अक्टूबर 2025 — जनवादी कोरिया और अमेरिका का स्पष्ट अंतर

 

2025 की चौथी तिमाही का पहला पखवाड़ा बीत चुका है.इस दौरान जनवादी कोरिया  ने वर्कर्स पार्टी की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ को भव्य रूप से मनाकर अपनी राष्ट्रीय शक्ति का प्रदर्शन किया और दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा.



इसके विपरीत, अमेरिका ने अक्टूबर के पहले दिन को संघीय सरकार के शटडाउन (Government Shutdown) के  से शुरू किया. और तो और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग करते हुए बचकाने और शर्मनाक व्यवहार का प्रदर्शन किया.

यह स्पष्ट जनवादी कोरिया–अमेरिका का विरोधाभास बताता है कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था अब बदल रही है.

चमकदार रोशनी बनाम अंधेरी सड़कों की हकीकत

1. जनवादी कोरिया की भव्य झलक

जनवादी कोरिया ने वर्कर्स पार्टी की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर बेहद विविध, रंगीन और भव्य आयोजनों की तैयारी की थी.

कॉमरेड किम जंग उन ने

  • 4 अक्टूबर को "राष्ट्रीय रक्षा हथियार प्रदर्शनी –2025" के उद्घाटन समारोह में भाग लिया,
  • 6 अक्टूबर को फ्यंगयांग जनरल अस्पताल (평양종합병원) के उद्घाटन में शामिल हुए,
  • और 8 अक्टूबर को पार्टी स्थापना ऐतिहासिक स्मारक (당창건사적관) का दौरा किया —
    इसी तरह पार्टी स्थापना सप्ताह की शुरुआत की.

🎉 भव्य उत्सव और जनता की भागीदारी

जनवादी कोरिया ने पार्टी स्थापना दिवस की पूर्व संध्या (9 अक्टूबर) को फ्यंगयांग के नुन्ग्रदो द्वीप (릉라도) स्थित 1 मई स्टेडियम में एक भव्य उत्सव सभा आयोजित की. इस स्टेडियम की क्षमता 1 लाख  11 हज़ार  दर्शकों  की है और पूरा स्टेडियम  जनवादी कोरियाई नागरिकों और विदेशी प्रतिनिधियों से भरा हुआ था.



इस अवसर पर कॉमरेड किम जंग उन ने अपने भाषण में कहा —

आइए हम साहस और आत्मविश्वास से आगे बढ़ें ताकि जनता के सपनों और आदर्शों को साकार करने वाले समाजवादी अभियान की अंतिम सफलता प्राप्त कर सकें.”





  




सभा के बाद, सामूहिक जिम्नास्टिक और कला प्रदर्शन “वर्कर्स पार्टी जिंदाबाद” आयोजित किया गया. यह 5 वर्षों के बाद आयोजित सामूहिक प्रदर्शन था,जिसमें संगीत, पृष्ठभूमि और प्रकाश व्यवस्था का शानदार संयोजन देखने को मिला. जनवादी कोरियाई मीडिया ने इसकी सराहना करते हुए लिखा —यह प्रदर्शन गरिमामय होते हुए भी अत्यंत मंत्रमुग्ध करने वाली कलात्मक दुनिया प्रस्तुत करता है और दर्शकों की जबरदस्त प्रशंसा प्राप्त करता है.” विदेशी प्रतिभागियों द्वारा इंटरनेट पर अपलोड किए गए वीडियो में भी दर्शकों के उत्साहपूर्ण तालियों और जयकारों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है.

🎖 रात का परेड और राष्ट्रीय भोज

10  अक्टूबर की रात 10 बजे,किम इल संग स्क्वायर में सैन्य परेड आयोजित की गई.इस परेड में नए हथियारों से लैस सैनिकों, कुर्स्क युद्ध में भेजे गए अनुभवी सैनिकों,और पहली बार प्रदर्शित कई नए सैन्य उपकरणों ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया.परेड के समापन के बाद राष्ट्रीय भोज भी आयोजित किया गया.

🔥 मशाल रैली और जनसमूह का जश्न

कार्यक्रम अगले दिन भी जारी रहा.11 अक्टूबर की शाम, किम इल-सुंग स्क्वायर में पार्टी स्थापना 80वीं वर्षगांठ जन रैली और मशाल परेड हुई. विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों से आए नागरिकों ने भाग लिया,जो यह दर्शाता था कि हर नागरिक इस उत्सव का नायक है.उनके चेहरों पर लगातार खुशी और गर्व झलक रहा था.

