कैसा देश है जनवादी कोरिया?

 1 अक्टूबर 2017 का लेख

उत्तर कोरिया  और उसकी सरकार एक बार फिर से सुर्खियों में है. यह बताने की जरुरत नहीं कि उत्तर कोरिया  किस वजह से सुर्खियों में रहता है. उत्तर कोरिया के बारे में  सिर्फ यही कहा जा सकता है कि एक देश को बदनाम करने के लिए जितने हथकंडे अपनाये जा सकते हैं वो अपनाये गए हैं और इस वजह से शायद दुनिया में बहुत सारे लोगों के मन में उत्तर कोरिया खासकर उसकी सरकार के बारे में बहुत ही नकारात्मक छवि बनी हुई है, उत्तर कोरिया की यात्रा  कर चुके अमेरिका समेत कई देशों के पर्यटक या  पत्रकार,  वहां काम कर रहे संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी या  अन्य के संस्मरणों को देखें तो पता चलता है कि सच्चाई कुछ और ही है. उत्तर कोरिया को क्यों बदनाम किया जाता है या उसे बदनाम करने का एक उद्योग क्यों खड़ा किया गया है इसकी चर्चा इस लेख में करना विषयांतर हो जाएगा. इस लेख में हम संक्षेप में  उत्तर कोरिया की उन उपलब्धियों की चर्चा करेंगे जो अंत्यंत ही कठिन और विपरीत परिस्थितियों में वहां की सरकार के नेतृत्व में हासिल की गई हैं और उसकी चर्चा कॉर्पोरेट्स की गोदी में खेलने वाले तथाकथित मुख्यधारा की मीडिया द्वारा जान बूझ कर नहीं की जाती है. सनद रहे कि उत्तर कोरिया विश्व के गिने चुने समाजवादी व्यवस्था वाला देश है. 

सबको शिक्षा सबको काम

उत्तर कोरिया में  सबके लिए अनिवार्य और मुफ्त और सार्वभौमिक शिक्षा व्यवस्था लागू है. 12 वर्षों  तक अनिवार्य रूप से  शिक्षा दी जाती है . उसके बाद अगर कोई चाहे तो  कॉलेज या विश्वविद्यालय  में बिलकुल मुफ्त में अपनी पसंद का विषय पढ़ सकता है .  उत्तर कोरिया में एक तिहाई से ज्यादा लोग विश्वविद्यालय डिग्रीधारी हैं. उसमें से 10 में से 7 लोग विज्ञानं, स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग आदि विषयों के डिग्रीधारक हैं. इसके अलावा उत्तर कोरिया के हरेक स्कूल में स्विमिंग पूल होते हैं उत्तर कोरिया में शिक्षक बच्चों की हरेक अभिरुचि से वाफिक होते हैं और बच्चे क्या बनना चाहते हैं शिक्षकों को बच्चों के माता पिता से ज्यादा मालूम होता है. उदाहरण के लिए अगर बच्चों की संगीत में रूचि है ,और अगर उन्हें कोई वाद्य यन्त्र  चाहिए तो स्कूल की तरफ से उन्हें बिलकुल मुफ्त में वाद्य यन्त्र दिया जाता है जिसे वे अपनी पढाई पूरी करने तक अपना समझ कर इस्तेमाल कर सकते हैं. बड़े शहर से दूर स्थित कारखानों के परिसर में भी स्कूल बने हुए हैं  ताकि मजदूरों के बच्चों को भी बड़े शहर के बच्चों की तरह एक समान निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके. हाल में उत्तर कोरिया की सरकार द्वारा देश में कई शैक्षिक संस्थाओं का नवीकरण या नवनिर्माण कराया गया है.  

उत्तर कोरिया के सभी नागरिकों को काम का अधिकार प्राप्त है . सभी सक्षम व्यक्ति अपनी योग्यता के हिसाब से अपने लायक काम का चुनाव कर सकते हैं. लोग अपनी क्षमता के हिसाब से काम कर वेतन पाते हैं. उत्तर कोरिया में बेरोजगारी नाम की कोई चीज नहीं है .  


