जूछे विचार पर

 

आज यानि 31 मार्च 2025 को कॉमरेड किम जंग इल द्वारा ऐतिहासिक और शास्त्रीय ग्रंथ " जूछे विचार पर (ON THE JUCHE IDEA) " के प्रकाशन के 43 साल पूरे हुए.


महान नेता कॉमरेड किम जंग इल के इस कार्य ने जनवादी कोरिया के  महान नेता कॉमरेड किम इल संग द्वारा रचित जूछे विचार को पूरी तरह से व्यवस्थित किया और एक नए उच्च स्तर पर ले गया. काॅमरेड किम इल संग ने कई वर्षों में जूछे विचार को विकसित किया था, इस विकास में महत्वपूर्ण मील के पत्थर "कोरियाई क्रांति का मार्ग", "हठधर्मिता और औपचारिकता को खत्म करने और वैचारिक कार्य में जूछे की स्थापना" और "हमारी पार्टी के जूछे विचार और गणराज्य की सरकार की आंतरिक और बाहरी नीतियों की कुछ समस्याओं पर" कार्य थे.

काॅमरेड किम जंग इल ने अपनी इस रचना"जूछे विचार पर" में जूछे विचार को उसकी संपूर्णता में देखा. इस काम में उन्होंने दर्शन और इतिहास लेखन में जूछे विचार के अनुप्रयोग के साथ-साथ व्यावहारिक क्षेत्रों में जुचे आइडिया के अनुप्रयोग की जांच की. इस काम में दर्शन के इतिहास में पहली बार  कॉमरेड किम जंग इल ने मनुष्य की प्रकृति और सार को परिभाषित किया. उन्होंने कहा कि मनुष्य एक प्राणी है, जिसमें स्वतंत्रता, रचनात्मकता और चेतना है.ये तीन कारक एक अभिन्न संपूर्णता बनाते हैं. उन्होंने सिखाया कि जूछे साबित करता है कि मनुष्य दुनिया का मालिक है, उन्होंने कहा "जूछे विचार दुनिया को एक नया दृष्टिकोण और रवैया दिखाता है, जो दुनिया के मालिक के रूप में मनुष्य की स्थिति और भूमिका पर आधारित है".

जूछे विचार द्वारा दुनिया के प्रति दिखाया गया दृष्टिकोण और रवैया वे हैं जिनके द्वारा दुनिया के स्वामी, मनुष्य पर ध्यान केंद्रित करके दुनिया से संपर्क किया जाता है.

दुनिया के प्रति मनुष्य-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने का अर्थ है दुनिया के स्वामी, मनुष्य के हितों के दृष्टिकोण से दुनिया से संपर्क करना."

यह कार्य  कॉमरेड किम जंग इल की सच्ची दार्शनिक प्रतिभा को प्रदर्शित करता है.

"जूछे विचार पर" नामक कृति ने जूछे विचार की श्रेष्ठता को शानदार ढंग से प्रस्तुत किया. इसने दिखाया कि इसने नियतिवाद और भौतिक तथा आर्थिक कारकों पर अत्यधिक जोर देने जैसे पूर्ववर्ती सिद्धांतों की सीमाओं को पार कर लिया है. साथ ही इसने संशोधनवादी और अवसरवादी सिद्धांतों को भी कुचल दिया जो क्रांति को त्यागने का उपदेश देते थे और समाजवाद के निर्माण को कमजोर (और अंततः निराश) करते थे.

"जूछे विचार पर" नामक कृति सभी क्षेत्रों में सम्पूर्ण मानव मुक्ति के लिए एक शानदार घोषणापत्र के रूप में चमकती है.यह समाजवाद का निर्माण करने वालों के लिए सही उत्तर देती है, साम्राज्यवादी उत्पीड़न पर काबू पाने वालों के लिए सही उत्तर देती है, नए स्वतंत्र समाजों का निर्माण करती है, साम्राज्यवाद के खिलाफ स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वालों के लिए सही उत्तर देती है और पूंजीवादी उत्पीड़न और शोषण के खिलाफ लड़ने वालों के लिए सही उत्तर देती है.
   प्रसंगवश लिबरलों और यहाँ तक कि वामपंथी हलकों में भी जूछे की एक बहुत ही भद्दी, विकृत व्याख्या की जाती है. यह कहा जाता है कि  ' जूछे उत्तर कोरिया की सत्तारूढ़ विचारधारा है जो मार्क्सवाद और एकाकी राष्ट्रवाद के चरम रूप को मिलाती है'. यह मूल रूप से जुचे विचार का मिथ्याकरण है.
  
एकाकी राष्ट्रवाद यानि एकला चलो  राष्ट्रवाद' ??? जूछे के विचार में या काॅमरेड किम इल संग, काॅमरेड किम जंग इल और काॅमरेड किम जंग उन या जनवादी कोरिया के किसी भी नीतिगत दस्तावेज़ में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि 'हमें अकेले चलना चाहिए!'

