मार्क्सवाद- लेनिनवाद और जूछे
कई कम्युनिस्ट या कम्युनिस्ट समर्थकों में यह भ्रांति बहुत बुरी तरह से फैली हुई है कि जनवादी कोरिया मार्क्सवाद- लेनिनवाद का पूरी तरह से परित्याग कर अपनी एक नई विचारधारा जूछे से संचालित होता है. इसके लिए वे तर्क देते हैं कि जनवादी कोरिया से मार्क्सवाद-लेनिनवाद के संदर्भ धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं . सबसे पहले मार्क्सवादी- लेनिनवादी संदर्भ 1980 में पार्टी चार्टर और 1992 में संविधान से हटे और 2012 में राजधानी फ्यंगयांग के किम इल संग स्क्वायर से मार्क्स और लेनिन के चित्रों को हटा दिया गया था. पर 1 जून 2024 को जनवादी कोरिया की वर्कर्स पार्टी के सेंट्रल कैडरों के लिए खुले नए पार्टी स्कूल की मुख्य इमारत पर मार्क्स और लेनिन के विशाल चित्र शान से मौजूद हैं. इसके अलावा, जनवादी कोरिया दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है जहां आप मार्क्सवाद-लेनिनवाद और द्वंद्वात्मक भौतिकवाद की विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर सकते हैं. स्कूल की किताबों में भी मार्क्स, एंगेल्स और लेनिन के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है. सच यही है कि जनवादी कोरिया ने वास्तव में मार्क्सवाद- लेनिनवाद के क्रांतिकारी सिद्धांतों सर्वहारा