सबको रोटी, दवाई और मकान

उत्तर कोरिया में सभी लोगों को मासिक राशन के लिए मुफ्त में कूपन दिए जाते हैं, जिससे वे आवश्यक खाद्य वस्तुएं प्राप्त कर सकते हैं या अंत्यत सस्ती दर पर खरीद सकते हैं. यहाँ यह बताना जरुरी है की उत्तर कोरिया  ने सोवियत संघ के पतन के बाद 90 के दशक में अंत्यंत ही गंभीर खाद्यान संकट का सामना किया था , जिसके चलते लोग आज भी उत्तर कोरिया को भुखमरी वाला देश समझते हैं. इसके बाद उत्तर कोरिया की सरकार के नेतृत्व में कृषि उत्पादन में सुधार और खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता लाने के प्रयास शुरू हुए. सनद रहे उत्तर कोरिया की कुल भूमि का 15% ही कृषि योग्य है शेष 85% भूभाग पहाड़ी है और उत्तर कोरिया की जलवायु भी खेती योग्य नहीं है. उत्तर कोरिया की सरकार के प्रयत्नों से 2000  के दशक के मध्य से उत्तर कोरिया में खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि होने लगी और उसने 2012 से कुल  खाद्यान्न उत्पादन में  तथाकथित सुविधासंपन्न पड़ोसी दक्षिण कोरिया को पीछे  छोड़ दिया या उसकी बराबरी कर ली. उत्तर कोरिया की  खाद्यान्न मे आत्मनिर्भरता की दर अब 92.8%  है(2014 तक के आंकड़ों के अनुसार) . इतना ही नहीं उत्तर कोरिया की वर्तमान सरकार ने विश्वस्तरीय डेयरी तकनीक प्रशिक्षण के लिए भी इंजीनियरों को यूरोप भेजा कि लोगों को विश्वस्तरीय डेयरी उत्पाद मिल सके.  इसके अलावा उन्नत किस्म की सब्जियों के बीज को विदेशो से लाकर उसे उत्तर कोरिया के स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप विकसित किया गया और बड़े पैमाने पर इन बीजों का वितरण ग्रामीण क्षेत्रों में किया गया परिणामस्वरूप आज उत्तर कोरिया में सब्जियों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता है.  सब्जियों के अलावा मांस-मछली की आपूर्ति में भी बढ़ोतरी हो रही है. पिछले साल यानि 2016 में उत्तर कोरिया के खाद्यान उत्पादन में 7% की वृद्धि दर्ज की गई. 

उत्तर कोरिया की स्थापना के बाद से ही वहां के सभी नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध है. उत्तर कोरिया का स्वास्थ्य क्षेत्र एक दशक से भी अधिक समय से देश पर लगाये गए कड़े प्रतिबंधों के कारण आवश्यक दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों के मामले में जरुर प्रभावित हुआ है लेकिन पिछले एक साल में उत्तर कोरिया की सरकार द्वारा राजधानी प्योंगयांग में  अत्याधुनिक सुविधाओं वाले कई नए अस्पताल खोले गए हैं. एक अमेरिकी पत्रकार ने उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग  के ऐसे अस्पतालों का दौरा किया  उसमें से एक बच्चों के लिए बना एक अस्पताल  था जिसे पूरी तरह से बच्चों की जरूरतों के हिसाब से डिजाईन किया गया है .  इस अस्पताल में बच्चों की देखभाल प्रशिक्षित डाक्टरों और नर्सों द्वारा अत्याधुनिक उपकरणों द्वारा की जाती है.देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे अस्पताल है, जहाँ डॉक्टर एक दूसरे से स्काइप द्वारा राजधानी प्योंगयांग स्थित मुख्य अस्पताल से सलाह मशवरा करते हैं अगर क्षेत्रीय अस्पताल जटिल मामलों को नहीं सुलझा पाता तो मरीजों को हेलीकॉप्टर से प्योंगयांग के मुख्य अस्पताल भेज दिया जाता हैं अस्पताल के ठीक बाहर हेलिपैड भी है.  सारा इलाज और देखभाल बिलकुल मुफ्त है और उत्तर कोरिया के सभी बच्चों तक ऐसी सुविधाओं की पहुँच है. उसी पत्रकार ने प्योंगयांग के एक आंख अस्पताल का भी दौरा किया,  और  उसके अनुसार यह अस्पताल भी अत्याधुनिक उपकरणों से सुस्सजित है . उसने अपने कांटेक्ट लेंस की भी जाँच कराई और जाँच का नतीजा उसके न्यूयार्क के चोटी के आँखों के डॉक्टर के बराबर ही निकला . इसके अलावा पूरे उत्तर कोरिया में स्वास्थ्यकर्मी अपने इलाके के हर घर में जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जाँच करते हैं और उन्हें बीमारियों की रोकथाम के बारे में बताते हैं. इसके अलावा उत्तर कोरिया की सरकार डॉक्टर और उसके परिवारों का खर्च खुद उठाती है , जिससे की वो बिना किसी परेशानी के अपने काम पर ध्यान दे सकें और मरीजों का सर्वोत्तम इलाज हो सके. 