12 अक्टूबर को कॉमरेड किम जंग उन ने उत्सव में भाग लेने वाले कलाकारों और आयोजकों को फिर से सामूहिक प्रदर्शन कोरियन वर्कर्स पार्टी जिंदाबाद” में आमंत्रित किया, उनकी प्रशंसा और आभार व्यक्त किया.

इसके बाद उन्होंने कुम्सुसान सन पैलेस (금수산태양궁전) में जाकरश्रद्धांजलि अर्पित की,जिसके साथ ही पार्टी स्थापना 80वीं वर्षगांठ के कार्यक्रमों का समापन हुआ.

 

🌧 बारिश के बीच भी जोश

हालाँकि बीच-बीच में हल्की बारिश और बदली भरा मौसम रहा,फिर भी सभी आयोजन भव्यता और जुनून के साथ संपन्न हुए.प्रतिभागियों के चेहरों पर खुशी, गर्व और देशभक्ति की भावना स्पष्ट झलक रही थी.


 अमेरिका की अंधकारमय स्थिति

अमेरिका के स्थानीय समयानुसार 1 अक्टूबर की मध्यरात्रि सेसंघीय सरकार शटडाउन (Shutdown) की स्थिति शुरू हो गई.अमेरिका का वित्तीय वर्ष हर साल 1 अक्टूबर से प्रारंभ होता है.यदि उससे पहले कांग्रेस द्वारा बजट पारित नहीं किया जाता, तो संघीय सरकार कोई भी खर्च नहीं कर सकती.इस कारण मुख्य कार्यों को छोड़कर सभी सरकारी विभागों की गतिविधियाँ रुक जाती हैं, और यहाँ तक कि महत्वपूर्ण विभागों के कर्मचारियों को भी वेतन नहीं दिया जा सकता.

 

📉अमेरिकी शटडाउन लंबा खिंचता जा रहा है — असर कहाँ तक पहुँचेगा?”

ख़बरों के मुताबिक ,शटडाउन के पखवाड़े बीतने के बाद अमेरिका के भीतर हर जगह समस्याएँ  सामने आने लगी हैं. 13,000 हवाई यातायात नियंत्रक और50,000 से अधिक परिवहन सुरक्षा प्रशासन (TSA) के कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं.इससे थकान, अनुपस्थिति, उड़ानों में देरी और रद्दीकरण की घटनाएँ बढ़ रही हैं.राष्ट्रीय बाढ़ बीमा कार्यक्रम (NFIP) ठप हो गया है,जिसके कारण प्रति दिन औसतन 3,600 से अधिक आवासीय लेनदेन रुके या रद्द हो रहे हैं.वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा (Medicare) और होम-हॉस्पिटल कार्यक्रमों के पायलट प्रोजेक्ट बंद हो गए हैं.सर्दियों के आगमन और फ्लू जैसी बीमारियों के प्रसार के चलतेस्वास्थ्य व्यवस्था के ध्वस्त होने का खतरा बढ़ गया है.रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CDC) के 1,300 कर्मचारियों समेत 4,000 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है.

विशेषज्ञों के अनुसार,यदि यह स्थिति जारी रही तो चौथी तिमाही (Q4) में देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में0.3 प्रतिशत अंक की गिरावट आ सकती है.

वास्तव में, अमेरिकी संघीय सरकार का शटडाउन कोई नई बात नहीं है.ऐसी घटनाएँ पहले भी कई बार हो चुकी हैं.इसी वजह से कई अमेरिकी अब इसे हल्के में लेते हुए कहते हैं —फिर वही पुरानी कहानी… अंत में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी समझौता कर ही लेंगी.”लेकिन यह तथ्य कि शटडाउन होने की घटनाएँ अब बार-बार हो रही हैं,यह संकेत है कि अमेरिका की आंतरिक स्थिति सामान्य नहीं रह गई है.

💣 ट्रंप शासन और ‘गृहयुद्ध’ की आशंका

ट्रंप शासन के दौरान अमेरिका में गृहयुद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है,ऐसी चिंताएँ बढ़ती जा रही हैं. विश्लेषकों का कहना है कि इस बार का शटडाउन पिछले वर्षों की तरह आसानी से समाप्त नहीं होगा. कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण के लिए सेना का उपयोग कर वास्तविक रूप से आपातकाल (martial law) लागू करना चाहता है,और शटडाउन संकट उसी योजना से किसी न किसी तरह जुड़ा हो सकता है.