जूछे बेशक स्वतंत्रता पर जोर देता है, जूछे मानता है कि स्वतंत्रता मनुष्य का जीवन और आत्मा है लेकिन यह कहने जैसा नहीं है कि किसी देश को 'अकेले चलना चाहिए'. जूछे का मतलब है कि एक देश को पूरी तरह से स्वतंत्र होना चाहिए, राजनीतिक रूप से स्वतंत्र होना चाहिए और दूसरों की अधीनता और दूसरों पर निर्भरता को अस्वीकार करना चाहिए. इसका मतलब यह नहीं है कि दूसरों के साथ सहयोग को अस्वीकार कर दिया जाता है या जूछे के विचार का मतलब अंतर्राष्ट्रीयता से मुंह मोड़ना है, यह बिल्कुल भी सही नहीं है. जूछे के विचार से प्रेरित होकर, जनवादी कोरिया हमेशा अंतर्राष्ट्रीयवादी रहा है, इसने वियतनाम, क्यूबा, ​​अंगोला और अन्य जैसे कई देशों में क्रांतिकारी और साम्राज्यवाद-विरोधी संघर्षों का समर्थन किया है.
                                                       
जूछे का अर्थ दूसरों के अन्यायपूर्ण हस्तक्षेप और प्रभुत्व को अस्वीकार करना है. अतीत में जूछे के मार्गदर्शन में जनवादी कोरिया ने एक स्वतंत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के निर्माण का रास्ता अपनाया था, जब सोवियत संघ जैसी बड़ी शक्तियों के अंधभक्तों और संशोधनवादियों ने जनवादी कोरिया की अर्थव्यवस्था को अपने अधीन करने की कोशिश की थी. आज जनवादी कोरिया ने अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए परमाणु हथियार और आईसीबीएम विकसित किए हैं. अब अमेरिकी साम्राज्यवादी, जापानी साम्राज्यवादी और दक्षिण कोरियाई कठपुतली फासीवादी प्रतिक्रियावादी जनवादी कोरिया के परमाणु हथियार और आईसीबीएमएस विकसित करने का विरोध कर रहे हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका और जापान जनवादी कोरिया की समाजवादी व्यवस्था को नष्ट करना चाहते हैं और कोरिया के उत्तरी भाग को एक उपनिवेश बनाना चाहते हैं. अमेरिकी साम्राज्यवादियों के साथ हाथ मिलाने वाले बड़ी शक्तियों के अंधभक्त, बिकाऊ  और विश्वासघाती हैं जिन्होंने अपने ही देशों में समाजवाद को खत्म कर दिया है . जनवादी कोरिया'अकेले नहीं चल रहा है' बल्कि उसे दुनिया के क्रांतिकारी लोगों का समर्थन प्राप्त है. कई देशों की कम्युनिस्ट और वर्कर्स पार्टियाँ, जूछे विचार और सनगुन विचार अध्ययन समूह, 17,000 सदस्यों वाला विश्वव्यापी कोरियाई मैत्री संघ और अन्य  एकजुटता संगठन जनवादी कोरिया के साथ चल रहे हैं. यह वास्तव में अमेरिकी साम्राज्यवादी हैं जो प्रतिबंध लगाकर और अन्य देशों को जनवादी कोरिया के साथ राजनयिक संबंध तोड़ने के लिए मजबूर करके जनवादी कोरिया को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं.

  संक्षेप में जूछे विचार यह विचार है कि लोग क्रांति और निर्माण के स्वामी हैं. यह निर्धारित करता है कि मनुष्य अपने भाग्य के स्वामी हैं और इसे गढ़ने की शक्ति रखते हैं। इसलिए, जूछे मनुष्यों के भाग्य के बारे में सभी प्रकार के अंधविश्वासी और भाग्यवादी धारणाओं को खारिज करता है कि या तो यह पूर्व निर्धारित है या समय और स्थान के बाहर मौजूद एक अदृश्य रहस्यमय देवता द्वारा नियंत्रित है.
  
  इस प्रकार जूछे स्वतंत्रता का एक महान दर्शन है. जूछे  में मजदूर वर्ग के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों कर्तव्यों का समावेश है, यह 'अकेले चलने वाला राष्ट्रवाद' नहीं है.दुनिया में 1000 से अधिक जूछे विचार अध्ययन समूह मौजूद हैं.

आज जनवादी कोरिया की जनता काॅमरेड किम जंग उन के नेतृत्व में जूछे विचार और आत्मनिर्भरता के बैनर तले अंतिम विजय की ओर बढ़ रही है. जूछे आधारित आत्मनिर्भरता की नीति साम्राज्यवादी शत्रुतापूर्ण ताकतों के प्रतिबंधों को ध्वस्त कर दिया है.

  इसमें कोई संदेह नहीं है कि '"जूछे विचार पर "' का प्रकाशन दर्शन के इतिहास में एक मील का पत्थर है.

यह एक ऐसी रचना है जिसका अध्ययन सभी प्रगतिवादियों, साम्राज्यवाद-विरोधी, पूंजीवाद-विरोधी, समाजवादियों और कम्युनिस्टों के साथ-साथ दर्शन के गंभीर छात्रों को करना चाहिए.

जैसा कि जुचे विचार के अंतर्राष्ट्रीय संस्थान के महानिदेशक स्वर्गीय डॉ विश्वनाथ ने कहा था.


"जूछे विचार का अध्ययन करें, इसमें कुछ भी खर्च नहीं होता है, लेकिन बहुत लाभ होता है."

जूछे विचार पर (ON THE JUCHE IDEA) यहाँ से पढ़ा जा सकता है 

https://www.marxists.org/archive/kim-jong-il/works/On-The-Juche-Idea.pdf


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