उत्तर कोरिया की सरकार ने अपने सभी नागरिकों को आजीवन मुफ्त आवास का अधिकार दे रखा है. उत्तर कोरिया में आपको कोई बेघर नहीं मिलेगा .वहां की सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों को उसके परिवार के आकार के हिसाब से आवास मुहैया कराए.मसलन जब वहां कोई शादी करता है और उसके बाद केवल पति पत्नी को ही रहना है तो सरकार द्वारा थोड़ा छोटा घर और अगर माँ  बाप को भी साथ में रखना है तो बड़ा घर दिया जाता है. उत्तर कोरिया में लोगों के इस आवास के अधिकार के तहत देश के सबसे  बुरे दिनों में भी यानि  90 के दशक में सोवियत संघ के पतन और उत्तर कोरिया में भयंकर बाढ़ और अकाल के दौर में भी उत्तर कोरिया के किसी भी नागरिक का घर नहीं छिना , उनका जीवनपर्यन्त आवास का अधिकार बरकरार रहा. यही नहीं पिछले साल 2016 में टाइफून लायनरॉक से देश के उत्तरपूर्वी भाग में आयी भयानक बाढ़ से मकानों को काफी क्षति पहुंची  तो उत्तर कोरिया की सरकार ने राजधानी प्योंगयांग में  कई इमारतों के निर्माण को तुरंत स्थगित कर कामगारों को बाढ़ग्रस्त इलाकों में भेज कर बाढ़ पीड़ितों के लिए नए घर शीतऋतु के शुरू होने से पहले ही  बनाने के आदेश दिए और यह काम  युद्धस्तर पर  किया गया. उत्तर कोरिया में काम कर रहे अन्तर्राट्रीय संगठनों  ने भी इस बात की पुष्टि की है  की उस समय उत्तर कोरियाई अधिकारियों की पहली प्राथमिकता नए मकानों के निर्माण की थी. इतना ही नहीं उत्तर कोरिया की सरकार के द्वारा पुराने मकानों की मरम्मत और  नए अपार्टमेंट बनवाकर लोगों को मुफ्त में आवंटित किये जा रहे है. और यह केवल राजधानी प्योंगयांग तक ही सीमित नहीं है बल्कि उत्तर कोरिया के अन्य शहरों और गांवों में भी ऐसा हो रहा है. ऐसा कहा जाता है कि उत्तर कोरिया में सारी निर्माण गतिविधि राजधानी प्योंगयांग तक ही है और बाकी जगहों को उपेक्षित किया जाता है , लेकिन उत्तर कोरिया की यात्रा पर गए विदेशी पर्यटकों और पत्रकारों ने इस बात की तस्दीक की है कि उत्तर कोरिया के अन्य शहरों और गांवों में भी निर्माण कार्य हुआ है या जोरों पर है.

इसके अलावा उत्तर कोरिया की सरकार ने शुरू से ही विज्ञान पर भी बहुत ध्यान दिया है. राजधानी प्योंगयांग में हाल में विशाल विज्ञानं और तकनीकी केंद्र खुले हैं. यह भी कहा गया कि हालात सामान्य रहे  तो प्योंगयांग  अपनी उच्च शिक्षित मानवशक्ति  और उत्तर कोरियाई सरकार के विज्ञानं और तकनीक के प्रोत्साहन की नीति और विज्ञानं और तकनीकी अनुसन्धान केंद्रों की स्थापना के चलते आने वाले 15 से 20 साल में दूसरा सिंगापुर बन सकता है. उत्तर कोरिया ने हरित टेक्नोलॉजी, स्वच्छ ऊर्जा, अंतरिक्ष और रक्षा विज्ञान , राकेट विज्ञान , धातु विज्ञान, वास्तुकला और इलेक्ट्रॉनिक्स में उल्लेखनीय तरक्की की है .  इसके अलावा उत्तर कोरिया ने 2006 से हलके इंजीनियरिंग और खाद्य प्रसंस्करण(Food Processing) उद्योग में भारी निवेश करना शुरू किया इसके फलस्वरूप अब उत्तर कोरिया में ही बनी कई उपभोक्ता सामग्री जिनका  आयात पहले चीन से किया जाता था की भरमार है और उनकी गुणवत्ता भी विश्वस्तरीय है. इसके अलावा उत्तर कोरिया की सरकार ने आईटी उद्योग के विकास पर भी ध्यान दिया है , इसके चलते उत्तर कोरिया का अपना ऑनलाइन प्लेटफार्म जैसी चीजें विकसित हुई हैं. सुरक्षा कारणों से  अभी उत्तर कोरिया में इन्टरनेट की इजाजत नहीं है पर वहां इंट्रानेट के माध्यम से लोगों को सूचना तकनीक का फायदा मिल रहा है . इसके अलावा उत्तर कोरिया ने भी चीन की तर्ज पर अपना सोशल मीडिया वेबसाइट और मेंसेंजर बना लिया है. 