🔫 हिंसा और विरोध से भरा अमेरिका

वर्तमान में अमेरिका में सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रवासियों पर गोलीबारी जैसी हिंसक कार्रवाइयाँ लगातार हो रही हैं,जिससे जनता का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं.ट्रंप
डेमोक्रेटिक पार्टी के गढ़ माने जाने वाले शहरों मेंविद्रोह की स्थिति” घोषित कर सेना को तैनात कर रहा है,जिससे अराजकता और दंगों को बढ़ावा मिल रहा है.इस तरह, कानूनी विवादों और सैन्य हस्तक्षेपों के बीचअमेरिकी समाज अब एक अस्थिर और विस्फोटक माहौल में पहुँच गया है,जहाँ यह कहना मुश्किल है कि कब और कहाँ से हिंसा भड़क उठेगी.

जनवादी कोरिया की सैन्य परेड — सैनिक और हथियार

इस बार की जनवादी कोरियाई सैन्य परेड लंबी या दिखावटी नहीं थी.यह एक संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली” परेड थी,जिसमें विभिन्न प्रकार के हथियारों की बजाय कुछ चुनिंदा, अत्याधुनिक हथियारों को ही प्रदर्शित किया गया. इसी वजह से सैनिकों की अनुशासनबद्ध चाल और एकरूप कदमताल और भी ज्यादा प्रमुख नज़र आई. जनवादी कोरिया इस कार्यक्रम को सेना परेड नहीं,
बल्कि सशस्त्र शक्ति परेड” कहता है.इसका अर्थ है कि इसमें सिर्फ सेना ही नहीं,बल्कि रिज़र्व फोर्स, सिविल डिफेंस, पुलिस, और ख़ुफ़िया एजेंसियाँ भी शामिल होती हैं.

इसलिए, सूट पहने ख़ुफ़िया अधिकारियों,मेडिकल कर्मियों या युवा मार्चिंग दलों की झलक भी देखने को मिली —जो आम सैन्य परेडों में शायद ही दिखाई देते हैं.इस व्यापक भागीदारी से यह स्पष्ट हुआ कि पूरा जनवादी कोरियाई समाज ही राष्ट्रीय रक्षा का हिस्सा है.



⚔️ अनुशासन और एकता का प्रदर्शन

सैनिकों की परेड देखकर यह तुरंत स्पष्ट होता है कि उनकी ट्रेनिंग अत्यंत कठोर और सटीक है.चाहे सामने से देखा जाए , बाएँ-दाएँ से, या तिरछे कोण से, वे हर दिशा से एकदम समान, सीधी और समन्वित चाल में चलते हैं.यहाँ तक कि सिर घुमाने या हाथ उठाने जैसी छोटी हरकतें भी संपूर्ण एकरूपता से की जाती हैं.सैन्य अनुशासन में यह एक बुनियादी प्रशिक्षण है जिससे सैनिक युद्ध के अस्थिर माहौल में भी एक शरीर की तरह सामूहिक रूप से कार्य कर सकें.

जनवादी कोरियाई सैनिकों का यह समन्वय कुरस्क युद्ध में उनके प्रदर्शन से भी प्रमाणित होता है.रिपोर्टों के अनुसार, जब यूक्रेनी ड्रोन दिखाई देते थे,तो तीन सैनिकों की एक टीम बनती थी —एक सैनिक ड्रोन को आकर्षित करता, जबकि बाकी दो उसे गिराने की कार्रवाई करते.यह मिशन तभी संभव है जब सैनिक एक-दूसरे पर पूर्ण भरोसा करेंऔर एक इकाई की तरह कार्य करें.

सैनिकों की आत्मविश्वास से भरी मुद्रा

मार्च करना कठिन कार्य है,और सैन्य परेड मार्च तो और भी कठिन,क्योंकि इसमें घुटने नहीं मोड़ने और हाथों को ऊँचा उठाकर चलने की सख्त शर्तें होती हैं.फिर भी, सैनिकों के चेहरों पर थकान नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, गर्व और उल्लास झलक रहा था.उनके हावभाव में यह भावना स्पष्ट थी किवे अपने सर्वोच्च नेता और जनता के सामने सेना का प्रतिनिधित्व करना एक सम्मान समझते हैं,और यह भी कि अगर युद्ध हुआ, तो हम अवश्य जीतेंगे” ऐसा अटूट आत्मविश्वास उनमें विद्यमान है.

