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दिसंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का भव्य पुनर्निर्माण

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 विगत 21 दिसंबर 2024 को, जनवादी कोरिया के उत्तरी फ्यंगआन प्रांत के बाढ़ क्षतिग्रस्त क्षेत्र में नए बने आवासीय इलाके के उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया . इसका उद्घाटन जनवादी कोरिया की राज्य मामलों के अध्यक्ष काॅमरेड किम जंग उन ने किया. इस साल अगस्त में ही देश के उत्तरी फ्यंगआन प्रांत, छागांग प्रांत और रयांगगांग प्रांत में विनाशकारी बाढ़ आई थी. लोगों के घर पूरी तरह से नष्ट हो गए थे. जनवादी कोरिया की वर्कर्स पार्टी के निर्देशानुसार इस नुकसान की भरपाई के लिए पूरे देश से वर्कर्स पार्टी के सदस्य, सेना और पेकतू माउंटेन हीरो यूथ शॉक ब्रिगेड गए थे. और इन सबों ने महज 130 दिनों में ही एक नया तटबंध हजारों घरों, डेकेयर सेंटरों और किंडरगार्टन, स्कूलों, अस्पतालों और क्लीनिकों का निर्माण कर डाला.   काॅमरेड किम जंग उन ने उद्घाटन समारोह में अपने भाषण में यह कहा कि आज का उद्घाटन समारोह हमारी जनता के लिए है जो हमारे देश की नींव और सब कुछ हैं. साथ ही यह हमारे समाजवादी उद्देश्य को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है, हमारे समाजवाद में सभी कठिनाइयों को पार करने और गर्व से आगे बढ़ने क...

दक्षिण कोरिया का असली मालिक कौन? अमेरिका या जनता?

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अमेरिकी कठपुतली दक्षिण कोरिया में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच 14 दिसंबर, 2024 को शाम 5 बजे, 300 सदस्यीय नेशनल असेंबली में वर्तमान राष्ट्रपति यून सक यल के खिलाफ महाभियोग विधेयक पक्ष मे, 204 विपक्ष में, 85 वोट, 3 अनुपस्थित और 8 अवैध वोटों के साथ पारित किया गया. तदनुसार, यून सक यल के लिए महाभियोग की प्रक्रिया चालू हो गई. यून ने 3 दिसंबर को अचानक मार्शल लॉ घोषित कर अपनी राजनीतिक कब्र खुद खोद ली .  इसके बाद से यह जोर शोर से प्रचारित किया जा रहा है कि यह दक्षिण कोरिया के असली मालिक जनता की जीत है. लेकिन दक्षिण कोरिया का असली मालिक अमेरिका है. दक्षिण कोरिया की तथाकथित 'जनता " और "लोकतंत्र" के कसीदे पढ़ने वालों को संक्षेप में ये दो बातें अच्छी तरह से मालूम होनी चाहिए कि दक्षिण कोरिया अपने जन्म से ही 1.एक फासीवादी राज्य है  2. अमेरिकी कठपुतली है इसके अलावा दक्षिण कोरिया का जन्म ही अमेरिकी साम्राज्यवादी हितों की सेवा के लिए ही हुआ है. किसी भी अंतर्राष्ट्रीय संबंध के विशेषज्ञ का दक्षिण कोरिया के किसी भी राजनीतिक घटनाक्रम में सबसे पहले अमेरिका की भूमिका का आकलन करना बहुत...

दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ-2

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  अचानक, मंगलवार 3 दिसंबर को लगभग 2300 बजे (स्थानीय समयानुसार) अमेरिकी उपनिवेश दक्षिण कोरिया के कठपुतली राष्ट्रपति यून सक यल ने यह दावा करते हुए मार्शल लॉ घोषित कर दिया कि "उत्तर (कोरिया ) समर्थकों को जड़ से उखाड़ फेंकना" आवश्यक था. हलांकि केवल कुछ ही घंटों बाद यून ने मार्शल लॉ रद्द कर दिया. तो यून ने मार्शल लॉ क्यों लगाया और फिर इसे रद्द कर दिया और मार्शल लॉ की घोषणा का क्या मतलब था? अंतिम प्रश्न का उत्तर पहले दिया जा सकता है. 1960, 1970 और 1980 के दशक में दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ आम बात थी. पार्क छंग ही, छन दू ह्वान और रोह ते वू जैसे सफल तानाशाह तुरंत ही मार्शल लॉ या आपातकाल की घोषणा कर देते थे. 1980 में मार्शल लॉ घोषित होने के बाद दक्षिण कोरियाई कठपुतली सेना द्वारा दक्षिण पूर्वी शहर क्वांगजू के लगभग 5,000 नागरिकों की हत्या कर दी गई थी.कई दक्षिण कोरियाई शासक दक्षिण कोरियाई सेना से आए थे और उन्हें अमेरिका में प्रशिक्षित किया गया था.माना जाता है कि 1980 के दशक के अंत में दक्षिण कोरिया का 'लोकतंत्रीकरण' हुआ लेकिन यह धोखाधड़ी थी. इसका सीधा सा मतलब था कि सैन्य फा...

दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ-1

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3 दिसंबर 2024 को अमेरिकी कठपुतली दक्षिण कोरिया के फासीवादी यून शासन द्वारा मार्शल लॉ की घोषणा से पता चलता है कि दक्षिण कोरियाई कठपुतली शासन प्रणाली गहरे संकट में है और बहुत अस्थिर है. फासीवादी यून शासन संकट से बाहर निकलने का रास्ता तलाश रहा है और सोचता है कि मार्शल लॉ घोषित करना ही उसकी समस्याओं का समाधान है. निःसंदेह दक्षिण कोरिया में "स्वतंत्रता", "लोकतंत्र" और "मानवाधिकार" केवल एक भ्रम हैं.दक्षिण कोरिया में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा नियंत्रित एक फासीवादी शासन है. वैसे भी वहाँ लिबरलों और फासीवादियों में बारीक अंतर है. लिबरिज्म यानि उदारवाद को फासीवाद का "दोस्ताना चेहरा" ही कहा जाता है. हलांकि 6 घंटों के बाद ही दक्षिण कोरिया ने स्पष्ट रूप से मार्शल लॉ हटा लिया.(लेकिन इसे फिर से लगाये जाने की संभावना है).  अचानक मार्शल लॉ घोषित करने वाला यून सक यल 299 सदस्यीय दक्षिण कोरिया के संसद (नेशनल एसेंबली) के 190 सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से पारित मार्शल लॉ को अवैध घोषित करने के फैसले का क्यों सम्मान करने लगा? उसने अपनी थू थू कराने या मिट्टी पलीद करा...

अमेरिकी साम्राज्यवादियों से बातचीत से इंकार

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  विगत 21 नवंबर 2024 को जनवादी कोरिया की राष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी 2024 के उद्घाटन समारोह में अपने भाषण में काॅमरेड किम जंग उन ने उन अटकलों को प्रभावी ढंग से समाप्त कर दिया कि  जनवादी कोरिया और अमेरिका के बीच कोई शिखर सम्मेलन होगा या बातचीत नहीं होगी. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद ऐसी अटकलें तेज हो गईं थीं कि जनवादी कोरिया और अमेरिका के बीच अब फिर से बातचीत और शिखर सम्मेलन होगा क्योंकि ट्रंप के पिछले कार्यकाल में 2018 और 2019 में दो बार जनवादी कोरिया के सर्वोच्च नेता के साथ अभूतपूर्व शिखर सम्मेलन का आयोजन सिंगापुर और हनोई में हुआ था. काॅमरेड किम जंग उन ने उद्घाटन समारोह में यह कहा कि "हमने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता में पहले से ही हर संभव प्रयास किया है, और अंततः हमें इस चीज के प्रति आश्वस्त हो गए कि महाशक्ति (अमेरिका) की हमारे साथ सह-अस्तित्व की इच्छा नहीं थी, बल्कि उसका दबंग रुख और जनवादी कोरिया के प्रति अपरिवर्तनीय आक्रामक और शत्रुतापूर्ण नीति थी. अमेरिकी राजनीतिज्ञ अभी भी कहते हैं, जैसा कि वे कहने के आदी हैं, कि संयुक...