जनवादी कोरिया के चुनाव का दृश्य

 विगत 26 नवंबर 2023 को जनवादी कोरिया में राजधानी फ्यंगयांग समेत सभी प्रातींय जन समितियों शहरों और जिलों की जन समितियों यानि पीपुल्स कमिटी के लिए मतदान हुआ. हमारे संदर्भ में कहें तो देश की सभी विधानसभाओं और स्थानीय निकायों यानि नगर निगमों, नगरपालिकाओं और जिला परिषदों के प्रतिनिधियों के लिए मतदान हुआ.


देश भर में लोग जनता की शक्ति को और मजबूत करने और चुनावों के माध्यम से लोकप्रिय जनता पर केंद्रित कोरियाई शैली के समाजवाद के फायदों को एक बार फिर प्रदर्शित करने के लिए एक मन से मतदान केंद्रों पर एकत्र हुए. 

चुनावों में क्रांतिकारी अग्रदूतों ने भाग लिया, जिन्होंने कोरिया की मुक्ति के पहले दिन से दशकों तक जनवादी कोरिया की सरकार में असीम विश्वास रखते हुए, देशभक्ति की राह तय की. इस चुनाव में युवा पीढ़ी समेत विभिन्न क्षेत्रों के अन्य लोगों ने भाग लिया.


शुद्ध विवेक और दायित्व के साथ जनवादी कोरिया की सरकार को बनाए रखने की लोगों की इच्छा पूरी तरह से प्रदर्शित हुई और देश भर के सभी लोगों ने चुनावों में अपने देशभक्तिपूर्ण उत्साह को व्यक्त किया. 

देश भर के खेत मजदूरों ने भी, जनता के प्रतिनिधियों के रूप में निर्वाचित होकर, पिछली पीढ़ी के देशभक्त किसानों की भावना को दृढ़ता से विरासत में प्राप्त करके अपने देशभक्तिपूर्ण जुनून को खेतों में समर्पित करने की इच्छा व्यक्त की.

लोगों के विश्वास और अपेक्षा को ध्यान में रखते हुए, सारे उम्मीदवार दुनिया की सबसे लाभप्रद समाजवादी व्यवस्था को और अधिक गौरवान्वित करने की तीव्र इच्छा और उत्साह से भरे हुए थे.

यह चुनाव जनवादी कोरिया की क्रांतिकारी शक्ति को और मजबूत करने और समृद्धि हासिल और सभी लोगों के उच्च उत्साह को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था. इस अवसर पर सभी लोगों का राजनीतिक उत्साह चरम पर था और हो भी क्यों नहीं जब रोजमर्रा की हर छोटी बड़ी चीज से लेकर लोगों की नियति भी राजनीति ही तय करती हो और जनवादी कोरिया जैसे समाजवादी देश में सारी शक्ति जनता में ही निहित हो और जनता ही देश की सभी चीजों की मालिक हो.

जनवादी कोरिया में हर चुनाव जनता को सच्चे अर्थों में अपनी संप्रभुता प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है और वे इस बात का जश्न मनाते हैं. दुनिया में कितने ऐसे मुल्क होंगे जो मतदान केंद्रों के बाहर इस तरह नाचते गाते उत्सव मनाते हुए वोट डालने जाते हों और हर बार वोट प्रतिशत भी 99 प्रतिशत से उपर रहता हो. इस चुनाव में 99.63℅ लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया ( जनवादी कोरिया में वोट डालने की न्यूनतम आयु 17 साल है). केवल विदेश यात्रा और महासागर में काम करने वाले लोग मतदान में हिस्सा नहीं ले सके. शारीरिक रूप से अक्षम और बीमार लोगों के लिए चलते मतदान केंद्र की व्यवस्था की गई थी. जनवादी कोरिया के स्टेट अफेयर्स कमीशन के चेयरमैन काॅमरेड किम जंग उन ने भी अपना वोट डाला.



सनद रहे कि जनवादी कोरिया में अनिवार्य मतदान व्यवस्था नहीं है जैसे कि कुछ लिबरल डेमोक्रेसी वाले देशों में है और वहाँ वोट नहीं डालने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान भी है पर जनवादी कोरिया में वोट नहीं डालने पर किसी भी तरह का जुर्माना और सजा नहीं है. इसलिए वहाँ के चुनावों में लोगों की भागीदारी स्वत: स्फूर्त है. इसके अलावा जनवादी कोरिया में मतदान केंद्रों पर हथियारबंद पुलिस या सेना का एक भी जवान नहीं दिखेगा/दिखेगी.