 

🚀 सीमित लेकिन घातक नए हथियार




भले ही इस बार कई हथियार प्रदर्शित नहीं किए गए,लेकिन जो दिखाए गए, वे सभी दुनिया को चौंका देने वाले रणनीतिक हथियार थे. पहले से मौजूद ह्वासंग-19” (Hwasong-19)— दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM)अब ह्वासंग-20” (Hwasong-20) के रूप में उन्नत रूप में दिखा. ह्वासंग-11 मा (Hwasong-11 Ma) —लघु-दूरी हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित करने वाला दुनिया का पहला उदाहरण बन गया. आत्मघाती ड्रोन लॉन्चर वाहनजनवादी कोरिया की ड्रोन तकनीक की आधुनिक युद्ध क्षमता को उजागर करता है.उच्च-सटीक बहु-रॉकेट टैक्टिकल गाइडेड वेपन’, जो अमेरिका के HIMARS सिस्टम की याद दिलाता है. 600 मिमी सुपर रॉकेट लांचर,जो युद्ध के दौरान आकाश से बरसने वाले परमाणु हथियारों जैसा प्रभाव पैदा कर सकता है. नई पीढ़ी का टैंक “छनमा-20’ (Chonma-20)
और नया स्वचालित तोपख़ाना (Self-Propelled Gun)  जो तकनीकी दृष्टि से विश्व-स्तरीय हथियार बताए जा रहे हैं.

जनवादी कोरिया अब केवल परमाणु हथियारों पर निर्भर नहीं है,बल्कि परंपरागत हथियारों के विकास में भी विशाल संसाधन झोंक रहा है. संभावना है कि अगले वर्ष प्रारंभ होने वाली 9वीं पार्टी कांग्रेस मेंपरमाणु और पारंपरिक सैन्य शक्ति के समानांतर विकास” की नीति आधिकारिक रूप से घोषित की जाएगी.यहाँ तक कि सैनिकों के व्यक्तिगत हथियार और उपकरण भीपूरी तरह जनवादी कोरिया में विकसित नए मॉडलों से बदल दिए गए हैं.

झुके हुए अमेरिकी जनरल

30 सितंबर 2025 को अमेरिका में एक अभूतपूर्व घटना घटी —दुनिया भर में तैनात 800 से अधिक अमेरिकी जनरल वर्जीनिया के क्वांटिको मरीन बेस पर अचानक बुलाए गए.

सबको लगा यह किसी नई सैन्य रणनीति की घोषणा होगी.लेकिन दरअसल यह निकला राष्ट्रपति ट्रंप और युद्धमंत्री पीट हेगसेथ कासेना पर अनुशासन और धमकी” शो,जो पूरी तरह दक्षिणपंथी राजनीतिक भाषण में बदल गया.

ट्रंप ने अपने भाषण में कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रभाव वाले शहरों के खिलाफ युद्ध छेड़ो.”और जो उनके आदेश नहीं मानना चाहता, उसे वर्दी उतारकर बाहर निकल जाना चाहिए.”

उसने राजनीतिक रूप से निष्पक्ष रहने की शपथ लेने वाले जनरलों को एक घंटे से अधिक समय तक अपमानित किया,और उन्हें हँसने तक से मना” कर दिया गया था वे भावहीन चेहरों के साथ यह सब सहन करने को मजबूर थे.

💢 हेगसेथ का अपमानजनक भाषण

पीट हेगसेथ ने कहा किअमेरिकी सेना की युद्ध क्षमता घट गई है.”और चिल्लाकर बोला —मुख्यालय में मोटे जनरल और एडमिरल बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे!अगर वजन कम नहीं कर सकते तो सेना छोड़ दो!”उसने यह भी आरोप लगाया किकई जनरल समलैंगिक अधिकारों की वकालत” के कारण पदोन्नति पाए हैं, और वादा किया कि उन्हें सेना से निकाल दिया जाएगा.

यहाँ तक कि उसने अंतरराष्ट्रीय कानून और युद्ध नियमों की अवहेलना करते हुए कहा — जेनेवा समझौता(Geneva Convention) और युद्ध के नियम  Rules of Engagement को मानने से इनकार करो.”यानी उसने जनरलों से युद्ध अपराधी बनने की मांग की! हेगसेथ पहले भी नागरिक नरसंहार और यातना पर प्रतिबंधों को नकारने वाले बयान देता रहा है.

विश्व की सर्वोच्च सेना” का अपमान

जो जनरल कभी यह सोचते थे किवे दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना” के सितारे (Stars) पहनते हैं, उन्हें अचानक बुलाकर एक व्यापारी राष्ट्रपति और चरमपंथी पूर्व-मेजर मंत्री सार्वजनिक रूप से नीचा दिखाएँ ,यह उनके लिए कल्पना से परे अपमान था. उनके चेहरों पर भले ही भाव न थे, पर उनके मन में गुस्सा, निराशा और अपमान का तूफ़ान चल रहा था, क्योंकि वर्दी पहनने वाले सैनिकों को राजनीतिक नाटक के मोहरे में बदल दिया गया था.


