प्रणाली को पूरी तरह से खत्म करने का निर्णय लिया गया.
टैक्स प्रणाली के पूरी तरह से खत्म होने के साथ, राज्य और समाज के मालिक के रूप में उत्तर कोरिया की जनता के क्रांतिकारी दृढ़ संकल्प और आत्म-जागरूकता में वृद्धि हुई , और एक समृद्ध और शक्तिशाली निर्माण के लिए जनता के संघर्ष में और अधिक सकारात्मक परिवर्तन हुआ।
उत्तर कोरिया की जनता केवल टैक्स के बोझ से ही मुक्त नहीं है वहाँ सभी को मुफ्त आवास, पढ़ाई, दवाई उपलब्ध है.
《सारी चीजें जनता के लिए, सारी चीजें जन आधारित!》वर्कर्स पार्टी का यह नारा स्पष्ट रूप से पार्टी और राज्य के जनहितैषी रूप को दर्शाता है, और उसे धरातल पर भी लागू करता है.
उत्तर कोरिया का यही सब सच मानवता का दुश्मन पूंजीवाद और उसका विस्तारित रुप साम्राज्यवाद और उसका चाकर लिबरल और वामपंथ का अवसरवादी खेमा सामने कभी नहीं आने देता है, और उनका उत्तर कोरिया को धरती का नरक वाला दुष्प्रचार हर पल जारी है.
P.S. लोगों के मन में सवाल कौंध सकता है कि किसी प्रकार के टैक्स के बिना उत्तर कोरिया की सरकार के पास पैसा कहाँ से आता है. उत्तर कोरिया की सरकार के पास पैसा राजकीय उद्यमों की आय से आता है.
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