निष्कर्ष के तौर पर यह कहा जा सकता है कि उत्तर कोरिया की सरकार की यह उपलब्धियाँ अंत्यत ही शानदार और तारीफ के काबिल है  खासकर जब उत्तर कोरिया पर दुनिया में सबसे कड़े प्रतिबंध लागू हैं , जो विश्व के सबसे ज्यादा ताकतवर मुल्क अमेरिका  के साथ तकनीकी तौर पर युद्धरत  है ,अमेरिका द्वारा खुलेआम उसे मिटाने की धमकी दी जा रही है और  उसकी सीमा पर अमेरिका  और दक्षिण कोरिया  का हर साल अत्याधुनिक हथियारों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास होता है. और एक बात अगर ऐसे प्रतिबंध खुद प्रतिबंध  लगाने वाले देशों पर ही लगा दिए जाएं तो उन देशों की कमर बुरी तरह से टूट जाएगी लेकिन उत्तर कोरिया मजबूती से खड़ा है और तमाम प्रतिबंधों और युद्ध की धमकियों के बावजूद वहां के नागरिकों का दैनिक जीवन बिलकुल सामान्य है. यहाँ तक कि हालिया प्रतिबंधों और युद्ध की धमकियों के बावजूद भी.  उत्तर कोरिया की सरकार अपनी जनता  की (सनद रहे कि किम जोंग उन उत्तर कोरिया का कोई राजा  या तानाशाह नहीं बल्कि  वहां की निर्वाचित सरकार का निर्वाचित मुखिया है) हमेशा से ही निःस्वार्थ भाव से सेवा करती आई है और ढाई करोड़ उत्तर कोरियाई जनता  भी अपनी सरकार का पूर्ण समर्थन करती है. 




संदर्भ सूची(अंग्रेजी और कोरियाई)

The Social and Economic Achievements of North Korea https://www.globalresearch.ca/the-social-and-economic-achievements-of-north-korea/5594234


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3. North Korea capital will be like S’pore in 15 to 20 years’ time: Prince Alfred of Liechtenstein  

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  4. North Korea’s flood recovery: Tracking construction and rehousing

  https://www.nknews.org/pro/north-koreas-flood-recovery-tracking-construction-and-rehousing/


  5. Eyewitness North Korea: An American's Journey to the DPRK before the Travel Ban

   http://www.hamptoninstitution.org/eyewitness-north-korea.html#.WdeVi4-Czoz


  6. . A General, a ‘Nap’ and an Execution: How the Media Report on North Korea

http://www.huffingtonpost.co.uk/fragkiska-megaloudi/north-korea_b_7288988.html

7. GALLERY: As international tensions mount, life goes on for N. Koreans https://english.kyodonews.net/news/2017/09/6858aaf22199-focus-as-international-tensions-mount-life-goes-on-for-n-koreans.html 



8. 한국을 추월한 북한 식량 생산량  http://nktoday.kr/?p=2430


9.제재에도 불구하고 북한의 경제는 꾸준히 성장했다 http://www.huffingtonpost.kr/2017/02/05/story_n_14626460.html?1486269795


10. 평양시민' 김련희 "남한은 북한을 잘 모른다" http://www.ohmynews.com/NWS_Web/View/at_pg.aspx?CNTN_CD=A0002187489


11. 지금 북한’의 모습은?  http://www.ukoreanews.com/news/articleView.html?idxno=5272


12. 평양방문 미국인들, 3일만에 '돌아가고 싶지 않다' http://m.jajusibo.com/35213


13.  개성 공단 사람들  김진향 (기획 총괄) , 강승환 (취재), 이용구 (취재), 김세라 (취재) 지음 | 내일을여는책


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