🌆 भव्य नया शहर बनाम अपराध का शहर 

विदेशियों द्वारा उजागर की गई जनवादी कोरिया की आर्थिक प्रगति

जनवादी कोरिया अगले साल की शुरुआत में होने वाले 9वें पार्टी कांग्रेस से पहले, इस वर्ष के अंत तक अपने "राष्ट्रीय आर्थिक विकास पाँच वर्षीय योजना" को पूरा करने में पूरी ताकत झोंक रहा है.घरेलू मीडिया में जो दिखाया जाता है उससे अलग, वास्तव में जनवादी कोरिया की अर्थव्यवस्था काफी तेज़ी से विकसित होती दिख रही है.

हालाँकि जनवादी कोरिया सटीक आर्थिक आँकड़े (जैसे GDP) सार्वजनिक नहीं करता, लेकिन किसी देश की आर्थिक क्षमता को दिखाने वाले प्रमुख संकेतकों में से एक — शहरी निर्माण की स्थितिको देखकर यह स्पष्ट है कि देश ने काफ़ी ऊँचाई हासिल कर ली है.

2021 में, जनवादी कोरिया ने फ्यंगयांग में हर साल 10,000 परिवारों के लिए अपार्टमेंट बनाकर पाँच साल में कुल 50,000 आवास इकाइयाँ तैयार करने की योजना शुरू की. इस योजना के तहत सोंघ्वा स्ट्रीट और ह्वासंग क्षेत्र के पहले से तीसरे चरण पूरे हो चुके हैं और वर्तमान में चौथा चरण निर्माणाधीन है.पूरा हुआ नया शहर इतना शानदार दिखता है कि इसे किसी विकसित देश के आधुनिक शहर से तुलना की जा सकती है.

                           ह्वासंग क्षेत्र का तीसरा चरण विकास क्षेत्र

यह विकास केवल फ्यंगयांग तक सीमित नहीं है.पेक्तु पर्वत की तलहटी में स्थित छोटा गाँव सामजियन काउंटी अब "पूर्ण रूप से परिवर्तित" होकर 2019 में सामजियन शहर के रूप में उभरा है — जिसे देखकर ऐसा लगता है मानो आप स्विट्ज़रलैंड पहुँच गए हों.


                                    सामजियन शहर


इसके अलावा, वनसान-काल्मा समुद्र तटीय पर्यटन क्षेत्र, जो 1 जुलाई को खोला गया, को विश्वस्तरीय रिसोर्ट के रूप में विकसित किया गया है.



                            वनसान-काल्मा समुद्र तटीय पर्यटन क्षेत्र

साथ ही, रयनफो, खांगदोंग और शिनउइजू में विशाल ग्रीनहाउस कृषि फार्म का भी निर्माण किया गया है.
तस्वीरों से स्पष्ट है कि ये केवल आकार में ही बड़े नहीं, बल्कि आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकी का समावेश भी करते  है.

                                    खांगदोंग ग्रीनहाउस फार्म

"ग्रामीण क्रांति" के हिस्से के रूप में, जनवादी कोरिया हर साल 20 जिलों में आधुनिक आवास और हल्के उद्योग के कारखाने बना रहा है — इसे "स्थानीय विकास 20x10 नीति" कहा जाता है.इसके अलावा, सभी जिलों में आधुनिक अस्पताल और अनाज गोदाम भी बनाए जा रहे हैं.

पार्टी स्थापना समारोह में भाग लेने आए विदेशी आगंतुकों द्वारा साझा की गई तस्वीरें और वीडियो भी यह पुष्टि करते हैं कि जनवादी कोरिया की अर्थव्यवस्था तेज़ी से आगे बढ़ रही है.





फ्यंगयांग शहर के हालिया विकास का नजारा. यह सारे वीडियो 7 अक्टूबर से लेकर 14 अक्टूबर 2025 तक जनवादी कोरिया के यात्रा पर रहे ब्रिटिश नागरिक डर्मोट हडसन(Dermot Hudson) के ब्लॉग से लिए गये हैं. 

 संक्षेप में, जनवादी कोरिया की अर्थव्यवस्था वर्तमान में काफी आगे बढ़ती प्रतीत होती है.

 अपराध का शहर

इसके विपरीत, अमेरिका की वास्तविकता बिल्कुल अलग है.वहाँ के बड़े शहरों की चमकदार सड़कों के पीछे, कुछ ही ब्लॉक अंदर जाने पर ऐसे भयावह दृश्य दिखते हैं कि यकीन करना मुश्किल हो जाता है कि यह वही "अमेरिका" है. पेंसिल्वेनिया राज्य के फिलाडेल्फिया शहर में एक जगह है केंसिंग्टन, जिसे पुलिस ने पूरी तरह छोड़ दिया है.यह इलाका अब ड्रग्स के कारोबार और नशेड़ियों का केंद्र बन चुका है. देशभर के ड्रग तस्कर और नशेड़ी यहाँ इकट्ठे होते हैं, और दिन के उजाले में भी सड़कों पर ज़ॉम्बी जैसे नशे में चूर लोग घूमते दिखाई देते हैं.कहा जाता है कि अमेरिका के हर बड़े शहर में ऐसे "ड्रग्स इलाके" मौजूद हैं.


