उपभोक्ता वस्तुऐं
यह जनवादी कोरिया यानि उत्तर कोरिया का एक सुपरमार्केट है. जनवादी कोरिया को लेकर पश्चिमी और दक्षिण कोरियाई मीडिया के भयंकर दुष्प्रचार के विपरीत वहाँ किसी चीज की कोई कमी नहीं है.
सुपरमार्केट में चीजें भरपूर मात्रा में हैं और वीडियो में दिखाई जा रहीं लगभग सारी खाने पीने की चीजें जनवादी कोरिया में ही निर्मित हैं और चीन और रुस से आयातित नहीं हैं और काफी सस्ती भी हैं .
अपनी आत्मरक्षा और धनपशुओं की काल समाजवादी व्यवस्था को कायम रखने के लिए साम्राज्यवाद और उसके पुछल्ले देशों के द्वारा लगाए गए कठोर आर्थिक प्रतिबंध भी जनवादी कोरिया के लोगों को अच्छे किस्म के उपभोक्ता सामग्री से वंचित नहीं कर सके.
जिन्हें लगता है कि जनवादी कोरिया अपने विभिन्न प्रकार के उद्योगों के लिए बिना बाहर से आयात किए कच्चा माल कहाँ से जुटा लेता है तो इसपर ये कहना है कि उसके यहाँ हमेशा से ही अपने यहाँ उपलब्ध कच्चे माल से विभिन्न वस्तुऐं बना सकने का अनुसंधान चलता रहता है और उसमें वो काफी हद तक सफल भी रहा है. उदाहरण के लिए वहाँ की जलवायु में चीनी उत्पादन के लिए जरूरी गन्ना की खेती नहीं की जा सकती तो उन्होंने वहाँ बहुतायत में उपजने वाले चुकंदर से चीनी बना डाली जिसे " जूछे चीनी " भी कहते हैं. वहीं अमेरिका की पैदाइश दक्षिण कोरिया इस दुनिया का सबसे बड़ा परजीवी मुल्क है और वहाँ खाने पीने की चीजें बनाने में लगनी वाली 90 फीसदी वस्तुऐं आयातित हैं और स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक जीएमओ (Genetically modified organism) फसलों से बनी हुई हैं.
साम्राज्यवाद के दौर में बड़ी शक्तियों पर निर्भरता खतरनाक है. परजीवी मानसिकता और बड़ी शक्तियों की पूजा वाले दिमाग को जनवादी कोरिया की आत्मनिर्भरता समझ में नहीं आएगी. आप हर चीज में आत्मनिर्भर नहीं हो सकते पर अपने सतत् और सक्रिय प्रयासों से बाहरी शक्तियों पर निर्भरता काफी हद तक कम जरूर कर सकते हैं जैसा जनवादी कोरिया ने कर दिखाया है.
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