जनवादी कोरिया की आर्थिक और सामाजिक उपलब्धियां

 कनाडा के मोंट्रियल स्थित स्वंतंत्र रिसर्च और मीडिया संस्थान ग्लोबल रिसर्च की संयुक्त राष्ट्र संवाददाता और अमेरिकी नागरिक कार्ला स्टी (Carla Stea) ने  साल2017 में उत्तर कोरिया  की यात्रा की और यह लेख लिखा. उत्तर कोरिया की सामाजिक और आर्थिक उपलब्धियों को समझाने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण लेख है और यह पूरा लेख हिंदी में अनुवाद करने लायक है. कार्ला के इस लेख की कुछ बातें मैं यहाँ रख रहा हूँ. कृपया पूरा लेख जरुर पढ़ें.  (लिंक: https://www.globalresearch.ca/the-social-and-economic-achievements-of-north-korea/5594234#sthash.liw5KPNO.gbpl

कार्ला के इस लेख के अनुसार उत्तर कोरिया को लेकर संयुक्त राष्ट्र की भूमिका एकदम शर्मनाक रही है . संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् ने  सिर्फ अमेरिका के हित में अपना काम करते हुए इस देश पर आपराधिक प्रतिबन्ध लगाये. लेकिन उत्तर कोरिया के लोग  बहादुरी से अपने समाजवादी विकास को बरकरार रखते आये हैं और उत्तर कोरिया की पूरी तरह से निःशुल्क उच्च स्तर की शिक्षा , उन्नत स्वास्थ्य व्यवस्था ने  देश को आर्थिक और सामाजिक बराबरी और जनतांत्रिक समाज का एक अनुपम उदाहरण बना दिया. दुनिया में केवल गिने चुने पश्चिमी पूंजीवादी देश ही इतना कर सकते हैं. 

 

कार्ला ने अपने इस लेख में उत्तर कोरिया के बारे में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् की माईकल किर्बी (Michael Kirby )रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा कहा है क्योंकि यह रिपोर्ट उन उत्तर कोरियाई भगोड़ों की गवाही पर आधारित है जिन्हें झूठमूठ की कहानी गढ़ने के लिए ढेर सारे पैसे दिए गए और यह रिपोर्ट मुख्य से एक उत्तर कोरियाई भगोड़े शिन दोंग ह्यूक (Shin Dong-hyuk) की गवाही पर आधारित थी, जिसने बाद में कबूल किया की उसने झूठ बोला था और गलतबयानी की थी (इसके लिए मैं एक लिंक देता हूँ जाकर पढ़ लीजिये Why do North Korean defector testimonies so often fall apart? https://www.theguardian.com/world/2015/oct/13/why-do-north-korean-defector-testimonies-so-often-fall-apart ). इसके अलावा किर्बी की इस रिपोर्ट की सत्यता की जाँच भी नहीं की गयी और खुद माईकल किर्बी ने उत्तर कोरिया जाने की जहमत नहीं उठाई और ज्यादा पैसों के लिए मनगढ़ंत कहानी बनाने वालों के बयान के आधार पर यह झूठी रिपोर्ट तैयार कर दी. लगता है संयुक्त राष्ट्र को अमेरिका की दलाली में अपनी विश्वसनीयता खोने से भी कोई परहेज नहीं है. 


कार्ला ने इस लेख में यह भी लिखा है की जब पिछले साल 2016 में उत्तर कोरिया के उत्तरी भाग में भयंकर बाढ़ आई थी तो देश के नेता किम जोंग उन ने राजधानी प्योंगयांग  में कम महत्वपूर्ण इमारतों के निर्माण को तुरंत स्थगित कर कामगारों को बाढ़ग्रस्त इलाकों में भेज कर  बाढ़ पीड़ितों के लिए नए घर बनाने के आदेश दिए. उत्तर कोरिया की जनता ऐसे ही अपने नेता को प्यार नहीं करती है. 

    

कार्ला ने उत्तर कोरिया  की राजधानी प्योंगयांग स्थित  बच्चों के लिए बने एक अस्पताल का भी दौरा किया और उसे उत्तर कोरिया के बच्चों के लिए एक आश्चर्यजनक उपलब्धि बताया. उनके अनुसार यह अस्पताल पूरी तरह से बच्चों की जरूरतों के हिसाब से डिजाईन किया गया है. इस अस्पताल में बच्चों  की देखभाल प्रशिक्षित डाक्टरों और नर्सों द्वारा अत्याधुनिक उपकरणों द्वारा किया जाता है. देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसे अस्पताल है जहाँ डॉक्टर एक दूसरे से स्काइप द्वारा राजधानी प्योंगयांग स्थित मुख्य अस्पताल से सलाह मशवरा करते हैं अगर क्षेत्रीय अस्पताल जटिल मामलों को नहीं सुलझा पाता  तो मरीजों को हेलीकॉप्टर से प्योंगयांग के मुख्य अस्पताल भेज दिया जाता हैं . कार्ला ने अस्पताल के ठीक बाहर हेलिपैड भी देखा. सारा इलाज और देखभाल बिलकुल मुफ्त है और उत्तर कोरिया के सभी बच्चों तक ऐसी सुविधाओं की पहुँच है.


कार्ला ने प्योंगयांग के एक आंख अस्पताल का भी दौरा किया, उनके अनुसार यह अस्पताल भी अत्याधुनिक उपकरणों से सुस्सजित है . कार्ला ने अपने कांटेक्ट लेंस की भी जाँच कराई  और जाँच का नतीजा उनके न्यूयार्क के चोटी के आँखों के डॉक्टर के बराबर ही निकला. यहाँ भी इलाज बिलकुल मुफ्त है.  उत्तर कोरिया की सरकार डॉक्टर और उसके परिवारों का खर्च खुद उठाती है , जिससे की वो बिना किसी परेशानी के अपने काम पर ध्यान दे सकें और मरीजों का सर्वोत्तम इलाज हो सके.  

कार्ला के अनुसार उत्तर कोरिया के सभी कारखानों के परिसर में स्कूल   बने हुए हैं जिससे कि कामगार और उनके बच्चे भी इसका फायदा उठा सकें, यही हाल वहां के खेतिहर कामगारों का भी है. कार्ला उत्तर कोरिया के बौद्धिक और मानवीय संस्कृति से भी काफी प्रभावित हुईं. 


वहीँ दुनिया के सबसे धनी अमेरिका में बाल मृत्यु दर औद्योगिक देशों में सबसे ज्यादा है  और वहाँ हर पांच में से एक बच्चा खाद्य असुरक्षा का शिकार है. इतना ही नहीं अमेरिका में लाखों बच्चे उत्पीड़न और नशे की लत के शिकार हैं  और तो और अमेरिका के लॉस एंजेलिस  और न्यूयार्क जैसे शहर का उदाहरण देते हुए कार्ला ने कहा है की वहां बेघरों कि समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है और इमरजेंसी वाले हालात हो गए हैं. और अमेरिका कि सरकार अपने लोगों के लिए क्या कर रही है ? अमेरिका की  सरकार परमाणु हथियार पर बहुत सारा धन लगा रही है और गरीबी उन्मूलन उसकी प्राथमिकताओं में है ही नहीं.  

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