                         न्यूयॉर्क का एक बेघर व्यक्ति

ड्रग्स के साथ-साथ, बेघर लोगों की समस्या भी बेहद गंभीर है.जनवरी 2024 तक, अमेरिका में बेघर लोगों की संख्या 77 लाख से अधिक हो गई थी. हर शहर और राज्य इस संकट से जूझ रहा है .कुछ जगहों पर तो अधिकारियों ने बेघरों को बसों में भरकर दूसरे राज्यों में भेजना शुरू कर दिया है.

इसके अलावा, गन क्राइम भी अमेरिका की पहचान बन चुका है.उदाहरण के लिए, 28 सितंबर को मिशिगन राज्य में एक बंदूकधारी ने प्रार्थना सभा के दौरान गोलियाँ बरसाईं और आग लगा दी, जिससे कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई.
अमेरिका में अधिकांश गोलीबारी की घटनाओं में अपराधी अपराध के बाद खुद आत्महत्या कर लेते हैं, जिससे ऐसे अपराधों को रोकना लगभग असंभव हो जाता है.

इन आत्मघाती अपराधों के पीछे मुख्य कारण है — गंभीर आर्थिक संकट.
अमेरिका के उपराष्ट्रपति JD वेंस की बेस्टसेलर आत्मकथा "हिलबिली एलिजी (Hillbilly Elegy)" में उसनेगरीब श्वेत वर्ग की दुर्दशा का वर्णन किया है. वह लिखता है  —मैं लोगों को यह बताना चाहता था कि जब कोई व्यक्ति पूरी तरह निराशा की स्थिति तक पहुँच जाता है, तो वह कैसा महसूस करता है. गरीबी केवल भौतिक नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी विनाशकारी होती है.” उसने यह भी लिखा —हर गरीब परिवार में कम से कम एक सदस्य नशे की लत में डूबा होता है.”

अमेरिका की अर्थव्यवस्था की यह बदहाली बेरोजगारी दर से भी झलकती है.अगस्त 2025 में अमेरिकी बेरोजगारी दर 4.3% तक पहुँच गई — जो पिछले 4 सालों में सबसे अधिक है.फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने चेतावनी दी कि आने वाले समय में यह दर और बढ़ सकती है.वहीं, LISEP (Ludwig Institute for Shared Economic Prosperity) के अनुसार, वास्तविक बेरोजगारी दर 24.3% है — यानी हर चार में से एक अमेरिकी बेरोजगार है.

सबसे चिंताजनक बात यह है कि अब अमेरिका का पारंपरिक मध्यमवर्ग — श्वेत पुरुष — भी बेरोजगारों की पंक्ति में खड़ा है.स्थायी नौकरी न मिलने के कारण, अधिकतर लोग अब पार्ट-टाइम काम करने को मजबूर हैं.पिछले पाँच वर्षों में अमेरिका में पार्ट-टाइम रोजगार लगातार बढ़ा है.

👉 निष्कर्षतः, जहाँ जनवादी कोरिया जैसे देश तेज़ी से आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं अमेरिका जैसे “सुपरपावर” में आम लोग निराशा, अपराध और गरीबी में डूबते जा रहे हैं —एक ऐसा देश, जो अब आशा से अधिक अराजकता का प्रतीक बन गया है.

 


      अमेरिका में अंशकालिक (पार्ट-टाइम) रोजगार संकेतक

🌏 विश्व का केंद्र बनाम हाशिये पर खड़ा देश

विश्व के केंद्र में उभरता हुआ जनवादी कोरिया

यूक्रेन युद्ध ने यह स्पष्ट रूप से दिखा दिया है कि आधुनिक युद्ध का वास्तविक शक्ति केंद्र कौन है.पश्चिमी दुनिया के पूरे गठबंधन से अकेले लड़ रहा रूस — इस युद्ध में केवल एक सहयोगी देश से सैनिकों की मदद पा रहा है — और वह है जनवादी कोरिया. दुनिया ने कुर्स्क युद्ध के माध्यम से जनवादी कोरियाई सेना की असली ताकत को प्रत्यक्ष रूप से देखा.

यूक्रेनी 225वीं स्वतंत्र आक्रमण ब्रिगेड के कमांडर ओलेह सिरियायेव ने कहा:यदि जनवादी कोरियाई सेना न होती, तो रूस कभी भी कुर्स्क को पुनः प्राप्त नहीं कर पाता.
जनवादी कोरियाई सैनिक अब ‘एलीट अटैक यूनिट’ बन चुके हैं और वे तेजी से रूसी हमले के अग्रणी बन गए हैं.”

