अमेरिकी साम्राज्यवादियों से बातचीत से इंकार

 


विगत 21 नवंबर 2024 को जनवादी कोरिया की राष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी 2024 के उद्घाटन समारोह में अपने भाषण में काॅमरेड किम जंग उन ने उन अटकलों को प्रभावी ढंग से समाप्त कर दिया कि  जनवादी कोरिया और अमेरिका के बीच कोई शिखर सम्मेलन होगा या बातचीत नहीं होगी. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद ऐसी अटकलें तेज हो गईं थीं कि जनवादी कोरिया और अमेरिका के बीच अब फिर से बातचीत और शिखर सम्मेलन होगा क्योंकि ट्रंप के पिछले कार्यकाल में
2018 और 2019 में दो बार जनवादी कोरिया के सर्वोच्च नेता के साथ अभूतपूर्व शिखर सम्मेलन का आयोजन सिंगापुर और हनोई में हुआ था.



काॅमरेड किम जंग उन ने उद्घाटन समारोह में यह कहा कि "हमने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता में पहले से ही हर संभव प्रयास किया है, और अंततः हमें इस चीज के प्रति आश्वस्त हो गए कि महाशक्ति (अमेरिका) की हमारे साथ सह-अस्तित्व की इच्छा नहीं थी, बल्कि उसका दबंग रुख और जनवादी कोरिया के प्रति अपरिवर्तनीय आक्रामक और शत्रुतापूर्ण नीति थी.

अमेरिकी राजनीतिज्ञ अभी भी कहते हैं, जैसा कि वे कहने के आदी हैं, कि संयुक्त राज्य अमेरिका कभी भी शत्रुतापूर्ण नहीं रहा है. इस अजीब-सी लगने वाली बयानबाजी को लंबे समय से दुनिया ने प्रशंसनीय के अलावा कुछ भी कहकर खारिज कर दिया है.


अमेरिकी साम्राज्यवादियों और उनकी जागीरदार ताकतों की किसी भी कीमत पर हमारी विचारधारा और व्यवस्था को खत्म करने और हमारे लोगों को पूरी तरह से नष्ट करने की बेतहाशा महत्वाकांक्षा कभी नहीं बदली है। बल्कि, वे इस सदी में इस महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए पुरजोर प्रयास कर रहे हैं".


इस प्रकार जनवादी कोरिया और उसके सर्वोच्च नेतृत्व को अमेरिकी साम्राज्यवाद के बारे में कोई भ्रम नहीं है, चाहे वह कोई भी चेहरा धारण करे.

कुछ साल पहले ट्रंप की जनवादी कोरिया के साथ शिखर बैठक की पहल अन्य अमेरिकी राष्ट्रपतियों की तुलना में बहुत  प्रगतिशील और अलग लग सकती थी, लेकिन मूलतः यह सामग्री के बजाय स्वरूप में बदलाव था (change of form rather than content). ट्रंप ने जनवादी कोरिया के साथ सीधे बातचीत करने का फैसला किया जबकि पिछले अमेरिकी शासक जनवादी कोरिया के साथ सीधे बातचीत में विश्वास नहीं करते थे. हालाँकि, समाजवादी व्यवस्था को उखाड़ फेंकने की इच्छा से प्रेरित अमेरिकी शत्रुतापूर्ण नीति वैसी ही रही. ट्रंप का मानना ​​​​था कि वह जनवादी कोरिया को उसके परमाणु हथियारों और उसकी समाजवादी प्रणाली को नष्ट करने के लिए धोखा दे सकते हैं, लेकिन जनवादी कोरिया ने एक भी परमाणु हथियार या अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM)नष्ट नहीं किया. जनवादी कोरिया लीबिया, इराक या पूर्व संशोधनवादी सोवियत संघ के रास्ते पर नहीं चलने वाला था.

इस बार जनवादी कोरिया बातचीत के विचार पर विचार ही नहीं करेगा ओर  अपनी सुरक्षा को और मजबूत करना  जारी रखेगा. साथ ही जनवादी कोरिया अमेरिकी साम्राज्यवाद विरोधी शिक्षा को मजबूत कर रहा है.

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