जनवादी कोरिया में जनता अपने बीच से ही सबसे कर्मठ और विश्वासी व्यक्ति को अपना उम्मीदवार तय करती है और अपने ही द्वारा चुनी गई 100 सदस्यीय स्थानीय चुनाव समिति द्वारा उसकी सार्वजनिक तौर पर जांच कराने के बाद उसकी उम्मीदवारी पर मुहर लगती है. वहाँ तथाकथित "लिबरल डेमोक्रेसी" की तरह सबसे ज्यादा चंदा वसूलने, धनपशुओं के प्रति असीम वफादारी,भ्रष्ट, बाहुबली, दंगाई और तड़ीपार जैसे लोग उम्मीदवार बनना तो दूर वहाँ पाए ही नहीं जाते हैं. जनवादी कोरिया में सारे उम्मीदवारों की कड़ी स्क्रूटनी के बाद एक ही उम्मीदवार तय होता है और उसी के समर्थन या विरोध में वोट डाले जाते हैं. जहाँ समर्थन और विरोध का प्रतिशत बराबर रहता है वहाँ दुबारा चुनाव कराए जाते हैं. अगर निर्वाचित होने पर भी किसी जनप्रतिनिधि ने जनता के लिए काम नहीं किया तो जनता को ऐसे प्रतिनिधि को वापस बुलाने का सांविधानिक अधिकार भी है. चाहे वह वहाँ का सुप्रीम लीडर ही क्यों न हो.


इस चुनाव में प्रांतीय विधानसभाओं के लिए चुनाव में 99.91℅ वोट समर्थन में और 0.09℅ वोट विरोध में डाले गए वहीं नगर निगमों, नगरपालिकाओं और जिला परिषदों के चुनावों के लिए 99.87℅ वोट समर्थन में और 0.13℅ वोट विरोध में डाले गए. कुल 27,858 व्यक्ति 4 साल के लिए चुने गए. चुने गए प्रतिनिधियों में सारे मजदूर, किसान और मेहनतकश जनता के बुद्धिजीवी थे. 

जनवादी कोरिया में चुनाव संपन्न होते ही तथाकथित मुख्यधारा का मीडिया वहाँ की चुनाव प्रणाली की निंदा करने में जुट गया. फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) में क्रिश्चियन डेविस ने "उत्तर कोरिया के चुनावों की उलटी दुनिया" शीर्षक से एक लेख लिखा था. इस लेख में केवल कुख्यात सीआईए और दक्षिण कोरियाई कठपुतली प्रायोजित स्रोतों, दक्षिण कोरिया के टुकड़ों पर पलने वाले आंद्रेई लैंकोव जैसे तथाकथित " कोरिया विशेषज्ञों" का हवाला दिया गया है. डेविस ने अपने इस लेख में जनवादी कोरिया के किसी भी आधिकारिक स्रोत का हवाला नहीं दिया है.


वास्तव में जनवादी कोरिया में चुनाव 'लोगों को नियंत्रित करने' के लिए नहीं हैं बल्कि लोग सिस्टम को नियंत्रित कर रहे हैं.


जनवादी कोरिया में पेशेवर राजनेताओं का एक भी वर्ग नहीं है जो कथित तौर पर लोगों का 'प्रतिनिधित्व' करके जीवन यापन करते हैं,और पूरे दिन 'ब्ला, ब्ला' करते हुए कुर्सी पर बैठने के लिए जनता के दिए गए टैक्स से एक बड़ा वेतन प्राप्त करते हैं.और धनपशुओं की दलाली करते हैं. जनवादी कोरिया में लिफ्ट ऑपरेटर, ट्रॉलीबस चालक और सड़क सफाई कर्मी जैसे सामान्य कर्मचारी जनता के प्रतिनिधि के रूप में चुने जाते हैं.


उम्मीदवारों का चयन जनता द्वारा चुने गए सामूहिक निर्वाचकों की बैठक के माध्यम से किया जाता है जो निर्णय लेते हैं कि अंतिम उम्मीदवार कौन होगा. इसके अलावा जनवादी में चुने गए प्रतिनिधियों के पास पश्चिमी देशों के राजनेताओं के विपरीत विशाल जनादेश है.


जनवादी कोरियामें चुनाव जनता की शक्ति और सर्वहारा शासन का प्रदर्शन है! 

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