इसके अलावा यूक्रेन की विशेष बलों ने मूल्यांकन किया किपाँच जनवादी कोरियाई सैनिकों की युद्ध क्षमता, दस रूसी सैनिकों के बराबर है.”

समाचार एजेंसी AP  ने 12 जनवरी 2025 को रिपोर्ट किया:

यूक्रेनी सैनिकों का कहना है कि जनवादी कोरियाई सेना, रूसी सेना से अधिक प्रशिक्षित, पेशेवर और संगठित है.”

अमेरिकी रेडियो नेटवर्क NPR ने 16 जून 2025 की रिपोर्ट में यूक्रेनी 8वीं विशेष बल ब्रिगेड के एक सैनिक के हवाले से कहा:

जनवादी कोरियाई सैनिक अधिक कुशल, शारीरिक रूप से फिट और अत्यधिक अनुशासित हैं — यह सब रूसी सेना से कहीं अधिक प्रभावशाली था.”

निष्कर्ष — जनवादी कोरियाई सेना, रूसी सेना से भी अधिक शक्तिशाली साबित हुई है.

 

सितंबर में चीन के ‘विजय दिवस’ समारोह में भी जनवादी कोरिया केंद्र में रहा.
दक्षिण कोरिया के अख़बार कोरिया डेली ने 5 सितंबर 2025 की रिपोर्ट में लिखा:

“‘चीन के विजय दिवस’ की 80वीं वर्षगांठ के इस बड़े कूटनीतिक आयोजन के सबसे बड़ा विजेता जनवादी कोरियाई नेता (कॉमरेड) किम जंग उन हैं.जनवादी कोरिया अब ‘ग्लोबल साउथ’ (वैश्विक दक्षिण) गुट के प्रमुख नेता के रूप में उभरा है और उसने ‘सभी कूटनीतिक लाभ’ अपने पक्ष में कर लिए हैं.”

न्यूज़टोमैटो (News Tomato) ने भी 6 सितंबर की रिपोर्ट में यही कहा:

चीन की विजय परेड में (कॉमरेड) किम जंग उन को सबसे बड़ा विजेता माना जा रहा है — और अब अगला कदम जनवादी कोरिया-अमेरिका वार्ता की दिशा में होगा.”

दक्षिण कोरिया की इहवा वोमंस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर  पाक वन गोन ने कहा:

(कॉमरेड) किम जंग उन का (कॉमरेड) शी जिनपिंग के बगल में खड़ा होना स्वयं में एक राजनीतिक विजय की घोषणा थी.”

दक्षिण कोरिया के एकीकरण अनुसंधान केंद्र के विशेषज्ञ चो हान बम  ने भी कहा:

(कॉमरेड) किम जंग उन ने सभी स्पॉटलाइट्स अपने ऊपर केंद्रित कर लीं — यह स्पष्ट राजनीतिक जीत है.”

विशेषज्ञ किम दोंग यप ने कहा:

इस बार की चीन यात्रा, जनवादी कोरिया के रणनीतिक मूल्य को अधिकतम करने का एक कदम थी. विजय दिवस का असली नायक (कॉमरेड) किम जंग उन ही हैं.”

अमेरिकी CNN ने विश्लेषण किया:

(कॉमरेड)किम जोंग उन केंद्र में थे.
(कॉमरेड)शी जिनपिंग यह दिखाना चाहते थे कि पश्चिम से टकराने वाले नए विश्व व्यवस्था में (कॉमरेड) किम जंग उन एक आवश्यक साझेदार हैं.”

यह रुझान जनवादी कोरिया की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ समारोह में भी देखने को मिला.
जनवादी कोरिया के इर्द-गिर्द चीन, वियतनाम, रूस और लाओस जैसे देशों की भागीदारी और सहयोग स्पष्ट रूप से दिखाई दिया. खासकर रूसजिसके शासक दल से लेकर विपक्ष तक  सभी प्रतिनिधि दल इस समारोह में शामिल हुए और जनवादी कोरिया के साथ घनिष्ठ संबंधों की इच्छा जताई.रूस और चीन दोनों ने अपने कला दल (आर्ट ट्रूप) को जनवादी कोरिया भेजकर सांस्कृतिक मित्रता को भी मज़बूत किया.इसके अलावा ईरान, वेनेज़ुएला, ब्राज़ील, निकारागुआ, मैक्सिको और इक्वेटोरियल गिनी जैसे देशों ने भी अपने प्रतिनिधि भेजे.

