कृषि यंत्रों का लहराता समुद्र
25 सितम्बर 2022 को जनवादी कोरिया के दक्षिणी ह्वांगहे प्रांत की राजधानी हेजू के मुख्य चौराहे पर कृषि यंत्रों का समुद्र लहराता सा दिखा. इन कृषि यंत्रों को वर्कर्स पार्टी की 8 वीं केंद्रीय समिति की पोलित ब्यूरो की 10 वीं बैठक के निर्णय के तहत देश का "अनाज का कटोरा" कहे जाने वाले दक्षिणी ह्वांगहे प्रांत की विभिन्न सहकारी फार्मों में बांटने के लिए लाया गया था और इसके लिए आयोजित एक समारोह में उन्नत किस्म के कुल 5500 कृषि यंत्र बांटे गए. जिसमें 1500 चलंत(mobile) धान थ्रसर मशीन, 2500 छोटे आकार वाली हार्वेस्टर (धान)मशीन, 500 मक्का थ्रसर मशीन और 1000 मशीनी हल का वितरण किया गया ताकि बर्फ गिरने से पहले ही फसल कटाई का काम तेजी से कुशलतापूर्वक पूरा किया जा सके.इन यंत्रों को जनवादी कोरिया के मजदूर वर्ग ने अपने किसान साथियों के लिए बड़ी लगन से बनाया है. इन मशीनों को सैनिकों के लिए हथियार बनाने वाले कारखानों में बनाया गया है. समारोह में आए लोगों जोश और उत्साह से भरे थे. समारोह स्थल पर "चावल से समाजवाद की रक्षा करो! (쌀로서 사회주의를 지키자! ) " समाजवाद जिंदाबाद! (사회주의 만세!)के नारे वाला बैनर जगह जगह दिखाई दे रहा था. इन कृषि यंत्रों के सहकारी फार्मों में पहुंचने के बाद फसल कटाई का काम तुरंत शुरू भी हो गया.एक सहकारी फार्म के मैनेजर के मुताबिक इन उन्नत कृषि यंत्रों के चलते निर्धारित योजना के पहले ही फसल कटाई का काम पूरा हो जाएगा.
इस वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा है कि दूर दूर तक खेतों में फसलें लहलहा रहीं हैं. पर जनवादी कोरिया की समाजवादी व्यवस्था की सफलता से एलर्जी की बीमारी से ग्रस्त दक्षिण कोरिया और पश्चिम का मीडिया हर साल की भांति इस साल भी कुछ दिनों के बाद यह खबर चलाने लगेगा कि जनवादी कोरिया में अकाल पड़ा है, फसलें नष्ट हो गई हैं और वहाँ भुखमरी वाले हालात हैं और इसके आधार पर जनवादी कोरिया की स्वतंत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और समाजवादी व्यवस्था की उपलब्धियों से बिल्कुल ही अनभिज्ञ वामपंथियों का एक तबका भी मानने लगेगा कि जनवादी कोरिया का समाजवाद विफल है और उसे साम्राज्यवादी शक्तियों से मदद लेने के लिए खुलेपन की नीति अपनानी चाहिए, जिसने सोवियत संघ और पूर्वी यूरोप में समाजवाद को ही ध्वस्त कर डाला.
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