 इन सबके माध्यम से यह स्पष्ट हो गया है कि जनवादी कोरिया अब "विश्व के केंद्र" के रूप में उभर रहा है.

 

 हाशिये पर जा रहा अमेरिका

विवादित बयानों और अपमानजनक टिप्पणियों के लिए मशहूर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप  इस बार जनवादी कोरिया के मामले में असामान्य रूप से चुप दिखाई देता है.दुनिया भर के देशों पर आलोचना करने वाले ट्रंप, जनवादी कोरिया के बारे में बोलने से बचता है.अगर कभी बात निकल भी जाए तो वे केवल प्रशंसात्मक शब्द ही कहते हैं.

जनवादी कोरिया जब परमाणु हथियार उत्पादन या नए हथियारों की बात करता है, तब भी ट्रंप न तो विरोध करता है, न निंदा, बल्कि उन्हें परमाणु शक्ति वाला देश मानने की बात स्वीकारता है .

पहले, जब ह्वासंग-17 मिसाइल प्रदर्शित हुई थी, तब अमेरिकी विशेषज्ञों ने उसे “राक्षस मिसाइल” कहकर हल्ला मचाया था.लेकिन जब जनवादी कोरिया ने हाल ही में और बड़ी ह्वासंग-20 अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल दिखाई, तो पूरा अमेरिका चुप रहा. क्यों?

दक्षिण कोरिया के मनोवैज्ञानिक शोधकर्ता किम थे ह्यंग ने कहा:

अमेरिका ने कुर्स्क में जनवादी कोरिया की सैन्य भागीदारी के बाद से चुप्पी साध ली है.
जब तक जनवादी कोरिया ने आधिकारिक रूप से भागीदारी स्वीकार नहीं की थी, पश्चिमी मीडिया तरह-तरह की बातें कर रहा था,लेकिन जैसे ही यह सच हुआ, सभी मौन हो गए — क्योंकि कुर्स्क युद्ध में यूक्रेन की भारी हानि ने पश्चिम को झकझोर दिया.अमेरिका अब जनवादी कोरिया की सैन्य शक्ति से भयभीत है.”

अमेरिका की यह कमज़ोरी अब अन्य देशों के सामने भी दिखने लगी है.ट्रंप पहले की तरह धौंस जमाने की कोशिश करता  हैं, लेकिन जब सामने वाला देश मज़बूती से जवाब देता है, तो वह पीछे हट जाता है.लोगों ने अब उसके लिए एक नया शब्द गढ़ा है — Trump Always Chickens Out  (TACO)”, जिसका अर्थ है “ट्रंप हमेशा डरकर भाग जाता है.”

हाल ही में ट्रंप ने चीन के साथ व्यापार युद्ध फिर शुरू करने की धमकी दी,लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि अंत में अमेरिका को ही पीछे हटना पड़ेगा.साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने तो व्यंग्य में ट्रम्प को मेगा टाको” कहा.

ट्रंप ने ब्राज़ील पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी दी,लेकिन जब ब्राज़ील ने कठोर प्रतिक्रिया दी, तो ट्रंप ने तुरंत पीछे हटकर शिखर वार्ता का प्रस्ताव दिया.अब दुनिया के देश जान चुके हैं कि ट्रंप और अमेरिका से कैसे निपटना है.बस मज़बूती से खड़े रहो, और अमेरिका खुद झुक जाएगा. सिर्फ कायर मोदी के भारत जैसे देशों को छोड़कर.

साथ ही, अमेरिका के अपने मित्र देशों(गुलामों) के साथ संबंध भी तनावपूर्ण हो गए हैं —
टैरिफ विवाद, रक्षा बजट वृद्धि की माँग, पर्यावरण नीतियाँहर क्षेत्र में टकराव बढ़ रहा है.
अमेरिका हमेशा अपने सहयोगियों से लाभ उठाने की कोशिश करता है, लेकिन अब सहयोगी देश विरोध करने लगे हैं.

  • यूरोप के साथ — यूक्रेन युद्ध को लेकर मतभेद
  • दक्षिण कोरिया के साथ — अमेरिकी निवेश विवाद
  • जापान के साथ — अमेरिकी सैन्य अड्डों के खर्च को दोगुना करने की माँग

पहले की तरह अब कोई भी सहयोगी(गुलाम) अमेरिका की हर शर्त नहीं मानता क्योंकि वे समझ चुके हैं कि अमेरिका की ताकत अब पहले जैसी नहीं रही.

 परिणामस्वरूप, अमेरिका अब धीरे-धीरे विश्व के हाशिये पर जा रहा है. जहाँ कभी वह केंद्र में था, अब वह केवल एक बाहरी दर्शक बनकर रह गया है.



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